इंस्टाग्राम LIVE पर डबल मर्डर की साजिश: पत्नी के धोखे से आहत पति ने अपराधियों से की ONLINE बैठक,VIDEO वायरल होते ही पुलिस ने निकला जुलूस

दुर्ग:। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक पति ने अपनी पत्नी और उसके कथित दूसरे पति की हत्या की साजिश रची। पत्नी के कथित धोखे से आहत इस व्यक्ति ने इंस्टाग्राम पर लाइव होकर अपराधियों के साथ योजना बनाई। लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए 5 लोगों ने साजिश में हिस्सा लिया, जिसमें छठ पूजा से पहले हत्या की तारीख भी तय कर दी गई थी। पुलिस की सतर्कता से यह षड्यंत्र समय रहते ही विफल हो गया और मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह मामला दुर्ग जिले के छावनी थाना क्षेत्र का है। आरोपी संदीप शर्मा ने अपनी पत्नी को दूसरे युवक के साथ देखकर मन में रंजिश पाल ली थी। बताया जा रहा है कि संदीप की पत्नी अब भिलाई पावर हाउस में रहने वाले एक युवक के साथ रह रही थी और दोनों ने विवाह भी कर लिया था। अपने आक्रोश और बदले की भावना के चलते संदीप ने अपने आपराधिक प्रवृत्ति के दोस्तों से संपर्क किया और इंस्टाग्राम पर लाइव होकर योजना बनाई। इस साजिश में संदीप के साथ अन्य अपराधियों ने हिस्सा लिया। वीडियो में एक चश्मा पहने युवक को योजना के मास्टरमाइंड के रूप में दिखाया गया, जो अन्य लोगों से बड़ा खेल करने की बात कर रहा था। लाइव वीडियो में सभी आरोपियों ने एकजुट होकर यह कहा कि संदीप की पत्नी ने उन्हें धोखा दिया है और उस युवक के साथ रह रही है। इसलिए छठ पूजा से पहले ही इस धोखे का बदला लेना है। सभी को भिलाई पावर हाउस में मिलने की योजना भी बनाई गई थी। इस योजना के वायरल होते ही मामला दुर्ग पुलिस के संज्ञान में आया। लगभग दो दिन पहले दुर्ग के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला को यह वीडियो वायरल होते हुए मिला। उन्होंने तुरंत छावनी थाना के सीएसपी और टीआई को कार्रवाई के निर्देश दिए। छावनी पुलिस ने तुरंत अमलेश्वर पुलिस के साथ संपर्क किया और अपनी जांच शुरू कर दी। पुलिस ने सबसे पहले खुर्सीपार के चंद्रमा चौक में रहने वाले बॉबी सिंह उम्र 24 वर्ष को हिरासत में लिया। बॉबी से पूछताछ के बाद अमलेश्वर थाना क्षेत्र के कोपेडीह शिव वाटिका फेस-1 में रहने वाले संदीप शर्मा उम्र 25 वर्ष और रायपुर के बीएसपी कॉलोनी सरस्वती नगर निवासी मनीष दास मानिकपुरी को गिरफ्तार किया गया।
सार्वजनिक जुलूस में आरोपियों ने मानी गलती…..
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों का जुलूस निकाला, जिसमें उन्हें सार्वजनिक रूप से उनकी गलती का एहसास कराया गया। आरोपियों को जुलूस के दौरान “अपराध करना पाप है, पुलिस हमारा बाप है” जैसे नारे लगवाए गए।