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सरकारी विभागों में नौकरी लगाने का झांसा…5 करोड़ रूपये से अधिक रकम की ठगी की….फरार एक और आरोपी गिरफ्तार…फर्जी सरकारी ईमेल ID बनाकर उसमें भेजते थे ,फर्जी नियुक्ति पत्र

प्रकरण में अब तक कुल 8 आरोपियों को किया जा चुका है गिरफ्तार

आरोपियों द्वारा नौकरी लगाने का झांसा देकर 65 से अधिक लोगों को बनाये है अपना शिकार

आरोपियों के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 54/2025 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि. के तहत की गई है कार्यवाही*।

RAIPUR. दिनांक 29.01.2025 को प्रार्थिया अंजना गहिरवार ने रिपोर्ट दर्ज करायी कि माह फरवरी 2021 को यह अपने परिवार के साथ मौसा मौसी देवेन्द्र जोशी एवं झगीता जोशी के घर आई थी। जहां बातचीत के दौरान इसके द्वारा नौकरी करने की इच्छा जाहिर करने पर देवेन्द्र जोशी एवं उसकी पत्नी के द्वारा बड़े अधिकारी से जान पहचान है जो सेटिंग कर सरकारी नौकरी लगाते है शासन में बड़े अधिकारी है उनके माध्यम से सेटिंग होना बताकर प्रार्थिया एवं गजेन्द्र लहरे, कुणाल देव, भुनेश्वर सोनवानी तथा अन्य से 25-25 लाख रूपये लेकर नौकरी नही लगाकर धोखाधड़ी किये है। प्रार्थिया के रिपोर्ट पर थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 54/2025 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि. दर्ज कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में विवेचना दौरान पूर्व में आरोपियान देवेन्द्र जोशी, झगीता जोशी, स्वप्निल दुबे, नफीज आलम, हलधर बेहरा, सोमेश दुबे एवं कपिल देशलहरे को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्यवाही किया गया है। विवेचना दौरान आरोपियों द्वारा पूछताछ पर आरोपी दीपेश नवरंग एवं अन्य के साथ चैनल बनाकर शासकीय विभागों में नौकरी लगाने का झांसा देकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगभग 65 बेरोजगारों से अबतक 5 करोड़ रूपये से अधिक ठगी करना बताया गया था। जिस पर आरोपी दीपेश नवरंग की पतासाजी हेतु पुलिस टीम के सदस्यों द्वारा मुखबीर लगाने के साथ ही आरोपी के छिपने के हर संभावित स्थानों में आरोपी की पतासाजी की जा रही थी। इसी दौरान टीम के सदस्यों को आरोपी की उपस्थिति के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर प्रकरण में आरोपी दीपेश नवरंग को थाना पथरिया की मदद से पकड़कर पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा अपने आप को उक्त कृत्य में टेक्नीकल टीम का हिस्सा होना बताकर मंत्रालय में जब कैंडिडेट आते थे उनको उपर तक ले जाना, अन्य टीम से मिलाने देखरेख निगरानी का काम करने के साथ साथ फर्जी ईमेल आईडी बनाकर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजना बताया। जिस पर आरोपी को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्यवाही किया गया है। प्रकरण में दस्तावेज संकलन कर अन्य आरोपियों के संलिप्त होने के संबंध में बारीकी से विवेचना किया जा रहा है।

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