रतनपुर सावन महीने के सोमवार को बूढ़ा महादेव में लगभग 10 हजार कांवड़ यात्रियों ने किया जलाभिषेक,भक्तों की लगी भीड़, विधायक अटल श्रीवास्तव ने भी बूढ़ा महादेव मंदिर में की पूजा अर्चना

रतनपुर से वासित अली की रिपोर्ट
रतनपुर बुढा महादेव मंदिर में सोमवार को भक्त हजारों की संख्या में जलाअभिषेक के लिए पहुंचे शनिवार की रात बेलपान से कांवड़ यात्री जल लेकर रविवार के पूरे दिन पैदल यात्रा कर शाम रात तक रतनपुर महामाया धर्मशाला पहुंचे जहां पर विश्राम और भोजन करने के बाद आज सोमवार को सुबह से बूढ़ा महादेव मंदिर में जल अभिषेक करने के लिए पूरे जत्थे के साथ पहुंचे रतनपुर की हर चौक चौराहों पर जगह-जगह कांवड़ यात्रियों का स्वागत और प्रसाद वितरण किया गया इस तरह से आज रतनपुर सुबह से ही बोल बम के जयकारों से गूंजता रहा वही कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने भी बूढ़ा महादेव मंदिर में दर्शन कर स्टॉल लगाकर श्रद्धालुओं को फल वितरित किए
यह मंदिर बहुत ही पुरानी और ऐतिहासिक मंदिर है इस मंदिर को वृद्धेश्वर नाथ मंदिर के रूप में भी लोग जानते हैं यहां की शिवलिंग में जितना भी जल चढ़ाया जाए वह अपने अंदर समाहित कर लेता है और यह जल यथास्थिति ही रहता है और इतना अर्पित किया जल कहां जाता है यह रहस्य आज भी बना हुआ है इस मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है राजा रत्न देव के समय से इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था यहां के शिवलिंग के बारे में किवदंती है कि यह जगह कभी जंगल की तरह था जहां पर बांस की झाड़ियां थी और यहां पर चरवाहा बहुत सारी गाय को जब चराने के लिए लाता था तो उसमें से एक गाय बांस के झुंझ में जाकर अपने थन से इस स्थान पर अपना दूध छरण कर देती थी एक रोज चरवाहे ने इस राज् को जानना चाहा और जानने के बाद यह बात राजा को बताया, और उसी रात राजा को स्वप्न में भी यहां शिवलिंग होने का स्वप्न आया फिर क्या था राजा ने स्वयं जाकर वहां पर गाय को दूध छरण करते हुए देखा उसके बाद राजा ने वहां मंदिर का निर्माण करवाया तब से लेकर आज तक यहां पर जलाअभिषेक, दूधाअभिषेक कर भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं यहां पर कांवड़ यात्रियों का भी जत्था देखने को मिलता है
बाईट,, 1,,अटल श्रीवास्तव विधायक कोटा
2,,, संतोष ठाकुर,,बोल बम व्यवस्थापक एवं भक्ति
3,,, सोनू यादव, भक्त