जंगल में मिला कंकाल लापता लाली का निकला

डीएनए जांच से हुई पुष्टि
संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी
बिलासपुर/मुंगेली।
मुंगेली जिले के लोरमी थाना क्षेत्र के कोसाबाड़ी गांव से डेढ़ महीने पहले रहस्यमय तरीके से गायब हुई 7 साल की बच्ची लाली की पहचान हो गई है। जंगल में मिले नरकंकाल की डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि वह कंकाल लाली का ही है। इस घटना के बाद लोरमी सहित आसपास कें क्षेत्रो में
हड़कंप मचा रहा। वहीं नरकंकाल की खबर
पाकर परिजनो का भी
रो रो कर बुरा हाल है।
पुलिस संदेहियों का करवा रही नार्को टेस्ट
पुलिस अब इस मामले को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने के लिए दो दिन में संदिग्धों का नार्को टेस्ट कराने जा रही है।
इसके लिए संदेहियों कि धडपकड़ करके उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों कें गिरेबान तक पुलिस जल्द पहुंच सकती है।
क्या है पूरा मामला
11 अप्रैल की रात लाली अपनी मां के साथ घर में सो रही थी, जब वह अचानक रहस्यमय तरीके से लापता हो गई। लापता होने के बाद से पुलिस ने विशेष जांच दल की 7 टीमें बनाकर जांच शुरू की थी। गहन सर्च ऑपरेशन के बाद जंगल से एक नरकंकाल मिला, जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था। अब डीएनए परीक्षण से यह साफ हो गया है कि मिलाया गया कंकाल लाली का ही था।
एसपी ने बनाई जांच के लिए 7 टीम
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी भोजराम पटेल ने विशेष 7 टीमें बनाकर जांच शुरू करवाई थी। पुलिस को शक है कि लाली के साथ किसी प्रकार का गंभीर अपराध किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
लोरमी में मचा हड़कंप
जब से खुलासा हुआ है कि नरकंकाल गायब हुई लड़की लाली का है तब से लोरमी में हड़कंप मचा हुआ है।इसके लिए अब कई तरह के सख्त कदम उठाकर पुलिस को सख्त पेट्रोलिंग और संदेहियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए है।
नरकंकाल मिलने से कई तरह से उठ रहे सवाल
पुलिस भले ही अपने स्तर से खोजबीन करने में जुटी हुई है लेकिन मुंगेली और लोरमी के लोगो का कहना है कि नरकंकाल मिलने के पीछे कहीं कोई बलि का चक्कर तो नहीं है।कही किसी ने रात में लड़की को गायब करके बलि तो नहीं दे दी है।खैर तरह तरह के सवाल से लोगो का दिल दहल गया है।