निगम की तोडफोड़ की कार्रवाई का विरोध,कैंसर पीड़ित पांच साल के मासूम की चली गई जान,लोगों ने शव लेकर कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन…दिलीप बोले,सेवा करना राजनीति तो वही सही

लिंगियाडीह से कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जमीन पर बैठे परिजन
कलेक्ट्रेट का घेराव कर घर देने की मांग की
नगर निगम पर लगाया भेदभाव का आरोप
बिलासपुर। नगर निगम के तोड़फोड़ की कार्यवाही से पांच वर्षीय कैंसर पीड़ित बच्चे को सदमा लगने से मौत का आरोप लगा है। बच्चे के परिजनों और लोगों ने बच्चे का शव रख कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जमकर हंगामा मचाया।
बता दे नगर निगम की तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद कैंसर पीड़ित पांच साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। कार्रवाई के दूसरे दिन ही बच्चे की जान जाने से नाराज लोगों ने बच्चे के परिजनों के साथ शव लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई और जिला प्रसाशन और निगम प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की। घेराव के चलते वाहनों की लंबी कतार भी लग गई।
दरअसल यह
पूरा मामला लिंगियाडीह और चिंगराजपारा में अवैध अतिक्रमण पर तोड़फोड़ की कार्रवाई से जुड़ा है। नगर निगम ने लिंगियाडीह और चिंगराजपारा में अवैध अतिक्रमण तोड़ने की कार्यवाही की थी। यहां 70 फीट चौड़ी सड़क बननी है जिसके लिए नगर निगम अवैध अतिक्रमण तुड़वा रहा है। इसी क्रम में हुई तोड़फोड़ में चिंगराजपारा ढलान रोड में रहने वाले संतोष यादव का घर भी तोड़ा गया है। संतोष यादव के 5 वर्षीय बच्चे हिमांशु उर्फ अंशुल यादव को कैंसर है। जिसका इलाज करवाने वह अपनी बेटे अंशुल और पत्नी सिद्धि को लेकर रायपुर गए हुए थे। घर पर उनके चार बच्चे और थे।
उनके नहीं रहने के दौरान अतिक्रमण निवारण दस्ता तोड़फोड़ करने पहुंच गया। माता-पिता के नहीं रहने पर उनके मासूम बच्चे सहम गए। उन्होंने छोटे भाई के कैंसर का इलाज करवाने रायपुर जाने की बात बताई और अपने पिता से बात करवाया। बच्चों के पिता संतोष यादव ने अतिक्रमण निवारण दस्ते के अधिकारियों से फोन पर बात कर सारी स्थिति से अवगत करवाया और कुछ दिनों की मोहलत मांगी। पर उनकी एक नहीं सुनी गई और उनके घर पर बुलडोजर चला दिया गया।इधर संतोष और सिद्धि यादव के कैंसर पीड़ित पांच वर्षीय बच्चे अंशुल यादव आज अपने पुराने घर को देखने के लिए पहुंचा।और अपने मकान को खोजने लगा।इसी बीच उसे बताया गया कि उसके मकान को नगर निगम ने तोड़ दिया है।जिससे वह सदमे में आ गया
उसके बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी।आनन फानन में उसे रिश्तेदार के घर में आराम करने ले जाया गया लेकिन हंसते खेलते बच्चे की मौत हो गई। इस हादसे से उसके परिजन टूटे हुए घर के मलबे के पास पहुंच गए। टूटे हुए घर के पास बच्चे का शव लाने पर माहौल और गमगीन हो उठा। आस पास के मोहल्ले वाले और तोड़फोड़ से प्रभावित लोग भी आक्रोशित हो गए और सभी एंबुलेंस में बच्चे का शव लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुंच गए। कलेक्ट्रेट के गेट में ही परिजन बच्चे का शव रख धरना दे दिए।
जिससे माहौल बन गया
