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नगरीय निकाय कर्मचारियों ने ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग पर निकाली रैली

वेतन में देरी और नियमितीकरण जैसे मुद्दों पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

महासंघ ने ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की अपील की

बिलासपुर। स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ ने नगरीय निकाय कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली और मुख्यमंत्री समेत वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। महासंघ ने वेतन भुगतान में देरी, ठेका प्रथा समाप्त करने, नियमितीकरण, और पदोन्नति जैसी समस्याओं पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इन मांगों का समाधान जल्द नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अधिकांश नगरीय निकायों में कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। इसका मुख्य कारण राजस्व स्रोतों में कमी और प्रशासनिक लापरवाही को बताया गया है। महासंघ ने 2013 की उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को लागू करने और ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग दोहराई।

ठेका प्रथा से कर्मचारियों पर संकट
महासंघ के अध्यक्ष नंद कुमार कुशवाहा ने कहा कि ठेका प्रथा कर्मचारियों के हितों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। स्वच्छता कार्यों में लगे कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन, ईएसआईसी कार्ड, और अन्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा, पदोन्नति के अवसरों के अभाव और छठवें-सातवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान न होने से भी कर्मचारी परेशान हैं।

महासंघ की प्रमुख मांगें
ठेका प्रथा समाप्त करना: सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
पदोन्नति चैनल: करियर विकास के लिए पदोन्नति का अवसर मिले।
मूलभूत सुविधाएं: स्वच्छता कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन, ईएसआईसी कार्ड, और साप्ताहिक अवकाश दिया जाए।
एरियर्स का भुगतान: छठवें और सातवें वेतनमान के एरियर्स शीघ्र दिए जाएं।
अनुकंपा नियुक्ति: मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी दी जाए।

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