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‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत किसानों ने सीखी उन्नत तकनीकें – अब बदलेगी खेती की तस्वीर

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, छत्तीसगढ़ | 09 जून 2025 – बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर के वैज्ञानिकों ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत पेंड्रा विकासखंड के ग्राम भांडी एवं बिशेषरा में किसानों को आधुनिक और उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी। यह कार्यक्रम किसानों की उपज बढ़ाने, लागत घटाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हुआ।

प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु

धान की उन्नत किस्में और खरपतवार नियंत्रण: वैज्ञानिकों ने किसानों को धान की सुगंधित और उच्च उपज वाली किस्में, बीज उपचार, समय पर रोपाई, तथा एकीकृत खरपतवार नियंत्रण तकनीकों से अवगत कराया। इससे खेती की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार लाया जा सकता है।

खरीफ की विविध फसलें: मोटे अनाज से पोषण और आय दोनों
मक्का, कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाज, तिलहन (सरसों, सूरजमुखी) और दलहन (उड़द, मूंग) की फसल चक्र आधारित खेती पर विस्तृत जानकारी दी गई। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये फसलें पोषण सुरक्षा के साथ-साथ बाजार में अच्छी कीमत भी दिला सकती हैं।

फलदार पौधों एवं मिश्रित खेती की प्रेरणा: कृषकों को स्थानीय जलवायु के अनुरूप आंवला, अमरूद, कटहल, सहजन आदि फलदार पौधों को अपनाने की सलाह दी गई। मिश्रित खेती और बहुफसली प्रणाली अपनाकर किसान जोखिम कम कर सकते हैं और आय के नए स्रोत बना सकते हैं।

विशेषज्ञों के योगदान ने बढ़ाया उत्साह
डॉ. गीत शर्मा (वरिष्ठ वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान) ने धान की वैज्ञानिक खेती, समय पर बुआई और खरपतवार प्रबंधन की महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं।

डॉ. संजय वर्मा (प्राध्यापक, उद्यानिकी) ने फल उत्पादन की संभावनाओं और इससे जुड़ी आयवर्धक रणनीतियों को किसानों के सामने रखा।

डॉ. दिनेश पांडे (वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान) ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किस्मों की जानकारी दी और फसल विविधीकरण की जरूरत को समझाया।

डॉ. एम.एस. मरावी (पशु चिकित्सा अधिकारी) ने पशुओं में मौसमी रोगों की पहचान और उपचार के उपाय बताए, जिससे पशुधन की उत्पादकता सुरक्षित रह सके।

कृषि विभाग की सराहनीय भूमिका

कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विभाग के श्री हेमंत कुमार कश्यप का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने किसानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की।

अभियान का दीर्घकालिक प्रभाव

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का उद्देश्य किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़ाकर उन्हें वैज्ञानिक सोच, जलवायु-संवेदनशील और लाभकारी कृषि प्रणाली की ओर प्रेरित करना है।
इस अभियान से:

  • फसल उत्पादन में वृद्धि
  • किसानों की आय में सुधार
  • पर्यावरण-संवेदनशील खेती को बढ़ावा
  • खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

किसानों की प्रतिक्रिया

किसानों ने कार्यक्रम के बाद कहा,“ऐसे प्रशिक्षण से हमें नई दिशा मिलती है। अब हम भी वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर सकते हैं, जिससे मेहनत का बेहतर फल मिलेगा।”

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