अचानकमार टाइगर रिजर्व: गांवों के विस्थापन और वन्यजीव सुरक्षा पर PCCF की समीक्षा बैठक

अचानकमार, मुंगेली। अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के कोर क्षेत्र के गांवों के विस्थापन और बाघ-हाथी सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के विषय पर आज एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ (वन्यजीवन) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक सुधीर अग्रवाल ने की। बैठक में एटीआर के अधिकारी, कोर एरिया के सरपंच, जनप्रतिनिधि और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में विस्थापन से संबंधित मुद्दों पर गांव के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई। जनप्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं और अपेक्षाएं साझा कीं, जिन पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। श्री अग्रवाल ने कहा कि विस्थापन से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता और समाधान प्रदान किया जाएगा।
इसके साथ ही श्री अग्रवाल ने शिवतराई स्थित बैग रिसॉर्ट का दौरा किया और वहां आए पर्यटकों से मुलाकात कर इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के एटीआर प्रबंधन के प्रयासों का जायजा लिया।
सुरक्षा व्यवस्था पर दिया गया विशेष ध्यान
बैठक के बाद पीसीसीएफ ने कोर क्षेत्र का भ्रमण कर सुरक्षा कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बाघ और हाथी जैसे प्रमुख वन्यजीवों की सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए ट्रैकिंग, ट्रैप कैमरा इंस्टालेशन, एम-स्ट्राइप पेट्रोलिंग, एलिफेंट ट्रैकिंग और एसटीपीएफ की भूमिका पर चर्चा की। सुरक्षा से जुड़े सभी प्रोटोकॉल को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए।
ग्रामीणों की भागीदारी पर जोर
श्री अग्रवाल ने वन्यजीव मुआवजा प्रकरणों को तेजी से निपटाने और ग्रामीणों को वन्यजीव सुरक्षा में सहभागी बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी बेहद जरूरी है।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में सीसीएफ (वन्यजीवन) मनोज पांडे, डिप्टी डायरेक्टर गणेश यू आर और एटीआर के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सरपंच अचानकमार और छपरवा सहित कोर एरिया के कई जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
बैठक के दौरान पर्यावरण संरक्षण और टाइगर रिजर्व की सुरक्षा को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए। यह समीक्षा बैठक एटीआर के विकास और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।