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अव्यवस्था नजर आई….धान खरीदी का दावा हुआ फेल….विलम्ब से हुई धान खरीदी….पूर्व कलेक्टर अन्बलगन पी को लोगो ने किया याद

पहले ही दिन 80 केंद्रों में 3 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी

76 टोकन के माध्यम से किसानों ने बेचा 3 हजार किंटल धान

जिला प्रशासन का दावा खोखला साबित हुआ

धान खरीदी की तैयारियों में नजर आई खामियां

कही फसल नहीं कटा तो कही धान की बोहनी तक नहीं हुई

बिलासपुर। आज से धान खरीदी की शुरूवात हो गई है। विलम्ब से धान खरीदी आरंभ होने के कारण पहले ही दिन बड़ी संख्या में धान की खरीदी हुई। जिले में 140 धान खरीदी केंद्र हैं। इसमें से किसानों से 76 टोकन के माध्यम से 3 हजार 41 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। गुरुवार को राज्य सहित जिले में धान खरीदी आरंभ हो गई है। यह अभियान 14 नवम्बर से 31 जनवरी तक चलेगा। पिछले और अन्य वर्षों के मुकाबले धान बेचने के लिए किसानों को इस बार एक पखवाड़े का समय मिलेगा।


बता दे कि राज्य सरकार ने धान खरीदी को बहुत गंभीरता से लिया है और इसी कारण इसके लिए बार कलेक्टरों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए यहां तक बार बार खरीदी केंद्रो की तरफ भेजते थे और तैयारिया का जायजा लेने निर्देशित करते थे।इसके बाद भी खरीदी केंद्रो से नोडल अधिकारी गायब रहे और मौके का फायदा उठाकर अपने निजी काम में व्यस्त हो गए।
दरअसल कलेक्टर ने जिले के एसडीएम,तहसीलदार और नोडल अधिकारियों की मीटिंग लेकर निर्देशित किया था कि कोई भी अधिकारी धान खरीदी में लापरवाही नहीं बरते। और जिनकी ड्यूटी जहां लगी है वह ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाए।परन्तु खरीदी केंद्रो में नोडल अधिकारी इसलिए गायब रहे क्योंकि कुछ जगहों पर खरीदी नहीं हुई ।
इस तरह की अव्यवस्था को देखकर ऐसा लगा कि सिर्फ कलेक्टर को धान खरीदी की चिंता है और अधिकारी अपनी मनमर्जी से काम कर रहे है। खैर धान खरीदी में सिर्फ वहा पर अच्छी व्यवस्था रही जहां पर जिले के कलेक्टर ने उद्घाटन करने गए थे ।

9 हजार क्विंटल धान के लिए कटा 194 टोकन

धान खरीदी के पहले दिन प्रशासन को पर्याप्त संख्या में धान की आवक हुई है। जिले में आधे से अधिक यानी 80 समितियों में 194 टोकन के माध्यम से 9 हजार 122 क्विंटल धान बेचने के पंजीयन करा लिया गया है।


एप टोकन का अधिक उपयोग

धान खरीदी को सरकार ने इस बार हाइटेक करने की कोशिश की है। धान खरीदी के पहले दिने के आंकड़े बता रहे हैं कि जिले में मैनुअल के बजाए टोकन एप का ज्यादा उपयोग किया गया है। मिले आंकड़े के अनुसार जिले के 80 उपार्जन केंद्रों में से 194 टोकन जारी हुए हैं उसमें से मात्र 74 टोकन समितियों जाकर किसानों ने कटाए हैं वहीं 120 टोकन एप्प के द्वारा जारी कराए हैं। इसी प्रकार 76 टोकन में माध्यम से आज जो खरीदी हुई है उसमें 34 समितियों में मैनुअल और 42 टोक्न एप के सहारे कटा कर धान बेचा है।


तीन दिन छुट्टी का मिलेगा लाभ

गुरुवार को पहले दिन धान खरीदी हुई उसके बाद शुक्रवार को सरकारी छुट्टी है। शनिवार और रविवार को खरीदी होनी नहीं है इसलिए किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

समितियों में।मिली खामियां

समितियों में पाया गया कि कही पर इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन बंद कमरे में रखा हुआ है। कही पर चबूतरा नहीं बना है। किसी जगह पर तिरपाल नहीं है। और सबसे बड़ी बात समितियों में सुखद नापी यंत्र को भी अलमारी में रखा गया था।


सीसीटीवी नहीं लगा है कही पर

धान खरीदी केंद्रो में कई समितियों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। जिसके कारण धान खरीदी की निगरानी कैसे होगी यह भगवान भरोसे है।
समितियों के प्रबंधकों ने इस मामले में गोलमोल जवाब दिया।
बोले कि लगने वाला है एक दो दिनों में लग जायेगा। लेकिन चारो तरफ देखने के बाद भी कही पर सीसीटीवी कैमरा नहीं दिखा। जो धान खरीदी केंद्र के प्रबंधकों की लापरवाही दर्शाता है।


पहले लिंकिंग में मिलता था 15 दिन का समय अंतर

बता रहे है कि धान खरीदी पहले के समय में 1 नवंबर से होती थी
उसके बाद 31 जनवरी तक आखरी रहता था और लिंकिंग के माध्यम से 15 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी तक किया जाता था। जिसे खत्म करते हुए अब लिंकिंग और समर्थन मूल्य पर टोटल 31 जनवरी तक किया गया है।इससे किसानों को अगर किसी कर्म से।विलम्ब हुआ तो इनका धान लिंकिंग के माध्यम से बिक जाता था लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे खत्म कर दिया है।


