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पुलिस ने पकड़ा पिकअप से अवैध लकड़ी ड्राइवर समेत 4 गिरफ्तार….वन विभाग के अफसरों की मिली भगत की आशंका….

वन विभाग के अफसर ही कर रहे इमारती लकड़ी तस्करी

रेंजर और वनपाल पर लगे गंभीर आरोप

बिलासपुर ।जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें वन विभाग के ही कर्मचारी अवैध लकड़ी तस्करी में लिप्त पाए गए हैं।जिसमे एक रेंजर और वनपाल पर तस्करी करने के गंभीर आरोप लगे है।पुलिस ने गाड़ी और अवैध सागौन के लकड़ी समेत 4 लोगो को पकड़कर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है।

बता दे जिस विभाग के जिम्मे जंगल और वन्य प्राणियों की रक्षा की जिम्मेदारी है उसी विभाग के अधिकारी कर्मचारी लकड़ी तस्करी के धंधे में शामिल हो गए है। मंगलवार को मोपका चौकी क्षेत्र में पुलिस ने एक पिकअप वाहन को रोककर जांच की तो उसमें इमारती लकड़ी से बना दरवाजा, चौखट और सिलपट भरा था। वाहन चालक से लकड़ी के संबंध में पूछताछ करने पर कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका। जब थाने ले जाकर ड्राइवर और उसके साथियों से पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि लकड़ी बिलासपुर वनमंडल के अंतर्गत सोंठी जंगल से काटी गई है और वनपाल सूरज मिश्रा ने मंगाया है। उसे सोंठी से बिलासपुर छोड़ने के लिए केवल एक हजार रुपए भाड़ा मिलेगा।
जब पुलिस ने वाहन को रोका तब कुछ समय बाद वनपाल सूरज मिश्रा खुद मौके पर पहुंचे और एक फर्जी बिल दिखाकर लकड़ी को छुड़ाने की कोशिश की। इससे पहले कि वे वाहन को ले जा पाते, वन विभाग की उड़नदस्ता टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने लकड़ी से भरा पिकअप जप्त कर उसे बिलासपुर वन विभाग कार्यालय ले आई। जहां
पकड़े गए गाड़ी के ड्राइवर सुखदेव केवंट पिता गोपाल परसापाली,सुखी राम पिता अवधराम साजापाली,संतोष यादव पिता देवी प्रसाद बिटकुला और रामचरण गोड़ पिता लोकनाथ सीपत के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

*वन विभाग के अधिकारी लिप्त*

वन विभाग के कई अधिकारी इस धंधे में लिप्त है। जंगल में लकड़ी कटवाते है और वहीं के स्थानीय बढ़ई से दरवाजा, चौखट, सोफा और अलमारी बनवाकर शहर में बिकवा रहे रहे है। वन विभाग के उच्च अधिकारी भी इस धंधे में संलिप्त हैं। जब मामला खुल जाता है तो फर्जी बिल दिखाकर छुड़ा लिया जाता है। क्योंकि विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता के कारण तत्काल बिल बना दिया जाता है। ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए। इस मामले में भी रेंजर ने कहा कि बिल के साथ लकड़ी लाई गई है लेकिन उसने कोई बिल नहीं दिखाया। इसमें सबसे बड़ी बात यही है कि जब  पकड़ाए हुए लोग वनपाल का नाम ले रहे है तो फिर वन विभाग कार्रवाई करने मै इतनी देर क्यों और किसके लिए कर रहे है।

*माेपका चौकी पुलिस ने पकड़ा अवैध लकड़ी से भरा पिकअप*

मंगलवार सुबह सरकंडा थाना अंतर्गत मोपका चौकी क्षेत्र में पुलिस ने एक पिकअप वाहन को रोककर उसमें भरी अवैध इमारती लकड़ी जब्त की।लकड़ी का कोई वैध दस्तावेज न होने पर मामला संदेहास्पद लगा।पूछताछ में खुलासा हुआ कि लकड़ी बिलासपुर वनमंडल के अंतर्गत सोंठी जंगल से काटी गई थी।इस तस्करी में वनपाल सूरज मिश्रा और बिलासपुर वनमंडल में पदस्थ एक रेंजर व वनपाल की संदिग्ध भूमिका सामने आई है।

