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अवैध तरीके से रेत का हो रहा उत्खनन और परिवहन…..खनिज विभाग और कोनी थाना के इशारे पर होता है अवैध खोदाई…..कार्रवाई करने से काँप रहे हाथ

खनिज विभाग और कोनी पुलिस अगर कार्रवाई करे तो होगा खुलासा

कलेक्टर और एसपी के निर्देश पर भी नहीं हो रही सही तरीके से कार्रवाई

बिलासपुर / वैसे रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन होना कोई बड़ी बात नहीं है….क्योंकि यह सब खनिज विभाग,कोनी थाना और ग्रामीणों के सहयोग से होता है…जिसमे सरपंच समेत कुछ स्थानीय नेता भी शामिल है….जिनके इशारे पर दिन और रात रेत का अवैध उत्खनन होता है…हम किसी एक जगह की बात नहीं कर रहे है बल्कि ऐसे कई जगह पर नदी का सीना चीरकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है जिसे देखकर आप खुद आश्चर्यचकित हो जायेंगे…..तो चलिए हम बात करते है सेंदरी,कछार निरतु,तुर्काडीह,लोफंदी और घुटकू की…यहाँ पर आप जाओगे तो आपको क्लियर दिखेगा की किस तरह से और कैसे नदी से रेत का उत्खनन किया जा रहा है….हर दिन लाखो का रेत पार करके बेचा जा रहा है….इसमें मिली भगत किसी एक की नहीं बल्कि कई लोगो की है…सूत्र बता रहे है की हर दिन सुबह से लेकर शाम तक ट्रेक्टर में रेत भरकर चोरी किया जाता है….उसके बाद मौक़ा मिला तो रात को भी रेत की चोरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है…सूत्र बता रहे है की नदी से रेत चोरी करने का सिलसिला अभी से नहीं बल्कि रेत घाट बंद होने के बाद से है….जो थमने का नाम नहीं ले रहा है….बल्कि मुफ्त का माल समझकर रेत की चोरी कर रहे है….यहाँ आपको यह बताना भी लाजिमी होगा की खनिज विभाग इसमें सबसे ज्यादा जिम्मेदार इसलिए है क्योंकि कार्रवाई करने में सिर्फ खानापूर्ति करते है….

कोनी थाना भी है शामिल,पुलिस का मिलता है संरक्षण

सूत्र बता रहे है कि यहाँ पर आपको बता दे की रेत चोरी करने वालो कोनी थाना के कुछ पुलिस कर्मियों का संरक्षण मिला हुआ है,जिनके इशारे पर हर दिन वसूली भी किया जाता है,इसमें कुछ लोग वसूली करने लगे रहते है क्योंकि उनको ट्रेक्टर पार करवाना रहता है और इसी बहाने मोटी रकम भी मिलता है….सुबह से लेकर रात तक अवैध तरीके से रेत उत्खनन का पैसा थाना में बंट जाता है….

कलेक्टर के निर्देश का नहीं हो रहा असर,खनिज विभाग कर रहा लापरवाही

यहाँ पर आपको यह बताना चाहते है की जिले के कलेक्टर ने एक बार नहीं बल्कि कई बार निर्देश दिया की अवैध तरीके से हो रहे रेत के उत्खनन और परिवहन पर कार्रवाई होनी चाहिए,हालांकि कलेक्टर के फटकार और निर्देश के बाद दिखावे की कार्रवाई हुई ,लेकिन मामला बाद में फिर ठंडा पड़ गया

ठेकेदार को होता है नुकसान लाखो का

जब से रेत का ठेका हुआ है तब से रेत की चोरी भी होने लगी है…और जब घाट बंद रहता है तो इसका ज्यादा फायदा गाँव वाले और रेत चोरी करने वाले उठाते है,जिसके कारण ठेकेदार को नुकसान होता है …

शिकायत मिलने के बाद भी रहता है खनिज विभाग नींद में

अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की शिकायत मिलने के बाद भी खनिज विभाग नींद में सोया हुआ रहता है,जिसके कारण रेत चोरी करने वाले रेत को अंधाधुंधं खोदाई करके बेचने का काम करते है,

क्या कहते है ग्रामीण

घुटकू,कछार और सेंदरी के ग्रामीणों का कहना है की रेत चोरी इतना ज्यादा होता है की गाँव वालो की हालत खराब है,क्योंकि दिन और रात रेत चोरी करके वाहन चलाते है,और गाँव की सड़को का हाल बेहाल कर दिए है….जिसकी शिकायत सरपंच से भी की गयी लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई

पर्ची नहीं है फिर भी रेत का परिवहन

हर दिन ट्रेक्टर और अन्य वाहनों से रेत का उत्खनन और परिवहन किया जाता है….जो बिना पर्ची के रहता है…अगर इसकी बारीकी से जाँच हो और कार्रवाई हो तो रेत की काला बाजारी करने वालो का भांडाफोड़ हो सकता है….

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