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कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षक नें BEO से प्रधान पाठक से आखिर क्यों और क्या बात कराई?……पढ़ते रहिये KKC

बिल्हा BEO ऑफिस अव्यवस्था,उदासीनता,लापरवाही,भृष्टाचार के कारण बदनाम

KKC बिलासपुर :- छत्तीसगढ़ में न्यायधानी के नाम से विख्यात बिलासपुर जिला के विकास खण्ड शिक्षा कार्यालय बिल्हा अव्यवस्था,उदासीनता, लापरवाही,भृष्टाचार के कारण बदनाम है।

हाल ही में प्राथमिक शाला पौंसरा, विकास खण्ड बिल्हा में विगत 8 महीने से शाला से अनुपस्थित रहे शिक्षक सुरेंद्र बहादुर सिंह को जिसकी सूचना प्रत्येक माह प्रधान पाठक द्वारा शैक्षिक समन्वयक के माध्यम से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को प्रेषित की जाती रही। बिल्हा बीईओ  सुनीता ध्रुव के आदेश पर शिक्षक को कार्यभार ग्रहण करा दिया गया है।

लेकिन लंबी छुट्टी के बाद भी यदि बीईओ बिल्हा का कार्यादेश शिक्षक के पास था तो उसे पौंसरा संकुल समन्वयक और एक अन्य तथाकथित शिक्षक की जरूरत कार्यभार ग्रहण के दौरान क्यों पड़ी?

कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षक नें बीईओ बिल्हा से प्रधान पाठक से क्यों और क्या बात कराई?

स्कूल में लगभग 8 माह की लंबी अनुपस्थिति पश्चात कार्यभार ग्रहण का अधिकार नियमानुसार जिला शिक्षा अधिकारी को है लेकिन विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा 8 माह की अनुपस्थिति अवधि को छुपाते हुए दिनाँक 1/8/24 से 19/9/24 तक चिकित्सा अवकाश के आधार पर कार्यभार ग्रहण करने हेतू प्रधान पाठक को पत्र प्रेषित किया गया है।

चूंकि माह जनवरी 2024 से निरंतर 8 माह की अनुपस्थिति को जानबूझकर अनदेखा करते हुए 48 दिन का चिकित्सा अवकाश पश्चात कार्यभार ग्रहण कराया गया है जो कि कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

यदि संबंधित स्कूल का शिक्षक उपस्थिति पंजी,कब्जुल वसूल,मासिक कार्यफल,शैक्षिक समन्वयक का अवलोकन पंजी की सूक्ष्मता से जांच की जाती है तो अनियमितता की पुष्टि हो सकती है।

अपनें पाठकों को बता दें की स्कूल शिक्षा विभाग इस वक्त मुख्यमंत्री के पास है, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अधिकारियों की मीटिंग में कड़े शब्दों में बोल चुके हैं कि अगर गड़बड़ी पाई गई तो सीधे बड़े अधिकारियों के ऊपर सख्त कार्यवाही की जाएगी, स्कूल शिक्षा विभाग में एक के बाद एक गड़बड़ी उजागर हो रही है परंतु मुख्यमंत्री क्या कार्यवाही करतें हैं ये आने वाला समय बताएगा।

बहरहाल, बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं अधीनस्थ शिक्षा कार्यालयों में लगातार हो रही गड़बड़ी को लेकर कलेक्टर अवनीश शरण किस तरह से संज्ञान में लेकर जांच का निर्देश देते हुए जांच टीम बैठानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए। क्योंकि एसीबी की छापे के बाद जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं सवालों के घेरे में हैं?

ज्वलंत सवाल….

1 शिक्षक को ज्वाइन कराने कौन कौन लेकर गया था?

2 प्रधान पाठक पर शिक्षक को कार्यभार ग्रहण करने किस किस नें दबाव बनाया?

3 क्या शिक्षक को लंबी अवधि तक अनुपस्थिति के दौरान तनख्वाह मिली?

4 फ़र्जी जांच के नाम पर स्कूल,शिक्षक उपस्थिति पंजी बदलने कौन कौन और किसके आदेश पर गए थे? क्या शिक्षक उपस्थिति पंजी बदली गई?क्या प्रधान पाठक सहित सभी शिक्षक नए उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने तैयार थे?

5 किस संकुल केंद्र के संकुल समन्वयक फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे हैं?

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