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तालाब पर कब्जा, एसडीएम ने दिए पुनर्निर्माण के निर्देश

नगर निगम करेगा तालाब पुनर्निर्माण

खर्च अनावेदकों से वसूला जाएगा

खसरा नंबर 126 की जांच में अवैध कब्जा उजागर

बिलासपुर।ग्राम कोनी के खसरा नंबर 126 पर स्थित तालाब को मिट्टी से पाटकर कृषि भूमि में बदलने के मामले में प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। एसडीएम न्यायालय ने जांच के बाद पाया कि यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में तालाब के रूप में दर्ज है, लेकिन इसे अवैध रूप से समतल कर खेती योग्य बनाया गया। अब नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया गया है कि जमीन पर मिट्टी हटाकर इसे फिर से तालाब में बदला जाए। इस प्रक्रिया का खर्च अनावेदकों से वसूला जाएगा।

कैसे हुआ खुलासा

कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर एसडीएम पीयूष तिवारी की टीम ने कोनी क्षेत्र में तालाबों की स्थिति की जांच की। जांच में पाया गया कि खसरा नंबर 126, जो रिकॉर्ड में तालाब के रूप में दर्ज है, उसे व्यासनारायण पांडेय और सुरेंद्र पांडेय ने अवैध रूप से पाटकर समतल भूमि में बदल दिया।

पहले भी दिए गए थे आदेश

27 दिसंबर 2024 को एसडीएम न्यायालय ने अनावेदकों को सात दिनों के भीतर तालाब को उसके मूल स्वरूप में लौटाने का आदेश दिया था। लेकिन अब तक न तो आदेश का पालन हुआ और न ही किसी न्यायालय से स्थगन आदेश प्रस्तुत किया गया।

नगर निगम करेगा तालाब पुनर्निर्माण

एसडीएम ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे मिट्टी हटाकर तालाब का पुनर्निर्माण करें। तालाब निर्माण का पूरा खर्च अनावेदकों से वसूला जाएगा।

अनावेदकों का पक्ष

अनावेदकों ने दावा किया कि यह उनकी निजी जमीन है और इसे कृषि भूमि के रूप में उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, जांच में पाया गया कि यह सार्वजनिक उपयोग के लिए दर्ज तालाब की जमीन है।

वर्जन
जांच में खसरा नंबर 126 की जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया। नगर निगम आयुक्त को तालाब का पुनर्निर्माण करने और खर्च वसूलने के निर्देश दिए गए हैं।

पीयूष तिवारी, एसडीएम बिलासपुर

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