पारस पावर प्लांट की जनसुनवाई में गूंजा मुर्गा,दारू और नगदी रकम की आवाज….

घूम घूम कर बांटे गए पैसे
बिलासपुर। ग्राम घुटकू में शुक्रवार को पारस पावर प्लांट की जनसुनवाई में ताम झाम कर मजमा लगाकर जन सुनवाई कराई गई! जिला प्रशासन के भयभीत अफसर जाली के पीछे CC कैमरे की निगरानी में बैठे रहे! सामने लाइन लगाकर इस प्लांट का समर्थन कर रहे लोगो को लाइन में खड़ा कराकर माइक पर समर्थन का रट्टा लगवाया गया! इनमे ज्यादा तर लोग इस लिए समर्थन करते दिखे! क्योंकि वे लोग उसी संस्थान में कार्यरत है! इन लोगो ने पावर प्लांट का समर्थन करते हुए कहा! कि कंपनी ने हमे रोजगार दिया है! वही एक समर्थक ने तो इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की कि CSR फंड से जिस शिशु मंदिर की स्थापना का वायदा किया गया था! उसका अभी तक अता पता नही है! प्रबंधन इस ओर ध्यान दे! बाकी समर्थन है! वही एक ग्रामीण ने कहा! कि इसी सर्ट पर समर्थन है! कि उसे ठेके पर काम मिला है! परमानेंट होना चाहिए!

*गिने चुने लोग पहुंचे जनसुनवाई में*
जनसुनवाई में गिने चुने लोग पहुंचे वो भी उसमें वह लोग ज्यादा रहे जो प्लांट में काम करते है।
और जो प्लांट के समर्थन में थे। बाकी लोगों को दूर रखा गया था और धमकी दी गई थी कि कोई भी विरोध में बोला तो उसको झूठे मामले में फंसा कर जेल भेज दिया जायेगा।

*दारू मुर्गे की पार्टी*
चर्चा है! कि प्रबंधन से जुड़े लोगों और जन प्रतिनिधियों ने गुरुवार रात से ही माहौल बनाना शुरू कर दिया था! देर रात तक गांव गांव में पार्टी चलती रही! सुबह जन सुनवाई के दौरान भी झुंड में जुटे युवा एक दूसरे से पूछते रहे कि तय मटन खाबे की चिकन।

*प्लांट के कर्मचारियों को तैनात करके पैसा बांटने का किया गया काम*
प्लांट में काम करने वाले वर्कर और अन्य लोगों ने जनसुनवाई में आए हुए लोगों को माइक में बोलने के बाद पैसा दिया ।यहां तक महंगे खाने के लिए होटल के खाने का भी पैकेट दिया।

*पहली बार देखा ऐसा जनसुनवाई जिसमें कोई विरोध नहीं हुआ*
जनसुनवाई को लेकर जब हमने एडीएम आर ए कुरूवंशी से बात की तो उन्होंने बताया कि अपनी नौकरी के दौरान और इतनी जनसुनवाई में जिंदगी में पहली बार ऐसा जनसुनवाई देखा हुआ जिसमें किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ है और हंसी खुशी से लोग जनसुनवाई में समर्थन दिए।

*तहसीलदार बोले,विलम्ब से पहुंचा था मै*
इस संबंध में जब तहसीलदार आकाश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह जनसुनवाई में विलम्ब से पहुंचे थे। इसलिए इस बारे में।ज्यादा कुछ नहीं बोल सकते ।
*सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप अग्रवाल बोले,बिक गए और पैसों से खरीद लिए गए ग्रामीणों को*
जनसुनवाई को लेकर जब सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्लांट वाले ने ग्रामीणों को खरीद लिया और रात भर पैसा बांटा,इसके साथ ही जो विरोध करने वाले थे उनको सेटिंग कर लिया गया। गांव में धमकी देकर लोगों से समर्थन लिया गया।