गिरदावरी में लापरवाही बरतने वाले 71 पटवारियों को मिला शोकाज नोटिस

तखतपुर सबसे ज्यादा उसके बाद बिलासपुर के पटवारी लापरवाह निकले
कलेक्टर के निर्देश पर SDM ने किया था जांच
जिले में 250 पटवारी है पदस्थ
बिलासपुर /गिरदावरी कार्य में लापरवाही बरतने पर 71 पटवारियों को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर संबंधित एसडीएम ने जांच में विसंगति पाए जाने पर नोटिस दिए हैं। दो दिनों में उनसे जवाब तलब किया गया है। संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू ने बताया कि इनमें कोटा अनुविभाग में 9, बिल्हा में 9, तखतपुर में 42 और बिलासपुर में 11 पटवारियों को नोटिस जारी किया गया है। ग्रामों में संबंधित पटवारियों के द्वारा किये गये गिरदावरी कार्य के भौतिक सत्यापन का निरीक्षण किया गया। उक्त निर्देश के परिपालन में सभी तहसीलों के अंतर्गत आने वाले विभिन्न ग्रामों में पटवारियों के द्वारा किये गये गिरदावरी कार्य का भौतिक सत्यापन किया गया।
जिसमे गलती पाई गई है पटवारियों के सौंपे गए रिपोर्ट में भी अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए जिसके कारण नोटिस जारी किया गया है।
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जिले में 250 पटवारी,नोटिस सिर्फ 71 को
बता रहे है कि जिले में लगभग 250 पटवारी पदस्थ है जिनको कलेक्टर के निर्देश पर गिरदावरी कार्य की जिम्मेदारी दी गई थी।
लेकिन लापरवाही बरतने वाले 71 पटवारियों को नोटिस जारी किया गया है।
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तखतपुर तहसील में सबसे ज्यादा गिरदावरी अंतर्गत फसल प्रविष्टि में त्रुटियां मिली
अकेले तहसील तखतपुर अंतर्गत आने वाले ग्रामों क्रमशः मोढ़े, गिरवीना माँछ, अचानकपुर गमजू, पेण्डी, उमरिया सल्टैया बाजार सिंधनपुरी, राजपूर टिदुलाडीट, टिंगीपुर, नेक्सा पचबटर टिकरी, चोरटा सिंघनपुरी, नगोई, खम्हरिया, दरी, पकरिया, हरदी, निगारबंद, बेलसरी चितावर अचानकपुर में की गई गिरदावरी अंतर्गत फसल प्रविष्टि में त्रुटियां पाई गई।
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पटवारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
संबंधित ग्राम के हल्का पटवारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से जवाब प्रस्तुत करने देतु निर्देशित किया गया है। जवाब संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर संबंधित पटवारियों के विरुन्द्र एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
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क्या होता है गिरदावरी
राज्य सरकार के निर्देश पर जिले के कलेक्टर धान खरीदी के पहले मतलब अगस्त में समस्त पटवारियों को गिरदावरी कार्य में ड्यूटी लगा देते है। जिसमे कोटवार गांव जाकर मुनादी करता है। इसमें पटवारी,कोटवार,पंचायत सचिव और कृषि विस्तार अधिकारी मिलकर अपने अपने हल्के में जाकर जमीन का रकबा और खेत में होने वाले फसल की जानकारी लेते है और रिपोर्ट तैयार करते है।उसके बाद उसे जिला प्रशासन को सौंप देते है।
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रकबा कम तो सरकार को फायदा और रकबा अधिक हुआ तो सरकार को नुकसान
बता रहे है कि गिरदावरी कार्य में लगे कमर्चारियों की गलती से अगर जमीन का रकबा कम हुआ तो उसे धान खरीदी के पहले सुधारा जा सकता है और किसानों के खेत का रकबा कम होता है तो सरकार को फायदा होता है और अगर रकबा बढ़ा तो सरकार को नुकसान का सामना करना पड़ता है।