कठपुतली : अमिताभ बच्चन,तपस्या नीली परी, राजा और आदिवासी दारा सिंह ने राज्योत्सव में बिखेरी खुशियां
बिलासपुर की कठपुतली ने रायपुर
के राज्योत्सव में बिखेरी ख़ुशिया
बिलासपुर । समाज कल्याण विभाग और योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने अपने स्टॉल में कठपुतलियों द्वारा नशा मुक्ति प्रचार प्रसार और जनज़ागरुक्ता अभियान के लिए बुलाया गया। साथ ही योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने जन्म मृत्यु पंजीयन कराने के लिए जनज़ागरूक्ता के लिये विशालकाय कठपुतली अमिताभ बच्चन तपस्या नीली परी, राजा और आदिवासी दारा सिंह द्वारा नुक्कड़ नाटक और योजना संबंधित गीतों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया ।
समाज कल्याण विभाग की डायरेक्टर रोकक्तिमा यादव ने इस कार्यक्रम को खूब सराहना की और स्टॉल के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खूब प्रशंसा की, 16 फिट ऊँचे अमिताभ बच्चन नुमा कठपुतली से हाथ मिलाते हुए उनके चेहरे पर बालकों जैसी मुस्कान थी। क्योंकि कठपुतली हर एक उम्र वर्ग को अच्छी लगती है.साथ ही समाज कल्याण विभाग की मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने भी कठपुतली की बहुत तारीफ़ की, इतनी बड़ी कठपुतली देखकर वो आश्चर्यचकित थी और उन्होंने नशा मुक्ति के प्रचार प्रसार को सराहनीय कदम बताया। दिव्यांग केंद्र की प्राचार्य शिखा वर्मा ने भी इस कठपुतली कार्यक्रम को पसंद किया।
आकर्षक और सुंदरता का प्रतीक बना कठपुतली
राज्योत्सव रायपुर के लिये आकर्षक और सुंदरता का प्रतीक बना रहा जब भीड़ में कठपुतली आये तो नजारा देखते ही बनता लोगो सेल्फ़ी लेने और कठपुतलियों को गले लगाने की होड़ में लगे हुए थे। तीन दिवसीय राज्योत्सव नवा रायपुर में बिलासपुर की कठपुतली ने ख़ुशियों की झड़ी लगा दी।
रायपुर में अब तक की शानदार प्रस्तुति
कठपुतली टीम की संचालिका किरण मोइत्रा ने बताया कि कई बार उन्हें राज्योत्सव में कठपुतली शो करने का अवसर मिला है लेकिन रायपुर में बहुत ही शानदार प्रस्तुति हुई।
ये एक रोज़गार है जो युवा वर्ग को प्रेरित करता है कि खेल खेल में शिक्षा हेतु कठपुतली शो उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है शिक्षा हेतु कठपुतली जिसे कठपुतली एवम् नाट्य कला मंच के नाम से जाना जाता है इनका YouTube चैनल सीजी कठपुतली बिलासपुर के नाम से है और वेबसायट cg kathputali bilaspur .com के नाम से है।
विलुप्त होते जा रहा है कठपुतली
कठपुतली एक ऐसा नाम है जिसे जानते सब है और समझते भी है।लेकिन यह एक विलुप्त होता हुआ आर्ट है इस धरोहर को आगे और बढ़ाने का अथक प्रयास संस्था द्वारा किया जा रहा है।।लेकिन जैसा कठपुतली के लिए सहयोग मिलना चाहिए वैसा सरकार की तरफ से सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
कठपुतली की शुरुआत बिलासपुर में काफी समय से हुई है। जिसमे शुरू में सहयोग मिला उसके बाद कठपुतली को किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है। सरकार से काफी मदद मांगने की कोशिश की। ताकि यह विलुप्त न हो। अगर कही से कोई मदद नहीं मिलेगा तो खुद के पैसों से काम करके कठपुतली को जीवित रखा जायेगा।
किरण मोइत्रा
संचालिका कठपुतली संस्था