करोड़ों की नजूल भूमि को लीजधारक ने बेच दी 54 टुकड़ों में…. बिल्डर की मिलीभगत से जमीन की अफरा तफरी कर दी…कलेक्टर ने लीज की जमीन को किया निरस्त

कलेक्टर ने किया लीज पट्टा निरस्त, शहर के बीचों–बीच स्थित करोड़ो की भूमि आई शासन के खाते में
भूमाफियाओं और खरीददारों में हड़कंप
जिला प्रशासन ने सिविल लाइन थाना में कराया था अपराध दर्ज
बिलासपुर। करोड़ो की नजूल भूमि को लीज धारक ने बिल्डर राजेश अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग के साथ मिलकर टुकड़ों में बेच दी। इस मामले में कलेक्टर ने उक्त भूमि का लीज पट्टा निरस्त कर दिया है। मामले में लीज धारक और टुकड़ों में बिक्री करने वाले बिल्डर के विरुद्ध पूर्व में प्रशासन ने अपराध भी दर्ज करवाया है। अब लीज निरस्त होने से भूमाफिया समेत यहां जमीन की खरीदी करने वालों में भी हड़कंप मच गया है। शहर के प्राइम लोकेशन में स्थित करोड़ों की जमीन शासन के खाते में आने के बाद इसका गार्डन, किसी शासकीय कार्यालय समेत अन्य किसी प्रयोजन में उपयोग जिला प्रशासन ले सकेगा।
दरअसल बिलासपुर शहर के बीचो-बीच कुड़ूदंड में तुलजा भवानी मंदिर के पीछे दो एकड़ 13 डिसमिल जमीन पर अवैध प्लाटिंग हुई थी। उक्त जमीन को भूपेंद्र राव तामस्कर को लीज में दी गई थी। जमीन की लीज 2015 में खत्म होने पर 31 मार्च 2045 तक लीज की अवधि लीज धारक के आवेदन पर बढ़ा दी गई थी। मोहल्ला चांटापारा सीट नंबर 1, प्लाट नंबर 2( शामिल नंबर 3) नजूल भूमि का भूमि धारक भूपेंद्र राव तामस्कर पिता स्वर्गीय कृष्ण राव तामस्कर निवासी तिलक चांटापारा ने बिक्री कर दी। आवासीय प्रयोजन के लिए दी गई नजूल भूमि को बिना अनुमति और बिना भवन अनुज्ञा के टुकड़ों में भेज दिया गया। 92980 वर्ग फुट नजूल भूमि में ना तो नगर निगम से अनुमति ली गई नाही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से लेआउट पास किया गया। बावजूद इसके उप पंजीयक ने 54 रजिस्ट्री कर दी।
जमीन को टुकड़ों में बेचा गया और नामांतरण भी किया गया
एक तरफ नजूल की जमीन की बिक्री हो गई दूसरी तरफ टुकड़ों में की गई बिक्री का नामांतरण भी पूर्व सरकार के आदेश से कर दिया गया। जब किसका नामांतरण नहीं करने हेतु निगम आयुक्त ने नजूल अधिकारी को पत्र भी लिखा था। नजूल की करोड़ों की जमीन बेचने का मामला संज्ञान में आने के बाद बेची गई जमीन के संबंध में कलेक्टर द्वारा संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित की गई थी। जांच टीम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। जांच टीम ने बताया था कि 30 साल के लिए नवीनीकरण आवासीय प्रयोजन के लिए किया गया था। जिसे आवासीय प्रयोजन के विरुद्ध 54 टुकड़ों में बेचा गया था।
कलेक्टर ने जांच कराई तो मामले का हुआ खुलासा
