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कांग्रेसी बोले,मनमोहन सिंह ने देश में एक मजबूत आर्थिक नीति की नींव रखी

बिलासपुर। ज़िला
कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस भवन में पूर्व प्रधानमंत्री स्व मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि सहज, सौम्य, सरल, व्यक्तित्व के धनी स्व मनमोहन सिंह ,आर्थिक उदारीकरण के नाम से इतिहास में अमिट नाम है, जब देश मे विदेशी मुद्रा की कमी हुई और देश आर्थिक संकट में फंसता जा रहा था ऐसे में मनमोहन सिंह ने लाइसेंसी और परमिट व्यवस्था को समाप्त कर एक मजबूत आर्थिक नीति की नींव रखी ,मंदी के दौर में अमेरिका जैसे देश भी संकट में थे तब भी भारत मजबूत था, उनका योगदान कृतज्ञ राष्ट्र कभी नही भूलेगा,
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि स्व मनमोहन सिंह विश्व के जाने-माने अर्थशास्त्री थे,जो बड़े बड़े पदों में रहे, 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल यादगार रहा ,उन्होंने देश के गरीब , युवा और आम जनता के लिए कई अधिनियम लाया जिसमे राइट टू फ़ूड, राइट टू एजुकेशन, आधार कार्ड, मनरेगा उल्लेखनीय है, पर ऐसे लोकहित योजनाओ को लेकर तत्कालीन विपक्ष प्रलाप करती रही ,और उनकी सफलता को अंतिम में विपक्ष को स्वीकार करना पड़ा।मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने कहा कि स्व मनमोहन सिंह एक आर्थिक सलाहकार के रूप में कामर्स एवं उद्योग मंत्रालय ,वित्त मंत्रालय में काम किए, 1991 में वित्त मंत्री बनकर आर्थिक संकट मोचक बने,
महापौर रामशरण यादव ने कहा कि स्व मनमोहन सिंह जी वित्त सचिव, यूजीसी के अध्यक्ष, योजना आयोग के उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे , विवाद से वे हमेशा दूर रहे, वे एक आदर्श व्यक्ति थे, कभी भी विपक्ष के नेताओ के हमेशा सम्मान किया।
पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाले स्व मनमोहन सिंह जी ने राजनीति में एक आदर्श प्रस्तुत किया कि राजनीति के दांवपेच से बाहर भी अपनी योग्यता और काबिलियत पर इंसान ऊंचे से ऊंचे ओहदे पर पहुंच सकता है, कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओ में काम किये ,रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे ,कैम्ब्रिज और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर एक शिक्षक के रूप में काम शुरू करने वाले मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री बनकर राजनीति में एक नए युग की शुरुआत की।
संयोजक ज़फ़र अली ने कहा कि विभाजन का दंश झेल चुके स्व मनमोहन सिंह जी पंजाब विश्वविदयालय से एमए की पढ़ाई पूरी की उसके बाद डी फिल करने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में एवं दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स में प्रोफसर रहे ।उनका निधन अपूरणीय क्षति है। इस दौरान कांग्रेसी बड़ी संख्या में मौजूद रहे

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