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पिछले पांच साल से समाज से बहिष्कृत महिला न्याय की गुहार लगाते पहुंची HC की शरण में

हाईकोर्ट ने किया नोटिस जारी

बिलासपुर । समाज से बहिष्कार का दंश झेल रही एक महिला और उसकी छोटी सी बच्ची समाज में शामिल होने और न्याय की मांग को लेकर दर दर भड़कने पर मजबूर है, न्याय की आस लिए हाईकोर्ट की शरण पहुंची महिला की फरियाद को सुनने के बाद हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने कांकेर के कलेक्टर , एसपी और डडसेना कलार समाज के संभागीय अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। दरअसल कांकेर के ढेकुना गांव की रहने वाली मुनिका जैन की शादी लखनपुरी गढ़िया पारा के रहने वाले राजेश्वर कुमार जैन जो कि आईटीबीपी में चाइना बॉर्डर में पदस्थ से हुई है। शादी के कुछ दिनों बाद ही पति – पत्नी के बीच झगड़े शुरू हो गए, झगड़ा इतना बढ़ा कि कुछ साल बाद नौबत थाने तक पहुंच गया। पत्नी द्वारा पति के खिलाफ मारपीट और भरण पोषण को लेकर कांकेर के थाने में रिपोर्ट लिखवाना कलार समाज को नागवार गुजरा। इसको लेकर गांव के सरपंच समेत समाज के लोगों ने गांव में बैठकी की और मुनिका और उसके पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। समाज से बहिष्कृत होने के बाद से मुनिका और उसके परिवार पर मुसीबतों की झड़ी लग गई, सबसे बड़ी बात तो यह है कि मुनिका की बहन से शादी के लिए आने वाले रिश्तों को भी तोड़ दिया जा रहा है। इस सबसे परेशान मोनिका न्याय की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट की शरण पहुंची, प्रारंभिक सुनवाई में ही हाईकोर्ट ने कांकेर के कलेक्टर एसपी और डडसेना कलार समाज के संभागीय अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।


जागरूकता अभियान हुआ फेल

महिलाओं को समाज में ऊंचा दर्जा देने और महिलाओं को प्रथम स्थान देने की बात कहे जाने का यह दावा फेल होते जा रहा है।जिस तरह से महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के साथ समाज पर आरोप लगाया है वह एकदम सही साबित होते जा रहा है। एक तरफ जागरूकता अभियान चलाकर महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है वहीं इस तरह का आरोप सुनकर पता चलता है कि समाज आज भी कितना पिछड़ा हुआ है।

बिना तलाक के पति ने चूड़ी पहनाकर की शादी

पीड़िता ने आरोप लगाकर बताया कि उसके पति की शादी किसी अन्य महिला से चूड़ी पहनाकर कर दी गई है। जबकि पति से न तलाक हुआ है और न पति से तलाक की कोई बात हुई है।

6 साल से बस्तर संभाग से हुए बहिष्कृत

मुनिका जैन का आरोप है कि समाज ने हमे पिछले 6 साल से बहिष्कार कर दिया है। और इसलिए कोई भी रिश्तेदार समाज मदद नहीं करता। समाज में शादी होता है या कोई भी कार्यक्रम होता है तो शामिल नहीं हो पाते है। 5 साल पहले दादी का निधन हुआ तो भी कोई नहीं आया बल्कि गांव वाले और परिवार वाले मदद किए।जिसके कारण बहुत समस्या हो रही है।


मुनिका ने कहा समाज में रहना हुआ मुश्किल

मुनिका जैन ने बताया कि जब से बहिष्कृत हुए है तब से समाज में रहना मुश्किल हो गया है। समाज में न्याय की आस के लिए कई बार बोली लेकिन कही कोई सुनवाई नहीं हुई। माता पिता और भाई बहनों का जीना मुश्किल हो गया है।

समाज में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जो हुआ है वह नहीं होना था। स्थानीय स्तर पर कोई हुआ होगा तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

मनोज महतो
प्रदेश उपाध्यक्ष कलार समाज


कलार समाज में ऐसा कुछ नहीं है कि किसी पीड़ित महिला को समाज से बहिष्कृत किया जाए। बल्कि महिला की मदद की जाती है। आज भी महिलाओं का स्थान समाज में ऊंचा है और हमेशा रहेगा।

सरोज डनसेना
अध्यक्ष महिला महासभा छत्तीसगढ़

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