न कट रहा टोकन न धान की हो रही खरीदी

तिफरा के किसान ने कलेक्टर के पास न्याय की गुहार लगाई
बिलासपुर। मनहरण लाल कौशिक, जोकि के परसदा गाँव के निवासी और एक पंजीकृत किसान हैं, ने जिला कलेक्टर को एक गंभीर समस्या की ओर ध्यान दिलाया है। उन्होंने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि उन्हें सेवा सहकारी समिति तिफरा पंजीयन क्रमांक 17 से अपने धान की खरीदी में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
कौशिक का कहना है कि उनकी भूमि का कुल रकबा 7.73 एकड़ है और वह सेवा सहकारी समिति तिफरा के कृषक सदस्य हैं। उन्होंने अपना धान कोसगाई दाई बीज उत्पादक बहु सहकारी समिति मर्यादा पौसरा, बिल्हा में पंजीकृत कराया था। उक्त समिति ने यह स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए आवंटित नहीं किया गया है, जिसके कारण उनके द्वारा धान नहीं खरीदा जा सकता। इसके चलते, उन्हें एक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया, जिसे उन्होंने सेवा सहकारी समिति तिफरा में प्रस्तुत किया ताकि धान खरीदी के लिए टोकन काटा जा सके।
समस्या तब उत्पन्न हुई जब तिफरा समिति के प्रबंधक, नंदलाल कौशिक ने बताया कि चूंकि उनका पंजीकरण पहले से कोसगाई समिति में है, इसलिए उनका टोकन काटा नहीं जा सकता। यहां तक कि अगर वह “टुहर हाथ” एप से टोकन काटते भी हैं, तो भी उनका धान नहीं खरीदा जाएगा। जब कौशिक ने लिखित आदेश की मांग की, तो उन्हें मौखिक रूप से बताया गया कि यह आदेश मौखिक है।
धान खरीदी नहीं हुई तो आर्थिक नुकसान होगा
कौशिक ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी खरीफ फसल के उत्पादन के लिए बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और अन्य आवश्यकताओं के लिए ऋण लिया हुआ है, जो अब 1,47,149.44 रुपये हो गया है। यदि उनके धान की खरीदी नहीं की जाती है, तो उन्हें आर्थिक हानि का सामना करना पड़ेगा और वे ऋण चुकाने में असमर्थ हो जाएंगे। इसके अलावा, वह केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य और राज्य सरकार की किसान समृद्धि योजना के लाभ से भी वंचित हो जाएंगे।
कलेक्टर से न्याय की गुहार
कौशिक ने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि सेवा सहकारी समिति तिफरा को निर्देशित किया जाए कि उनके धान की खरीदी सुनिश्चित की जाए, ताकि वह आर्थिक संकट से बच सकें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें।