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ऑनलाइन सायबर ठगी करने वाले बांगलादेशी व कैमरून मूल के 2 अंतराष्ट्रीय ठगो सहित 4 शातिर जालसाजो पर बडी कार्यवाही….वाॅट्सअप एवं टेलीग्राम एप के माध्यम से होटल, किला,लाॅज की रिव्यु रेंटिंग कर कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर किये थे ठगी….शिमला व सिलोन में डेरा डालकर कार्यवाही करने बाद पुलिस को मिली सफलता….

IG डाॅ. संजीव शुक्ला और SP रजनेश सिंह  के मार्गदर्शन में सायबर अपराध पर ’’प्रहार’’।

⏭️ सायबर ठगो के झांसे मेे आकर प्रार्थी ने गवाये थे करीबन 27 लाख रू, पुलिस ने अब तक ठगी की राशि में से प्रार्थी को करीब 9 लाख रू वापस कराये।

⏭️ सेकेण्ड हेण्ड मोबाईल, फर्जी सिम कार्ड व फर्जी बैंक अकाउंट का आरोपी धोखाधडी करने में करते थे उपयोग।

⏭️ बैंक स्टेटमेंट, ए.टी.एम. फुटेज की समीक्षा एवं तकनीकी इन्पुट से पुलिस पहुॅची शातिर अपराधियों तक।

⏭️ अपराधियो से 02 लैपटाॅप, 04 मोबाईल फोन, 06 ए.टी.एम. कार्ड, 02 पासपोर्ट एवं बैंको के पासबुक बरामद किये गये है।

⏭️ रेंज सायबर थाना बिलासपुर व ए.सी.सी.यू. (सायबर सेल) बिलासपुर टीम ने संयुक्त कार्यवाही कर 1 सप्ताह से अधिक समय तक हिमांचल प्रदेश के शिमला व सिलोन में डेरा डालकर कार्यवाही करने बाद पुलिस को मिली सफलता

दरसल / बिलासपुर पुलिस कप्तान ने मीडिया से बात की….उन्होंने बताया की मोपका निवासी प्रार्थी सियाशरण तिवारी को अज्ञात मोबाईल धारक द्वारा वाॅट्स्अप के माधयम से संपर्क कर घर में रहकर कार्य करने व लाभ अर्जित करने प्रलोभन दिया गया एवं ऑनलाईन टेलीग्राम एप के माध्यम से लिंक भेजकर गूगल मैप पर होटल, लाॅज, किला की आनलाईन रिव्यू रेटिंग कर उसका स्क्रीन शाॅट भेजने पर आय अर्जित कराने के नाम पर प्रार्थी से कुल 27,80,510 रूपये ठगी करने की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रार्थी के साथ धोखाधडी करने वाले व्यक्तियो की जानकारी एकत्र करने सायबर पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कर कर अवलोकन किया गया संदिग्ध बैंक खातो को चिन्हांकित कर बैंक स्टेटमेंट, ए.टी.एम. फुटेज की समीक्षा एवं तकनीकी इन्पुट के आधार पर आरोपियो के हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन के आसपास मे ठिकाना बनाकर अपराध करने की जानकारी प्राप्त हुई।

