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संत शिरोमणि नामदेव ने 3 जुलाई 1350 को पंढरपुर में परिवार के 13 सदस्यों के साथ ली थी समाधिमहापरिनिर्वाण दिवस पर श्री नामदेव फाउंडेशन, नामदेव समाज समाज ने की पूजा अर्चना महा आरती…

बिलासपुर। संत शिरोमणि नामदेव जी महाराज के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर नामदेव समाज के द्वारा आज संत नामदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आरती एवं पूजन किया गया। नामदेव समाज के प्रमुख श्री नामदेव फाउंडेशन के संरक्षक ज्वाला प्रसाद नामदेव, शिव शंकर वर्मा ,शिवकुमार वर्मा, जगन्नाथ प्रसाद नामदेव, सहित नामदेव समाज के प्रमुख जनों ने गोंड पारा स्थित दर्जी मंदिर में संत नामदेव की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की तत्पश्चात नूतन चौक सरकंडा स्थित संत नामदेव भवन में संत नामदेव ,रुक्मिणी देवी तथा विट्ठल भगवान की पूजा-अर्चना करते हुए महा आरती की गई। संत शिरोमणि नामदेव महाराज के महापरिनिर्वाण दिवस पूरे देश में विदेश में भी संत नामदेव महाराज के अनुयायी उन्हें याद कर रहे हैं पूजा अर्चना की जा रही है। श्री नामदेव फाउंडेशन के संरक्षक शिव शंकर वर्मा ने विधि विधान से पूजा अर्चना कराई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नामदेव क्षत्रिय महासंघ नई दिल्ली के कार्यकारी अध्यक्ष ज्वाला प्रसाद नामदेव ने शिरोमणि नामदेव महाराज की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत शिरोमणि नामदेव जी का जन्म 1250 में हुआ था और 3 जुलाई 1350 को संत नामदेव ने महाराष्ट्र के पंढरपुर में अपने परिवार के 13 सदस्यों के साथ एक समाधि ली थी। शिव शंकर वर्मा तथा शिवकुमार वर्मा ने बताया कि इस भारत भूमि में अनेक अनेक संत महात्मा हुए उसमें श्री संत शिरोमणि नामदेव जी उनका भी जन्म हुआ। वे प्रभु विट्ठल के भक्ति भाव में विभोर हो गए और पूरे परिवार के साथ समाधि ली। संत नामदेव जब 80 वर्ष के हुए तब उनको ऐसा आभास हुआ कि हमें अपने शरीर को त्याग करना चाहिए इसलिए वह भगवान विट्ठल जी के पास गए और विनती किए भगवान विट्ठल उनको बहुत समझाएं। जब वह नहीं माने तो प्रभु ने उनको समाधि लेने के लिए अनुमति दी जब वह समाधि के लिए मंदिर प्रभु विट्ठल के मंदिर में गए तो उनके पूरे परिवार ने यह कहा कि हम लोग क्या करेंगे हम भी समाधि लेंगे तो फिर वह विट्ठल जी के पास गए और विट्ठल से बताएं कि मेरा पूरा परिवार मेरे साथ समाधि लेने के लिए तैयार है विट्ठल जी की अनुमति से 13 लोगों ने समाधि ली। इस अवसर पर नामदेव समाज के ज्वाला प्रसाद नामदेव ,शिव शंकर वर्मा, शिवकुमार वर्मा,एनपी नामदेव,कमल वर्मा, जगन्नाथ प्रसाद नामदेव, कैलाश चंद्र वर्मा, राजकुमार चौधरी, हेमंत नामदेव,उमेश नामदेव, राजेश नामदेव, अनिल वर्मा, अखिल वर्मा,, शिवराम चौधरी, अमित नामदेव, सुभाष नामदेव, सोम दत्त वर्मा, राजेश्वर नामदेव, गणेश नामदेव, मुकेश नामदेव, के अलावा काफी संख्या में नामदेव समाज के प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।

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