Blog

सकरी में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री और नामांतरण का एक गंभीर मामला…..तहसीलदार और थाना प्रभारी के पास हुई शिकायत….नगर निगम के रिटायर्ड राजस्व अधिकारी के साथ घटी घटना

बिलासपुर। सकरी में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री और नामांतरण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड राजस्व अधिकारी, नगर निगम के विनोद शर्मा ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि उनकी जमीन, जिसका खसरा नंबर 804/01 और रकबा 23 डिसमिल है, को फर्जी तरीके से किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री कर दिया गया है। यह भूखंड सकरी जैन इंटरनेशनल स्कूल के पीछे स्थित है, जिसे विनोद शर्मा ने मार्च 2007 में श्रीमती श्यामा पाण्डेय से खरीदा था। उन्होंने इसके नामांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली थी और उन्हें भूमि का कब्जा भी प्राप्त हो चुका था।

विनोद शर्मा ने बताया कि उन्होंने 6 अक्टूबर 2024 को भूईया एप के माध्यम से अपनी जमीन की स्थिति जानी, तब उन्हें यह चौंकाने वाली जानकारी मिली कि उनकी जमीन को फर्जी तरीके से किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री कर दिया गया है। इस फर्जी रजिस्ट्री में उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया गया, जिसमें खरीदार के रूप में रामसाय राम का नाम दर्ज है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह रजिस्ट्री 14 जून 2024 को की गई थी, जबकि विनोद शर्मा ने अपनी जमीन कभी भी किसी को बेची नहीं है और न ही किसी के साथ इसके सौदे का कोई समझौता किया है।

इस फर्जीवाड़े की गंभीरता तब और बढ़ गई जब तहसीलदार ने उक्त जमीन के नामांतरण के लिए आदेश जारी कर दिया। यह दिखाता है कि मामले में न सिर्फ रजिस्ट्री फर्जी तरीके से की गई, बल्कि नामांतरण की प्रक्रिया को भी प्रभावित किया गया। यह एक गंभीर प्रशासनिक चूक है, जिससे सरकारी रिकॉर्ड की सत्यता और वैधता पर सवाल उठते हैं।

विनोद शर्मा ने इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी व्यक्तियों को दंडित किया जाए। विनोद शर्मा का यह भी कहना है कि जमीन के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज पूरी तरह से उनके पास हैं और उन्होंने कभी इस जमीन को किसी को नहीं बेचा है।

यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति की जमीन से जुड़ा है, बल्कि इससे सरकारी तंत्र और भूमि रिकॉर्ड प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े होते हैं। फर्जी रजिस्ट्री और नामांतरण जैसे मामलों में प्रशासन की सतर्कता और सख्ती से कार्रवाई करना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसे घोटालों को रोका जा सके। विनोद शर्मा की अपील पर प्रशासन को तुरंत जांच कर दोषियों को सजा देनी चाहिए, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके और भूमि के असली स्वामियों के हितों की रक्षा की जा सके।

सकरी में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री और नामांतरण का यह मामला बताता है कि कैसे सरकारी प्रक्रिया में गड़बड़ियों का फायदा उठाकर कुछ लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं। विनोद शर्मा का इस मामले में कलेक्टर और एसपी से न्याय की मांग करना उचित कदम है, और प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई कर इस प्रकार के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *