पीड़ित के भाई ने कहा ये कैसी जांच,न प्रारम्भिक जांच की रिपोर्ट की प्रति दी गई
न आरोप पत्र और तो और एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी आरटीआई के
3 आवेदनों का जवाब तक नही दिया विभाग ने
बिलासपुर। तकरीबन डेढ़ महीने पहले नायब तहसीलदार और उसके इंजीनियर भाई से की गई मारपीट के मामले में पुलिस ने आश्वासन के बाद न तो 3 दिन में उनके खिलाफ दर्ज कथित झूठा मुकदमा खत्म कराया न उन्हें प्रारम्भिक जांच की रिपोर्टर दी गई।
दरअसल इंजीनियर भाई का आरोप है कि पुलिस विभाग द्वारा उन्हें बार-बार बयान के लिए बुलाकर परेशान किया जा रहा है उन्होंने पारदर्शिता पूर्ण निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इंजीनियर पुष्पेंद्र नाथ का कहना है कि गत 17 नवम्बर की रात सरकंडा के तत्कालीन थानेदार तोप सिंह नवरंग और उसके मातहतों ने उनसे और उनके नायब तहसीलदार भाई से गाली गलौज मारपीट कर उन्हें जबरदस्ती रात भर थाने में बैठाया था। इस मामले की जांच के लिए आइसीयूडब्ल्यू ऑफिस में उन्हें सोमवार को बुलाया गया था। उन्होंने अपना बयान दर्ज करा दिया। उनका कहना है कि उन्होंने घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज प्रारम्भिक जांच की रिपोर्ट और आरटीआई के 3 आवेदनों की जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की है 1 माह से अधिक समय हो गया आज तक उपलब्ध नही कराई गई, और न ही प्रशासन ने अपना वायदा पूरा किया । जबकि आश्वासन दिया गया था कि 3 दिन के अंदर उनके और उनके भाई के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे पर आज तक मुकदमे भी खत्म नही किये गए।
क्या ऐसी होती है जांच
इंजीनियर भाई का कहना है कि क्या ऐसी जांच होती है। क्या माह भर बाद भी आरटीआई के आवेदन का जवाब नही देना गलत नही है। उन्होंने दर्ज झूठे मुकदमे को समाप्त कर पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शिता पूर्ण जांच कराई कराने की मांग है। साथ ही बार-बार कथन के लिए बुलाने को लेकर भी सवाल उठाया है।
न्याय की लगाई गुहार
पीड़ित के इंजीनियर भाई ने बताया कि इस मामले में एकदम निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पूरी तरह से पारदर्शिता बरतनी चाहिए। ताकि हकीकत का सामना हो सके।
लेकिन पुलिस के जांच पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है।