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ठेका पाने के लिए मुख्य अभियंता को 32 लाख रुपए की रिश्वत देने वाले ठेकेदार ने किडनी की बीमारी का हवाला दे मांगी जमानत, हाईकोर्ट ने सीबीआई को दिया यह आदेश…..

रेलवे में निर्माण कार्यों का ठेका पाने के लिए झांझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के एमडी सुशील झाझरिया को रेलवे के मुख्य अभियंता को 32 लख रुपए रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने गंभीर किडनी की बीमारी बता इलाज के लिए जमानत मांगी है। अदालत ने सीबीआई को मेडिकल रिपोर्टों के सत्यापन का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 12 जून को रखी गई है।

बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य अभियंता को निर्माण कार्यों का ठेका पाने के लिए 32 लाख रुपए रिश्वत देने वाले ठेकेदार ने हाईकोर्ट में अपनी बीमारी का हवाला दे जमानत याचिका लगाई है। रिश्वत कांड में गिरफ्तार सुशील झाझरिया ने किडनी की गंभीर बीमारी का हवाला दे जमानत देने की गुजारिश याचिका में की है। वही याचिका में अदालत ने सीबीआई को मेडिकल रिपोर्ट का सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 12 जून को होगी।

झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी रेलवे क्षेत्र की बड़ी निर्माण कंपनी है। रेलवे के कई बड़े प्रोजेक्टस झांझरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा किए जा रहे हैं। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत बिलासपुर स्टेशन के पुनर्निर्माण का 400 करोड रुपए में ठेका झाझरिया का इंस्ट्रक्शन लिमिटेड ने ही लिया है। कंपनी का दफ्तर बिलासपुर के जगमल चौक में है। इस कंपनी के एचडी सुशील झाझरिया है। सुशील झाझरिया ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के आरएसडब्लू डिपार्टमेंट में पदस्थ मुख्य अभियंता विशाल आनंद को 32 लाख रुपए की रिश्वत भिजवाई थी। यह रिश्वत रेलवे में ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज के निर्माण कार्य पूरा करने के लिए लिया जा रहा था। झांझरिया कंपनी के जगमल चौक स्थित ऑफिस में विशाल आनंद पहुंचे थे और यही पूरी डील फाइनल हुई थी। विशाल आनंद रिश्वत की रकम रांची में अपने भाई कुणाल आनंद को देने की बात कही थी।

सुशील झाझरिया ने अपने कर्मचारी मनोज पाठक के हाथों रांची में 32 लाख रुपए भिजवाए थे। विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद को 32 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने रांची से गिरफ्तार किया था। उनके साथ झांझरिया कंपनी के कर्मचारी मनोज पाठक की भी गिरफ्तारी की गई थी। इसके बाद बिलासपुर से झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के एमडी सुशील झाझरिया और मुख्य अभियंता विशाल आनंद को भी गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7,8,10 और धारा 61 (2) के तहत मामला दर्ज किया था।

इस मामले में मुख्य अभियंता के भाई कुणाल आनंद को पूर्व में हाईकोर्ट ने उसके बच्चे को बल्ड कैंसर होने के आधार पर इलाज करवाने के लिए जमानत दी थी। अब सुशील झाझरिया ने भी जमानत अर्जी लगाई है। जमानत याचिका में उन्होंने बताया है कि वह गंभीर किडनी रोग से पीड़ित है। बीमारी इस स्थिति में है कि किसी भी समय कुछ भी हो सकता है। कोई आपरी घटना हो उससे पहले उन्हें ईलाज के लिए जमानत दिए जाए। याचिका के साथ मेडिकल दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए थे।

याचिका पर अदालत में तत्काल सुनवाई की अर्जी को मंजूर करते हुए केस डायरी मंगवाई है। हाईकोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता बी गोपा कुमार को निर्देश दिया है कि इन दस्तावेजों का सत्यापन किया जाए। 12 जून से पहले जेल अस्पताल या किसी अन्य अस्पताल में चल रहे इलाज की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए है।

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