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जानें क्या है इंटरनेट पर राइट टू प्राइवेसी

बिलासपुर। इंटरनेट पर आपके द्वारा साझा की गई ,आपकी व्यक्तिगत जानकारी का कही दुरुपयोग तो नही हो रहा।किसी भी एप्लीकेशन को मोबाइल में इंस्टाल करने से पहले एलाऊ टू एक्सेस का बटन दबाकर कहीं हम खूद को खतरे में तो नही डाल रहे।कोई भी व्यक्ति हमारे निजी जीवन में दखल नहीं दे सकता , निजता का अधिकार हमारे निजी जीवन में दुसरो को दखल देने से रोकता है ,चाहे वह सरकारी तंत्र हो या गैर सरकारी ,
दोस्तो जब आप इंटरनेट के माध्यम से आन लाइन बहुत सारे एप्लीकेशन डाउनलोड करते हो ,तो उस एप्लीकेशन द्वारा आपकी निजी जानकारियां ,जैसे फोटो वीडियो कॉन्टेक्ट्स आदि मांगा जाता है , सोशल मीडिया जैसे फेस बुक , व्हाट्सअप,इंस्टाग्राम ,ट्वीटर को हमने अपनी व्यक्तिगत जानकारी दे रखी है ,उस डेटा पर अधिकार किसका है ,नियम से चलें तो उस डेटा पर मेरा खुद का व्यक्तिगत अधिकार है ,मैं इसे किसके साथ शेयर करना चाहता हू किसके साथ नही यह मेरा यक्तिगत मामला है ,जिसके साथ मैने अपनी जानकारी साझा की है ,इसकी क्या गारंटी है की वह मेरी निजी जानकारी अन्य को साझा नही करेगा।।
अगर उसने मेरी निजी जानकारी मेरा डेटा किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर किया तो यही मेरी निजता के अधिकार का उल्लंघन है।।वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पुत्तोस्वामी वेसेस यूनियन ऑफ इंडिया के वाद में निजता के अधिकार को अब मूल अधिकार के रूप में मान्य कर दिया है ,साइबर अपराधो की रोकथाम के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के बावजूद आज इंटरनेट पर डेटा चोरी धड़ल्ले से हो रही है ,आपकी निजता के अधिकार का उल्लघंन हो रहा है ,वर्तमान में इंटरनेट हमारी आवश्कता है ,लेकिन हमारी निजता की सुरक्षा भी बहुत बड़ी चुनौती के रूप में उभरकर सामने आ रहा है ,फैसला आपको करना है ,क्योंकि इंटरनेट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी आप साझा कर रहे है।।

वर्जन

निश्चित ही ऐसा होता हैं और इसलिए बोला गया है कि अपनी नैनी जानकारी किसी को न दे

रोहित मालेकर
निरीक्षक
थाना सिविल लाइन
रायपुर (छ. ग.)

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