केंवची बफर जोन में जंगल सफारी शुरू करने की वन विभाग कर रहा तैयारी
अमरकंटक जाने वाले पर्यटक कर सकेगें एटीआर का दीदार
बिलासपुर। अचानकमार टाईगर रिजर्व में नए वर्ष पर सैलानियों के लिए जंगल सफारी शुरू किया जाएगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। ताकि पर्यटक एटीआर का आनंद ले सके। अमरकंटक जाने वाले पर्यटक को इसका लाभ मिलेगा। अनुमति मिलने के बाद पयर्टक सफारी का आनंद ले सकेंगे।
अचानकमार टाईगर रिजर्व में पर्यटकों के रूकने के लिए शिवतराई के रिसार्ट में 14 कमरे हैं, और जंगल सफारी हेतु 7 गाड़ियां उपलब्ध है, जो कि सभी फुल हो चुके है।
इस वर्ष प्रबंधन ने सैलानियों के लिए आनलाईन बुकिंग की सुविधा प्रदान की है। कही से भी पर्यटक एटीआर का दीदार करने के लिए आनलाईन बुकिंग का लाभ ले सकते हैं। अपनी खूबसूरती और सौंदर्य से भरे अचानकमार टाईगर रिजर्व सैलानियों को खूब भांती है। पर्यटको के लिए जंगल सफारी के लिए 3 गेट खोले गए हैं। लेकिन जनवरी में एटीआर का दीदार करने के लिए केंवची के पास रूट खोलने की तैयारी है। खासकर इस गेट के खुलने से अमरकंटक जाने वाले सैलानियों को लाभ होगा।
बता दे अमरकंटक जाने वाले लोगों को जंगल सफारी का लाभ नहीं मिल पाता है। रूट खुल जाने के बाद पर्यटक अमरकंटक की खूबसूरत वादियों के साथ-साथ धार्मिक स्थल दर्शन करने के बाद एटीआर में केंवची बफर क्षेत्र में जंगल सफारी कर सकेगें। केंवची के पास ही आमाडोब में एटीआर का रूट पहले खुला था, लेकिन किसी कारण से बहुत साल पहले बंद कर दिया गया है। लेकिन इस बार केंवची बफर रूट को फिर से खोलने के लिए प्रबंधन ने अनुमति मांगी है। पर्यटक बफर क्षेत्र में जंगल सफारी कर वापस जा सकेंगें। उधर से प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की अनुमति नही होगी।
सुरक्षा कारणों से जंगल सफारी का एक गेट बंद
अचानकमार टाईगर रिजर्व में जंगल सफारी हेतु 3 गेट खोले गए हैं। रूट नंबर एक अचानकमार, सिवल खार, सागर, जल्दा, छपरवा से वापस अचानकमार, दूसरा रूट अचानकमार से बंधी, मंझीडोंगरी, सरईपानी, आमानाला, जल्दा, छपरवा से वापस अचानकमार, तीसरा रूट अचानकमार से पीपरहा, मांझीडोंगरी, आमानाला, छपरवा से अचानकमार रूट पर पर्यटक एटीआर में वन्यप्राणी और सौदंयर्ता का दीदार करते है। इसमें से रूट नंबर 1 अचानकमार, सिवलखार, सागर, जल्दा, छपरवा से वापस अचानकमार का रूट सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है।
जंगल में वन्य प्राणियों का बसेरा है
वाईल्ड लाईफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत 1975 में अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना की गई है। वर्ष 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया। 2009 में बाघों की संख्या को देखते हुए नेशनल टाईगर कंन्जरवेशन ने अचानकमार अभ्यारण्य को टाईगर रिजर्व घोषित किया। 914 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले एटीआर का 626 वर्ग किलोमीटर का एरिया कोर जोन और 288 वर्ग किलोमीटर का एरिया बफर जोन के अंतर्गत आता है। यहां बाघ, चीतल, गौर, मोर, सहित अनेक प्रकार के वन्यप्राणियों का बसेरा है।
जनवरी से केंवची में बफर सफारी की नई योजना है, इसके लिए अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलने के बाद अमरकंटक जाने वाले लोग एटीआर बफर क्षेत्र में केंवची की ओर से सफारी कर सकेंगें। प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की अनुमति नहीं होगी।
गणेश यूआर, डीएफओ एटीआर