पेशेवर आचरण के उल्लंघन की शिकायत करने की बात कहने पर वकील ने विधवा क्लाइंट के खिलाफ करवा दी झूठी एफआईआर, हाईकोर्ट ने ट्रायल पर लगाई रोक
–विधवा महिला से धोखाधड़ी कर पैसे लेने और झूठी एफआईआर दर्ज कराने के मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में लंबित आपराधिक प्रकरण पर रोक लगाते हुए संबंधित वकील और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। चार सप्ताह में नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।
बिलासपुर। विधवा महिला ने घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं रहने पर अधिवक्ता को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाने हेतु अधिकृत किया था। पर अधिवक्ता ने पेशेवर आचरण के खिलाफ जाकर विधवा महिला से मोटी रकम वसूल ली। महिला को केस के लंबित रहने के दौरान जानकारी मिलने पर उन्होंने अपना वकील बदल लिया और प्रोफेशनल मिसकंडक्ट की शिकायत बार काउंसिल में करने की बात कही। जिसे सुन कर अधिवक्ता ने उल्टा महिला के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी। पुलिस ने मामले में चालान भी पेश कर दिया। महिला वकील ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में लंबित आपराधिक प्रकरण पर रोक लगाने के साथ संबंधित वकील और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोंडागांव में रहने वाली वंशिका अग्निहोत्री विधवा है, उसके परिवार में कोई पुरुष सदस्य जीवित नहीं है। बीमा राशि के लिए उसने और उसकी बड़ी भाभी ने उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन दिया। इसके लिए उन्होंने कोंडागांव के ही नरेश नाइक को वकील नियुक्त किया। नाइक ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 372 के तहत सिविल न्यायाधीश, वर्ग-1, कोंडागांव के समक्ष उत्तराधिकार प्रकरण प्रस्तुत किए। ट्रायल कोर्ट ने 5 अक्टूबर 2023 को इन मामलों को मंजूरी दी। कोर्ट के आदेश के खिलाफ बसंत अग्निहोत्री ने अपील की। कोंडागांव के जिला न्यायाधीश ने 23 सितंबर 2024 को अपील खारिज कर दी।अपील लंबित रहने के दौरान वंशिका को पता चला कि नाइक ने उसे गुमराह किया। पेशेवर आचरण के खिलाफ जाकर उससे कोर्ट फीस और अन्य खर्चों के नाम पर बड़ी रकम ली। इस कारण उसने अपील के दौरान वकील बदल दिया।
स्टेट और डिस्ट्रिक्ट बार में शिकायत के डर से कराई एफआईआर:–
वंशिका ने वकील से कहा कि वह उसके आचरण और अधिक पैसे लेने की शिकायत स्टेट बार काउंसिल और कोंडागांव के अधिवक्ता संघ से करने जा रही है। इससे पहले ही वकील वंशिका और उसके दोस्त के खिलाफ कोंडागांव थाने में एफआईआर करा दी। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 294, 506, 500, 341, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। 28 मार्च 2024 को उन्हें जमानत पर रिहा किया गया।
पुलिस ने पेश कर दिया है आरोप पत्र:–
जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोंडागांव के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया है। मामला फिलहाल लंबित है। आरोप तय करने पर बहस होनी है। इधर,वंशिका व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने वकील नरेश नाइक को नोटिस जारी किया है। चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। साथ ही कोर्ट में लंबित प्रकरण पर कार्यवाही स्थगित रखने के आदेश दिए गए हैं।