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मकान में जबरिया घुसकर किया क़ब्ज़ा….पीड़ित बुजुर्ग ने लगाई न्याय की गुहार….IG और SP को सौंपा ज्ञापन….

खासखबर बिलासपुर / ऐसे कई लोग है जो किसी न किसी कारण से पुलिस के पास आकर न्याय की गुहार लगाते है..जिनको उम्मीद रहती है की साहब के पास आये है तो समस्याओ का निराकरण जरूर होगा.. इसी क्रम में एक पीड़ित बुजुर्ग एसपी और आईजी कार्यालय पहुंचकर आवेदन दिया….दरसल ज्ञापन में उन्होंने उल्लेख किया है की पुलिस अधिक्षक से निवेदन है कि मैं मधुकर राव मराठा, उस ९० पिता स्व. मीठाराम मराठा, निवासी चांटीडीह रामायण चौक बिलासपुर का रहने वाला हूं एवं मेरा पक्के का मकान वहीं पर स्थित है।

आज से करीब कुछ वर्ष पूर्व सूचना मिली तो मैं 3 जनवरी 2024 को बिलासपुर पहुंच गया और देखा तो मेरे मकान पर ताला खुला हुआ था और काशी नादम का लड़का दीपक नादम ताला खोल के मेरे घर पर घुस गया था। वर्ष 1994 से वर्ष 2002 तक काशी नादम ने कब्जा कर रखा था, जिसकी जानकारी 2002 में होने पर कलेक्टर बिलासपुर द्वारा मुझे मेरे मकान का कब्जा वापिस निर्विवाद रूप से दिलाया गया था। दिसंबर 2022 को मेरे भाई की तबियत खराब होने पर ग्राम धूलिया महाराष्ट्र चला गया था। ग्राम धूलिया में जमीन संबंधी विवाद होने पर 31 दिसंबर 2023 तक ग्राम धूलिया में रहा। 31 दिसंबर 2023 को ही मुझे सूचना मिली तो मैं 3 जनवरी 2024 को बिलासपुर पहुंच गया, मैं दीपक के पास गया तो मकान खाली करने को कहा तो उसने खाली करने से इंकार कर दिया। फिर उसने 10 जनवरी 2024 तक मकान खाली करने का वायदा किया, किन्तु अभी तक खाली नहीं किया है। 27 जनवरी 2024 को पुरा दीपक के पास गया तो दीपक ने मकान पर अपना नाम सांठ-गांठ कर अपना दर्ज होना बताया है और खाली करने से इंकार कर दिया। तब मैंने थाना सरकण्डा बिलासपुर में लिखित शिकायत 29.01.2024 को की, किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।

अतः यह शिकायत प्रस्तुत की जा रही है, क्योंकि दीपक नादम अपने पिता काशी नादम के समान ही गुण्डागर्दी मारपीट वाला है। पिछले वर्ष में काशी नादम ने मेरे उपर जानलेवा हमला कर मुझे घायल कर दिया था। पड़ोसियों की मदद से मैं अपना उपचार करा पाया और अपने मकान पर ताला लगाकर धूलिया महाराष्ट्र चला गया था।

अतः प्रार्थना है कि मेरा उक्त मकान को दीपक एवं उसकी पत्नी मुस्कान के कब्जे से रिक्त कराने की कृपा करें और मेरा सामान जो मेरे मकान पर था, उसे दिलाने की मदद करें। क्योंकि यह अपराधिक किस्म का व्यक्ति है दीपक नादक एवं उसकी पत्नी मुस्कान। न्याय की गुहार लिये महोदय के पास आया हूँ। मेरी मदद करने की कृपा कीजिये ।

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