तोड़फोड़ की कार्रवाई रोकने और दोषी अफ़सरों पर कार्यवाही की मांग
तोड़फोड़ की कार्रवाई रोकने और दोषी अफ़सरों पर कार्यवाही करने को लेकर जमकर प्रदर्शन किया गया। बच्चे के परिजनों का आरोप है कि तोड़फोड़ की खबर सुनकर मासूम को सदमा पहुंचा और उसकी जान चली गई। परिजनों का आरोप था कि इसके लिए निगम के अफसर जिम्मेदार है। परिवार के मुताबिक निगम के अफसरों ने नाप कर सिर्फ एक ही कमरे का चिन्हांकन तोड़फोड़ के लिए किया था। पर पूरा घर ढहा दिया गया है। मृत बच्चे के मां की दादी ने भी आरोप लगाया कि पहले निगम वालों ने कहा था कि नाप कर तोड़फोड़ करेंगे,पर पूरा घर तोड़ दिया गया। तोड़फोड़ से प्रभावित लोगों का कहना है कि घरों को ढहाने के बदले जो घर हमें प्रदान किया गया है वहां न बिजली है न पानी हैं तो हम वहां रहें कैसे
न भाजपा ने मदद की न कांग्रेस के लोग सामने आए
लिंगियाडीह के लोग सड़क के रास्ते कलेक्ट्रेट तक पैदल आते रहे।इस दौरान पूरे रास्ते भर जाम लगा रहा लेकिन न तो पुलिस पहुँची न विपक्षी कांग्रेस के लोग और न ही भाजपा के कोई दिग्गज नेता। पुलिस को तब पता चला जब एम्बुलेंस रिवर व्यू पहुँच गई और फिर एम्बुलेंस को रोकने के लिए पुलिस ने दौड़ लगाई। परन्तु तब तक एम्बुलेंस कलेक्ट्रेट पहुँच गई परिजनों और मोहल्लेवालों ने मासूम बच्चे अंशुल के शव को कलेक्ट्रेट के गेट पर रखकर प्रदर्शन करते हुए निगम के अफसरों पर कार्रवाई और वही घर बनाकर देने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया।
नियम कायदा।और कानून सिर्फ गरीबों के लिए
मेयर के हड़काने के बाद ज्वाली नाला मार्ग से रसूखदारों का अवैध निर्माण को तोड़ना छोड़ लिंगियाडीह- चिंगराजपारा में कार्रवाई करने पहुँचा निगम का अमला गरीबो के आगे शेर बनकर दहाड़ता रहा। गरीबो की चीख पुकार तक नही सुनी। लोगो ने आवाज उठाई की निगम का अमला रसूखदारों और बिल्डरों के खिलाफ क्यो कार्रवाई की हिम्मत क्यो नही करता क्या सारा जोर गरीबो के आशियानों को उजाड़ने के लिए है।
अतिक्रमणकारियों का नहीं पसीजा दिल,तोड़ दिया गरीबों का आशियाना
अपोलो के आगे चिंगराजपारा रोड के ढलान पर संतोष यादव का घर था, संतोष के लगभग 6 वर्षीय पुत्र अंशुल कैंसर रोग से पीड़ित था, संतोष और उसकी पत्नी सिद्धि उसका उपचार कराने रायपुर गए थे, इस दौरान उनके 3 बच्चे घर पर थे, उन लोगो ने बताया भी कि उनके माता-पिता भाई को इलाज कराने रायपुर लेकर गए पर निगम के अफसरों ने का कलेजा नही पसीजा और पूरे मकान को ढहा दिया गया जबकि संतोष ने मोबाइल पर अफसरों से चर्चा कर उन्हें अपनी स्थिति से अवगत करा 2-4 दिन की मोहलत भी मांगी थी। घर टूटने की कभर से हताश बीमार बच्चे को सदमा लगा और गुरुवार रात बच्चे ने दम तोड़ दिया।
पार्षद बोले,मांगा इलाज के लिए मदद तोड़ दिया घर, तो दुनिया ही छोड़ दी,ये वही बच्चा है जिसके लिए हम लोग कलेक्टर से मिले थे
मोहल्ले के पार्षद दिलीप पाटिल ने बताया कि यह वही बच्चा है जिसके कैंसर के इलाज के लिए हम कलेक्टर से मिले थे और कलेक्टर ने हमें बच्चे के इलाज में मदद का आश्वासन दिया था।
दिलीप पाटिल ने बताया कि दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और पीड़ित परिजनों की मांग है कि घर वही पर बनना चाहिए।
