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फर्जी नोटिस स्कैम

रायपुर। साइबर ठगी के नए तरीकों में एक सामान्य तरीका है जिसका उपयोग ठग लोगों को डराने, भ्रमित करने या उनसे पैसे व जानकारी हासिल करने के लिए करते हैं।

👉नोटिस को अक्सर किसी सरकारी, कानूनी या वित्तीय संस्था के नाम पर तैयार किया जाता है। अधिकतर पुलिस
👉इसमें किसी गंभीर मुद्दे का उल्लेख होता है, जैसे कर भुगतान, बैंक खाता ब्लॉक होने, अदालत में केस या जुर्माना,भाषा औपचारिक होती है ताकि यह असली लगे।

👉नोटिस में तुरंत कार्रवाई करने की मांग होती है ,24 घंटे में जवाब दें। यदि भुगतान नहीं किया तो संपत्ति जब्त हो जाएगी।
अदालत का समन जारी होगा ,यह डराने का तरीका होता है ताकि व्यक्ति घबराकर निर्णय ले।
👉 ठग किसी जुर्माने या पेनल्टी के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं।

👉व्यक्ति से उसके बैंक अकाउंट, आधार कार्ड या अन्य गोपनीय जानकारी मांगी जाती है।

👉नोटिस में दिए गए लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है, जो अक्सर फिशिंग वेबसाइट होती है।

फर्जी नोटिस की पहचान कैसे करें

 👉यदि नोटिस किसी ईमेल या व्हाट्सएप से आया हो, तो भेजने वाले का पता और डोमेन नाम देखें।  

👉संबंधित संस्था के आधिकारिक नंबर पर संपर्क करें और जानकारी की पुष्टि करें।

👉असली नोटिस में सामान्यतः व्याकरण और भाषा की गलतियां नहीं होतीं।

👉किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।

 👉तुरंत घबराएं नहीं और हर नोटिस की सत्यता जांचें।  

👉बिना पुष्टि के पैसे ट्रांसफर न करें।
👉यदि आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या नोटिस संदिग्ध लगे, तो नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।

ध्यान रखें, फर्जी नोटिस भेजकर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जागरूक रहकर आप खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं।

सावधान रहें,सुरक्षित रहे

🙏

रोहित मालेकर
निरीक्षक
थाना सिविल लाइन
रायपुर

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