भागवत कथा में फूलों की होली खेली….अंतिम दिन परीक्षित मोक्ष के साथ कथा विश्राम…..

बिलासपुर। गोडपारा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन फूलों की होली खेली गई। कथा व्यास पंकज भूषण मिश्रा ने श्री सुदामा चरित्र, बृज की फूलों की होली, शुकदेव विदाई का प्रसंग सुनाया गया।
कथा व्यास ने सुदामा प्रसंग में भक्तों को कथा रसपान कराते हुए कहा कि, हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए, कर्म करो लेकिन, फल की इच्छा मत करो। सुदामा धन से गरीब था पर उनके पास भक्ति रूपी बड़ा धन था। भगवान भक्तों के अधीन रहते हैं और उनकी रक्षा के लिए तत्पर रहता है।

परीक्षित मोक्ष प्रसंग में बताया कि हम सभी के जीवन में सात दिन है। परीक्षित ने भागवत कथा श्रवण कर ईश्वर भक्ति से मृत्यु को भी मंगलमय बना दिया। कथा विश्राम के पहले फूलों की होली खेली गई। बृज की होली गीतों पर भक्त जमकर थिरके और राधा-कृष्ण की जीवंत झांकी पर फूलों की वर्षा की। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्यामानंद वर्मा एवं उनके पूर्वजों की स्मृति में आयोजित कथा में भारतीय श्रीवास्तव मनोज श्रीवास्तव दुर्गेश श्रीवास्तव, श्वेता वर्मा सुरुचि श्रीवास्तव आदि ने भगवान श्री कृष्ण की आरती में शामिल हुए।

आज भागवत कथा में प्रमुख रूप से शिवा मिश्रा, वंदना मिश्रा मनोज शुक्ला, कृपाशंकर सिंह , राहुल , हेमंत श्रीवास्तव वंदना शुक्ला ,गोपाल मिश्रा संजयसिंह संध्या शुक्ला , मनोज दुबे, अनिल गुप्ता, हरीश सक्सेना,डॉक्टर एस के वर्मा डॉक्टर सुनीता वर्मा, आदि मौजूद थे।