कलेक्टर के चैंबर से निकलने के बाद स्थानीय पार्षद दिलीप पाटिल ने बताया कि कलेक्टर ने घटना के हर पहलुओं पर बात की और घटना कैसे हुआ क्यों हुआ इसकी जांच करवाने की बात कही है। पार्षद ने बताया कि हमने मांग की है कि 70 फीट सड़क चौड़ीकरण के बाद यदि आवश्यकता ना हो तो किसी भी गरीब के मकान पर बुलडोजर ना चलवाया जाए। जिस पर कलेक्टर ने हामी भरते हुए ऐसी घटना की पुनरावृति दोबारा नहीं होने की बात कही है।
आक्रोशित लोगो ने बोला,सिंधी समाज के लिए छूट,बाकी के लिए सजा
प्रदर्शनकारियों ने जमकर हल्ला बोला,कलेक्ट्रेट में जमीन पर बैठे लोगों ने सीधे नगर निगम और महापौर पर आरोप लगाकर कहा कि सिंधी समाज को सिर्फ छूट दिया गया है।जबकि गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है। नगर निगम और महापौर भेदभाव कर रहे है।गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है तो उनके मकानों को तोड़ा गया है।
बुजुर्ग महिला बोली, हमारा घर तो तोड़ दिए है लेकिन मृतक का घर वही पर बनना चाहिए
जमीन पर बैठी बुजुर्ग महिला के नाराजगी जाहिर की और निगम की कार्रवाई पर भेदभाव का आरोप लगाया। बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि निगम ने हमारा घर तो तोड़ दिया है लेकिन मृतक के परिजनों को वही पर घर बना कर देना चाहिए।अगर मकान नहीं दिया गया तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
वर्जन
निगम से मोहलत मांगी गई,इलाज करवाने के लिए आए है बोले,उसके बाद भी बुलडोजर चलवा दिया गया।घर उजड़ने के कारण बेटे को सदमा पहुंचा है जिसके कारण उसकी मौत हुई है।जो मकान निगम ने दिया है वह एक कमरे का है।ऐसे में कैसे रहेंगे।इसलिए मकान वही पर
चाहिए । और निगम के दोषी अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
संतोष यादव
मृतक का पिता
वर्जन
नगर निगम ने अत्याचार किया है।बिना अनुमति के बिना नोटिस के घर को उजाड़ा गया है।घर में चार बेटी और एक बेटा है। जिसमें बेटे की भी मौत हो गई हैं।इसमें दूसरे को लाभ देने के लिए निगम कार्रवाई कर रही है।बच्चे की मौत तो घर टूटने के सदमे से हुई है।
विनय पांडे
पुजारी
वर्जन
नगर निगम से इस संबंध में बात किया जायेगा।चूंकि लिंगियाडीह में 70 फीट तोड़ने का आदेश है और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अवैध मकानों को तोड़ा जा रहा है।सोमवार को परिजनों को मिलने बुलाया गया है उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संजय अग्रवाल
कलेक्टर बिलासपुर
वर्जन
निगम की कार्रवाई और बच्चे की मौत दुर्भाग्य है।लेकिन कार्रवाई से पहले नोटिस दिया गया था। उसके बाद कार्रवाई हुई है।अवैध निर्माण पर मेयर ने कहा कि ज्वाली नाला में आवासीय नक्शा पास था लेकिन समाज के द्वारा कामर्शियल बनाया जा रहा था,इसलिए कार्रवाई हुई।निगम को पहले एक बार मुझे बताना था और उनको नोटिस देना था उसके बाद कार्रवाई करनी थी। मेयर ने कहा कि अवैध निर्माण कांग्रेस शासन मे हुई है। नगर निगम की यह गलती है कि जब निर्माण होता है तो ध्यान नहीं देती है और बनने के बाद कार्रवाई करती है तो लोगो कों दुख होता है।उन्होंने कहा कि ज्वाली नाले के पास बने रहे अवैध निर्माण के दौरान भवन शाखा अधिकारी कहां थे। अवैध निर्माण को निगम प्रशासन और नेता ही हवा दे रहे है।
पूजा विधानी
महापौर नगर निगम बिलासपुर