निमंत्रण भेजा लेकिन आम पब्लिक की तरह….छोटी सी प्रस्तुति का भी अवसर नहीं दिया पद्मश्री से सम्मानित को मंच में…बड़ी लापरवाही उजागर हुई प्रशासन की

आम पब्लिक की तरह भेजा गया निमंत्रण पत्र
बोले,पद्मश्री अवॉर्ड मिला है शहर के नागरिक को,मंच में करना था सम्मान
पद्मश्री से सम्मानित व्यक्ति को जिला प्रशासन ने सम्मान करना उचित नहीं समझा
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में हर वर्ष की तरह इस बार भी राज्योत्सव का आयोजन किया गया। बिलासपुर के कई अतिथियों को आमंत्रित किया गया। लेकिन इस बार की चर्चा का मुख्य कारण कुछ और ही है। राज्योत्सव में एक प्रतिष्ठित हस्ती, जिन्हें पद्मश्री सम्मान प्राप्त है, उनको निमंत्रण आम जनता की तरह भेजा गया। जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
जिला प्रशासन और चयनकर्ताओं ने इस साल राज्योत्सव में कई प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया। लेकिन पद्मश्री से सम्मानित पं. राम लाल बरेठ (रायगढ़ घराना) को निमंत्रण प्रोटोकॉल के तहत नहीं दिया गया । उनके कहे अनुसार, यह राज्योत्सव जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में किसी पद्मश्री विजेता का सम्मान करने का सही अवसर था, जो राज्य और देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।
लेकिन राज्योत्सव में सम्मान नहीं होने से उन्हें बहुत दुख हुआ है।
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राज्योत्सव में इस तरह से निमंत्रण देने से व्यक्त की निराशा
छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार विजेता रामलाल बरेठ जो अपनी कला और सेवा के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए जाने जाते हैं। राज्योत्सव में अपमान करके निमंत्रण देने पर गहरा दुख हुआ है। हर साल राज्योत्सव में प्रमुख व्यक्तित्वों को आमंत्रित किया जाता है, परंतु उन्हें सम्मान के साथ न बुलाए जाने पर उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त की है। रामलाल बरेठ ने फोन में बात करते हुए कहा मैंने हमेशा अपने राज्य और समाज की सेवा में योगदान देने का प्रयास किया है। राज्योत्सव जैसे बड़े कार्यक्रम में सम्मान के साथ न बुलाए जाने से दुख हुआ है, क्योंकि यह मेरे जैसे लोगों के लिए राज्य के साथ अपने संबंध को महसूस करने का अवसर होता है।लेकिन इस साल बहुत अफसोस हुआ और दुख हुआ कि मंच में अवसर नहीं दिया न उस तरह से मुझे सम्मान दिया गया जैसा देना चाहिए था।
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औपचारिक निमंत्रण दिया गया
पद्मश्री रामलाल बरेठ
ने आरोप लगाकर कहा है कि वर्षों से तपस्या का यह फल मिलेगा जिंदगी में कभी नहीं सोचा था,औपचारिक निमंत्रण भेजकर मुझे बुलाया गया था इसमें प्रोटोकॉल का भी पालन नहीं किया गया जिसके कारण मन बहुत दुखी हुआ है। बल्कि आम जनता की तरह मुझे भी बुलाया गया था। इसलिए जाना उचित नहीं लगा बल्कि अपमानित लग रहा था।
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मंच में छोटी प्रस्तुति के लिए भी नहीं बोला गया
पद्मश्री राम लाल बरेठ ने बताया कि शहर के एक प्रतिष्ठित नागरिक को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है,तो।उनको मंच में जगह देना था और मंच में बुलाकर सम्मान करना था लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया न बोला गया।
वर्जन
यह जिला प्रशासन और
चयनकर्ताओं की गलती है जिसमें प्रोटोकॉल के तहत निमंत्रण नहीं दिया गया बल्कि आम पब्लिक की तरह निमंत्रण पत्र भेजा गया। जिसके कारण दुख लगा। प्रशासन का यह रवैया अच्छा नहीं लगा। शहर के प्रतिष्ठित नागरिक का ऐसा अपमान सपने में भी नहीं सोचा था।
पद्मश्री राम लाल बरेठ