अगर प्रबंधक नहीं लौटते तो आखिर धान खरीदी का क्या होता

बता रहे है कि धान खरीदी करने वाले प्रबंधक अगर हड़ताल से वापस नहीं लौटते तो धान खरीदी का क्या होता,कैसे होता धान खरीदी,भले ही प्रशासन लाख दावा कर ले कि ऑपरेटर के भरोसे या किसी और विकल्प के जरिए खरीदी की जाती लेकिन हकीकत यही है कि प्रबंधक के बिना खरीदी करना संभव नहीं होता।


प्रबंधक बोले,नहीं होती मांग पूरी तो हड़ताल जारी रहता

समिति के प्रबंधकों ने बात करते हुए कहा कि अगर सरकार प्रबंधकों की तीन सूत्रीय मांग पूरा नहीं होता तो हड़ताल जारी रहता और उग्र आंदोलन तक चलता। धान खरीदी
से हमको कोई मतलब नहीं रहता। क्योंकि हम हड़ताल पर रहते।


बिरकोना,बैंमा,पौंसरा में नोडल अधिकारी नहीं मिले

आज से शुरू हुए धान खरीदी केंद्रो में जिला प्रशासन का दावा था कि हर केंद्रो में नोडल अधिकारी मौजूद रहेंगे और अपनी ड्यूटी निभाएंगे। लेकिन बिरकोना,बैंमा,पौंसरा में नोडल अधिकारी नहीं मिले, बल्कि सेमरताल में प्रबंधक ने बोला कि खरीदी करने के बाद नोडल अधिकारी अभी घर के लिए निकले है।इधर प्रशासन ने दावा किया था कि जिनकी ड्यूटी जैसी लगी है उसे ईमानदारी से निभाए अन्यथा कार्यवाही होगी।


सेंदरी खरीदी केंद्र में 2 किसानों ने बेचा धान

सेंदरी समिति में 2 किसानों ने धान खरीदी की।इसमें एक किसान उद्योराम प्रजापति ने 12 क्विंटल 80 किलो
और प्रहलाद केवट ने 8 क्विंटल की खरीदी की।
प्रबंधक विनोद सिंह ने बताया कि समिति में 1186 किसान पंजीकृत है। इसमें सोमवार के लिए 27 टोकन कटा है। इसलिए सोमवार से भीड़ शुरू हो जायेगा।


सेमरताल में पहले दिन की बोहनी इलेक्ट्रॉनिक मशीन से नहीं मैनुअल कांटा से हुई खरीदी

सेमरताल में मैनुअल
कांटा से भदौरिया के किसान रामफूल से 6 क्विंटल
धान की खरीदी की गई जिसमें अति उत्साह से मीडिया के सामने फोटो भी खिंचाया गया। इस संबंध में जब प्रबंधक राजेंद्र साहू से पूछा गया तो उन्होंने बोला कि सिर्फ पूजा करने के लिए रखे थे। इससे साफ पता चलता है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन की तैयारी किस तरह से है। नोडल अधिकारी भी किस तरह से ड्यूटी कर रहे है। इस मैनुअल कांटा तौल को देखकर हो बता सकते है। ऐसा लगता है कि धान खरीदी भगवान भरोसे है और इसी कारण सेमरताल में किसानों की धान खरीदी मनमर्जी से हो रही है।


प्रबंधक बोले,अभी कम से कम एक सफ्ताह का समय है फसल कटने मे

बिरकोना के प्रबंधक देवारी लाल यादव,बैमा उपकेंद्र के उमेश शास्त्री, पौंसरा के प्रबंधक संतोष यादव, सेमरताल के प्रबंधक राजेंद्र साहू और सेंदरी के प्रबंधक ने बताया कि अभी फसल कटने
में देरी है इसलिए खरीदी टाइम है। लेकिन एक सफ्ताह और महीने के अंतिम तक लगभग सभी केंद्रों में किसानों की भीड़ देखने मिलेगा।इसमें सिर्फ सेमरताल और सेंदरी
में ही बोहनी हुई है।


नोडल बोले,नहीं बढ़ता है तारीख

नोडल अधिकारी ने बताया कि 31 जनवरी ही धान खरीदी की आखरी तिथि है।इसके बाद धान खरीदी नहीं होगी यह राज्य सरकार का आदेश है।
इसके बाद अगर किसी किसान का धान बचता है तो वह उसकी जिम्मेदारी है।


राज्य सरकार के निर्देश पर धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है।किसानों में
उत्साह बना हुआ है। हां कुछ जगहों पर फसल नहीं कटने के कारण धान खरीदी नहीं हुआ है।जो जल्द शुरू हो जाएगा,साथ ही बिचौलिए से भी बचने के निर्देश समिति प्रबंधकों को दिए गए है।

अवनीश शरण
कलेक्टर बिलासपुर


धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है ऐसे कई केंद्र है जिसमें इसलिए खरीदी नहीं हुई क्योंकि कई जगह पर फसल नहीं कटा है। लेकिन उम्मीद है इस महीने के अंतिम तक पूरे जगहों पर खरीदी शुरू हो जाएगी।

आशीष दुबे
नोडल अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर

धान खरीदी की शुरुआत होने से अगर तत्काल धान काटकर बेच दिया जाए तो ठीक रहता है अगर धान पहले से काट दिया गया तो ज्यादा धान समिति में देना पड़ता है क्योंकि धान सुख जाता है। इससे किसानों को नुकसान होता है। और वैसे भी कई जगहों पर फसल कटा नहीं है।इसलिए

माधो सिंह
किसान बहतराई


धान पहले से काटा जायेगा तो रखने में दिक्कत होती है और बड़े किसान को तो और ज्यादा समस्या होती है।इसलिए किसान धान खरीदी के समय ही फसल काटता है ताकि धान सीधे समितियों में जाए। धान को घर के अंदर रखने की जरूरत न पड़े।

कमलेश सिंह
किसान सेंदरी

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