कलेक्टर अवनीश शरण के द्वारा करवाई गई जांच में मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने विभिन्न विभागों को पत्र लिखकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए कहा था। कलेक्टर के निर्देश पर एडिशनल कलेक्टर आरए कुरुवंशी ने भूमि का नामांतरण पुनर्विलोकन लेकर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नगर निगम ने भी कलेक्टर के आदेश पर अवैध प्लाटिंग के लिए बनाई गई सड़क एवं कॉलोनी को तोड़ दिया। इसके अलावा जमीन की रजिस्ट्री करने वाले तत्कालीन उप पंजीयक लक्ष्मी पांडे और वीएस मिंज के खिलाफ भी निलंबन का प्रस्ताव भेजा है। कलेक्टर के द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन के अनुसार दोनों उप पंजीयकों ने मौके का स्थल निरीक्षण किए बगैर और दस्तावेजों का समुचित अवलोकन किए बगैर नजूल भूमि का 54 टुकड़ों में रजिस्ट्री निष्पादित करवा दिया। जिसके लिए निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव कलेक्टर अवनीश शरण ने भेजा है।
कलेक्टर के निर्देश पर सिविल लाइन थाना में अपराध हुआ दर्ज
जमीन की बिक्री के मामले में लीज धारक भूपेंद्र राव तामस्कर और बिक्री में शामिल बिल्डर राजेश अग्रवाल के खिलाफ कलेक्टर के निर्देश पर नजूल तहसीलदार शिल्पा भगत ने सिविल लाईन थाने में अपराध दर्ज करवाया है। भूपेंद्र राव तामस्कर ने 22 अक्टूबर 2020 को राजेश अग्रवाल से 13 करोड़ रूपये में उक्त भूमि को बेचने का सौदा किया था। उक्त इकरारनामा में राजेश कुमार अग्रवाल द्वारा उक्त वर्णित भूमि को पूर्ण रूप से विकसित कर रोड, नाली एवं बाउंड्री वॉल, बिजली पानी की व्यवस्था करने तथा भूमि को विक्रय से पूरा संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त कर विधि बदले आउट पास कराकर टुकड़ों में बेचने से संबंधित शर्तों का उल्लेख था। लेकिन राजेश अग्रवाल द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया एवं भूपेंद्र राव तामस्कर के द्वारा टुकड़ों में भूमि विक्रय कर दी गई। मामले में पुलिस भी विवेचना कर रही है।
कलेक्टर ने किया भूमि पट्टा का लीज निरस्त
उक्त भूमि का पट्टा निरस्त करने के लिए नजूल अधिकारी एसएस दुबे ने प्रतिवेदन एडिशनल कलेक्टर आरए कुरुवंशी के माध्यम से कलेक्टर अवनीश शरण के पास भेजा था। कलेक्टर न्यायालय में उक्त मामले का प्रकरण चला। लीज रिनिवल करते समय यह शर्त थी कि उक्त भूमि का आवासीय प्रयोजन के अतिरिक्त अन्य किसी प्रयोजन या व्यापारिक/ व्यवसायिक उपयोग की स्थिति में पहले जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी थी। पर ऐसा नहीं किया गया। शर्तों के उल्लंघन पर कलेक्टर अवनीश शरण ने उक्त भूमि का पट्टा निरस्त कर दिया है। उक्त भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में भूपेंद्र राव तामस्कर के नाम से हटा कर नजूल मद में दर्ज करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए है।
54 खरीददारों पर संकट,सभी कोर्ट जाने की तैयारी में
उक्त नजूल भूमि में 54 खरीददारों ने जमीन खरीदी थी। अपने जीवन भर की जमा पूंजी लगाकर खरीदी गई भूमि के अब लीज निरस्त होकर वापस शासन के खाते में जाने से 54 खरीददारों की जमीन उनके हाथ से चली गई है। लाखों रुपए लगाने के बाद जमीन भी चली जाने से सभी खरीददारों पर बड़ी गाज गिरी है। सभी अपनी जमीन बचाने अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है।
जिला प्रशासन रजिस्ट्रियां शून्य कराने कोर्ट में करेगी वाद दायर
जिला प्रशासन सभी रजिस्ट्रियां शून्य करवाने सिविल कोर्ट में वाद दायर करने वाली है। उक्त भूमि का जिला प्रशासन कोई बेहतर उपयोग हेतु कार्ययोजना तैयार कर रहा है।