राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता(NSPC) 2024 में 7 लाख से अधिक प्रतिभागियों की सहभागिता
बलौदा बाजार / शिक्षा मंत्रालय और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा समर्थित पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तहत राष्ट्रीय स्कूल पर्यावरण प्रतियोगिता का परिणाम 30 अगस्त को एक आभासी कार्यक्रम में किया गया। यह प्रतियोगिता विशेष रूप से छात्रों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनकी सक्रिय भागीदारी के उद्देश्य से आयोजित की गई ।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में चलाए जा रहे अभियान में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है। इस अभियान में 7,91,173 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें छत्तीसगढ़ से 21200 छात्रों ने हिस्सा लिया, 111 बच्चों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस अभियान के अंतर्गत 107 देशों के साथ-साथ भारत के 11 क्षेत्र और 46 प्रांतों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। देश के 681 जिलों में यह अभियान चलाया गया, जिससे इसकी भौगोलिक पहुंच और भी प्रभावशाली हो गई। इस अभियान में 45022 संस्थानों के प्रतिभागियों ने सक्रिय भूमिका निभाई , जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता और सक्रियता में काफी वृद्धि देखी जा सकती है। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के निदेशक अमित दत्ता मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित हुए और पर्यावरण पर सबको साथ लेकर काम करने की बात कही. डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन( दिल्ली सरकार) अशोक त्यागी भी उपस्थित रहे, उन्होंने दिल्ली के हर स्कूल में पर्यावरण जागरूकता अभियान चलाने की बात कही. भारत स्काउट एंड गाइड की निदेशिका दर्शना ने कहा की ऐसे काम के लिए स्काउट एंड गाईड सदा आगे रही है और आगे भी साथ मिलकर समाज को जागरूक करने का काम करेंगे. विद्या भारती उत्तर क्षेत्र सह संगठन मंत्री बालकृष्ण जी के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के राष्ट्रीय संयोजक गोपाल आर्य ने एनएसपीसी टीम को बधाई दी एवं सह संयोजक राकेश जैन का पाथेय सभी को प्राप्त हुआ. एनएसपीसी 24 के संयोजक डॉ प्रशांत भल्ला ने स्वागत भाषण में सबका आभार जताया. पर्यावरण संरक्षण गतिविधि शिक्षण संस्थान प्रमुख डॉ अनिल कुमार ने बताया कि एनएसपीसी के माध्यम से विद्यार्थियों के मन में प्रकृति के प्रति प्रेम पैदा करना है तथा समाज को जागरूक करना है. प्रतियोगिता का परिणाम की घोषणा डॉ नीलू जैन गुप्ता ने किया. इस कार्यक्रम में सैकड़ों विद्यार्थियों के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्यकर्ताओं की सहभागिता पूरे देश से रही।