IG डाॅ. संजीव शुक्ला एवं SP रजनेश सिंह द्वारा धोखाधडी व सायबर अपराधो की समीक्षा कर समस्त राजपत्रित अधिकारियो को विशेष निर्देश दिये गये थे इस निर्देश के पालन में एक विशेष टीम निरीक्षक राजेश मिश्रा के निर्देशन मे हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन ओर रवाना की गई थी टीम द्वारा 01 सप्ताह से अधिक समय तक हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन में रहकर आरोपीयो का पता ठिकाना ज्ञात कर विवेचना प्रारम्भ की गई जो आरोपी आनलाईन ठगी का काम करने में संलिप्त होने की जानकारी प्राप्त हुई। स्थानीय पुलिस के सहयोग से आरोपी प्रियांशु रंजन निवासी हैदराबाद को हिरासत में लेकर पुछताछ किया गया जो अपने साथी मो. शोबुल, राजवीर सिंह व टेम्फु कार्ल नगेह के साथ मिलकर विगत 01 वर्ष से अधिक समय से टेलीग्राम एप के माध्यम से लोगो को जोडकर विभिन्न प्रकार से मुनाफा कमाने के नाम पर आनलाईन ठगी का काम करना स्वीकार किये है ठगी के काम में उपयोग में आने वाले मोबाईल फोन, लैपटाॅप, फर्जी सिम कार्ड व फर्जी बैंक खाते जप्त किये गये है, गिरफ्तार किये गये चारो आरोपी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट सोलन के छात्र है, गिरफ्तार
प्रियांशु रंजन पिता विजय कुमार पाण्डेय उम्र 20 वर्ष निवासी एसबीआई भास्कर राॅव नगर साई जीएनआज रेसीडेंनसी प्लॉट न. 08, 09 सैनिकपुरी हैदराबाद हाल निवासी बाहरादुनौती वाक्माघाट शिमला (हिमाचल प्रदेश), राजवीर सिंह पिता भारत सिंह उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम व पोस्ट कलालकरन जिला (जम्मू काश्मीर) हाल निवासी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट शिमला (हिमाचल प्रदेश), मो० शोबुज मोरल पिता मो. शहाबुद्दीन मोरल उम्र 25 वर्ष निवासी तेलीखानी दारून मोरनी खुलना बांग्लादेश हाल निवासी बाहरा यूनीवर्सिटी कलाघाट शिगला (हिमाचल प्रदेश),. टेम्कु कार्ल नगेह पिता टेग्फ रिचर्डस उम्र 22 वर्ष निवासी बामेन्डा ३ नर्कन कमेरुनियन (Tamfu Karl Ngeh S/O Tamfu Richard Age 22 Year Address Bamenda 3 Nkwen Cameroonian) हाल निवासी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट सोलन (हिमाचल प्रदेश) को न्यायिक रिमाण्ड पर न्यायालय पेश किया जायेगा।

-ः बिलासपुर पुलिस की अपील:-

     सायबर ठग आये दिन नये-नये तरीको के माधयम से आम जनता से धोखाधडी करने का प्रयास करते है -
कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को पुलिस का अधिकारी, सी.बी.आई. अथवा ई.डी. का अधिकारी बताकर ठगी करने का प्रयास करते है ऐसे काॅल से सावधान रहे। बिलासपुर पुलिस इस प्रकार के ठगी को रोकने के लिये थानो में आम जनता द्वारा दर्ज कराये गये रिपोर्ट में मोबाईल नम्बर एवं व्यक्तिगत जानकारी हाईड किया जा रहा है।
अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाईल पर सेव नही है उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करे।
अनजान वेबसाईट एवं अनाधिकृत एप डाॅउनलोड या सर्च करने से बचे।

कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहे खुद को स्वयं होकर ठगो के पास न पहॅुचाये।
स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से ईंटिमेट (अश्लील लाईव चैंट) करने से बचे। 
परीक्षा में अधिक अंको से पास करा देने की झांसा देने वाले व्यक्तियो खासकर ़92 नम्बरो से आने वाले वाॅट्सअप काॅल से बचने का प्रयास करे।
गुगल सर्च इंजन पर आमजन अपनी सुविधानुसार कस्टमर केयर का नम्बर प्राप्त करने वेब ब्राउजर पर नम्बर सर्च करता है किन्तु वेबसाईट की जांच परख किये बिना उपलबद्ध नम्बर पर संपर्क कर फ्राॅड में फंसकर अपनी जमा पुंजी एवं निजी जानकारी खो बैठता है।
गुगल प्ले स्टोर अथवा वेब ब्राउजर अथवा सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, वाॅट्स्अप लिंक के माध्यम से डाउनलोड किये गये लोन एप आपको कुछ राशि देने के एवज में आपके फोन का डाटा जिसमें आपके मोबाईल में संरक्षित परिचित व्यक्तियो के मोबाईल नम्बर, फोटो, विडीयो आदि आपके परमिशन से अपने पास सुरक्षित रख लेते है एवं आपकी निजी जानकारी फोटो एडिट कर अशलील में परिवर्तित कर आपके परिचितो में फैला देने एवं लोन राशि ब्याज सहित वापस करने का दबाव बनाकर एवं ब्लैकमेंल कर रकम की उगाही की जाती है।
उपरोक्त के अतिरिक्त भी आपकी बैंकिंग जानकारी एवं ओ.टी.पी. व क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड के पीछे छपे सी.वी.वी. नम्बर प्राप्त कर भी फ्राॅड की जाती है जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।

*उपरोक्तानुसार सावधानी बरतने के बाद भी यदि साइबर फ्राॅड के शिकार हो जाते है तो निम्न प्रकार से त्वरित रिपोर्ट दर्ज करा सकते है:- तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें। हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते है। https://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते है।

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