*फर्जी बिल और बचाव की साजिश*

जब पुलिस ने वाहन को रोका, तब कुछ समय बाद वनपाल सूरज मिश्रा खुद मौके पर पहुंचे और एक फर्जी बिल दिखाकर लकड़ी को छुड़ाने की कोशिश की।इससे पहले कि वे वाहन को ले जा पाते, वन विभाग की उड़नदस्ता टीम मौके पर पहुंच गई।टीम ने लकड़ी से भरा पिकअप जप्त कर उसे बिलासपुर वन विभाग कार्यालय ले आई।

*संगठित तस्करी की आशंका, उच्च अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध*

सूत्रों के अनुसार, यह केवल एक व्यक्ति का कृत्य नहीं बल्कि एक संगठित और योजनाबद्ध तस्करी रैकेट है।लकड़ी के चौखट और दरवाजे का रूप देकर फर्नीचर के रूप में उपयोग की योजना थी।आशंका है कि वन विभाग के उच्च अधिकारी भी इस तस्करी में संलिप्त हो सकते हैं।

*पूर्व में भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले*

यह कोई पहला मामला नहीं है।पूर्व में भी विभागीय कर्मचारियों द्वारा लकड़ी काटकर फर्नीचर बनाने और उसे बेचने की घटनाएं सामने आई हैं।फर्जी बिलों और प्रशासनिक संरक्षण के चलते ये कार्यवाही बार-बार दबा दी जाती हैं।

*क्या होगी निष्पक्ष जांच या फिर लीपापोती*

मामले की जांच अब वन विभाग के पास है, लेकिन बड़ा सवाल यह है:क्या विभाग अपने ही दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई करेगा या फिर एक बार फिर लीपापोती कर मामला ठंडे बस्ते में डाल देगा

इस घटना ने वन विभाग की कार्यशैली और आंतरिक भ्रष्टाचार को एक बार फिर उजागर कर दिया है। अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो छत्तीसगढ़ के जंगलों का विनाश अब रुक पाना मुश्किल होगा।

*सहायक उड़नदस्ता विभाग के अधिकारी बोले,जांच करके होगी कार्रवाई*

सहायक उड़नदस्ता प्रभारी लोकनाथ त्रिपाठी का कहना है कि पिकप समेत चार लोग पकड़ाए है।जिनके पास से सागौन कि लकड़ी पकड़ी गई है।जिनसे पूछताछ किया जा रहा है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

*एसडीओ बोले,अभी प्रकरण नहीं पहुंचा है*

एसडीओ पल्लव नायक का कहना है कि अभी प्रकरण मेरे पास नहीं पहुंचा है।उसके बाद कुछ बता पाऊंगा,और मेरे ऊपर जो आरोप आगे है वह गलत है।मैंने कोई ग़लत काम नहीं करने बोला है।जिसने किया है वह बिल्कुल दोषी है।

*वन अधिकारी बोले,सूरज को बिल्कुल नहीं जानता*

वन विभाग के जितेंद्र साहू का कहना है कि मै किसी भी सूरज मिश्रा को नहीं जानता हूं।और अगर उसने मेरा नाम कही पर लिया है तो वह बिल्कुल मानहानि के लायक होगा।

*एसडीओ बोले,मुझे कुछ नहीं पता,आप उड़नदस्ता से पता करिए*

एसडीओ निश्चल शुक्ला का कहना है कि मुझे इस मामले में कुछ नहीं पता है आप उड़नदस्ता टीम से पूछिए।वहीं कुछ बता सकते है, मै कोटा में हूं।

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