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साइंस कालेज मैदान में गंदगी,बदबू और टूटे हुए झूले बता रहे दुर्दशा

प्रतिदिन सुबह और शाम को सैकड़ों की संख्या में पहुंचते है प्रतियोगी

दौड़ने,भागने,मोटापा कम करने और कसरत करने वालो की रहती है भीड़

बिलासपुर। साइंस कालेज। मैदान की बर्बादी करने में किसी तरह की कोई कार नहीं छोड़ रहे है। दिनो दिन कालेज का मैदान बदहाली की कगार पर
है।जिसका देखरेख नहीं होने से मैदान में गंदगी और बदबू के अलावा टूटे हुए झूले नजर
आने लगे है।

दरअसल जब हम स्वच्छ भारत और स्वच्छता अभियान की बात करते हैं तो सीपत रोड़ पर मुख्य मार्ग पर स्थित साइंस कॉलेज मैदान की बात सबसे पहले करेंगे। प्रतिदिन सुबह 4 बजे से लेकर यहाँ सुबह की सैर करने वाले,क्रिकेट, फुटबॉल, बॉलीबाल, बास्केटबॉल, गोला फेक,जूडो कराटे, बैडमिंटन, स्केटिंग और दौड़ लगाने वाले लोगों का आना जाना शुरू हो जाता है सैकड़ों लोग अपने सेहत को लेकर यहाँ इसी उम्मीद से आते हैं। लेकिन यहाँ हर कदम पर पसरी गंदगी,शराब की टूटी फूटी बोतल और कांच के बिखरे टुकड़े, यहाँ के वातावरण को भी दूषित कर रही है। सुबह घूमने आने वालों का कहना है कि व्यवस्थापक तो धृतराष्ट्र से भी गए गुजरे हैं बड़े बड़े पदों में विराजमान अधिकारियों का यहाँ रोजाना आना जाना है लेकिन वह भी देखकर अनदेखी करते हैं वजह चाहे जो भी हो। साफ सफाई होनी चाहिए।


कुछ जागरूक लोग चर्चा कर रहे थे कि यहाँ के व्यवस्थापक जो हैं वो सिर्फ मैदान को किराए पर देकर एक मोटी रकम वसूल रहे हैं उन्हें साफ सफाई से कोई मतलब नहीं!इसी वजह से इतने बड़े मैदान की हालत खराब हो रही है और अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में मैदान और ज्यादा बर्बाद हो जायेगा।

प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले छात्र छात्राएं पहुंचते है रोज सुबह और शाम

शारीरिक दक्षता के होने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को भी यहाँ पसरी गंदगी के बीच अभ्यास करते पसीने से लथपथ देखा जा सकता है। चारों ओर शासन द्वारा प्रतिबंधित पॉलीथिन, बेवजह उगे खरपतवारों की अलग अलग किस्में,गाय का गोबर,बदहाल व्यवस्था की चुगली करती नजर आती है।

शौचालय के दरवाजे पर लगे ताले

साइंस कॉलेज मैदान में स्ट्रीट लाइट, शौचालय, पानी इत्यादि की सुविधाएं तो हैं किंतु आगंतुकों के लिए ना तो शौचालय के दरवाजे पर लगे ताले खुलते हैं ना पीने के पानी के लिए कोई नल कनेक्शन दिखाई देता है।जिसके कारण भारी समस्या होती है।

शिकायत करे भी तो किससे करे

मजे की बात यह कि यदि कोई जागरूक आम आदमी इस बात की शिकायत करना भी चाहे तो किस से कहाँ जाकर करे ना कोई सूचना पटल लगा है ना ही कोई जानकारी ना व्यवस्थापक का नाम,पद, मोबाईल नम्बर ऐसे में सफाई व्यवस्था का भगवान ही मालिक है।

चार हेलीपेड फिर भी गंदगी पसरी

इस मैदान में चार हेलीपैड की संरचना दिखाई देती है यदि यह हैलीपेड है तो यहाँ राज्य सरकार के अलावा केंद्र के मंत्री उतरते है। ऐसे में यहाँ की व्यवस्था को लेकर कोई टीका टिप्पणी का नहीं होना कई सवाल खड़े करते हैं।

जीर्णशीर्ण मंच और टूटे फूटे झूले

जीर्णशीर्ण मंच,टूटे फूटे झूले,और व्यायाम के सामान जिन्हें आज तक ठीक नहीं किया गया है बावजूद इसके आने वाले लोग उसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

मैदान में चारों तरफ पसरी गंदगी

मैदान में चारों तरफ पसरी गंदगी यहाँ के व्यवस्थापक की उदासीनता की पोल खोलती नजर आती है दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन कागजों में स्वच्छ भारत अभियान चला रहा है जरूरत है समय रहते जागने की ताकि यहाँ आने वाले लोग स्वच्छ वातावरण में सांस ले सकें।

साइंस कालेज मैदान से नगर निगम का कोई लेना देना नहीं है। मैदान के देख रेख और साफ सफाई की जवाबदारी कालेज प्रबंधन की है।

खजांची कुमार
उपायुक्त नगर निगम बिलासपुर


साइंस कालेज मैदान कालेज प्रबंधन की जिम्मेदारी है। मैदान का रख रखाव और साफ सफाई की जिम्मेदारी कालेज प्रबंधन की है। समय समय पर देख रेख किया जाता है।

सुनील गौरहा
स्पोर्ट्स अधिकारी साइंस कालेज


मैदान में साफ सफाई होना चाहिए,यह कालेज प्रबंधन की बहुत बड़ी चूक है जिनकी लापरवाही से गंदगी और बदबू फैल रहा है। जबकि रोज सुबह हजारों लोग मैदान में खेलने के लिए पहुंचते है।साथ ही कालेज के लोग भी खेलते है।जिनको समस्या होती है। साइंस कालेज प्रबंधन सिर्फ किराया लेकर पैसा ले लेते है लेकिन सफाई के नाम पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते है।जिसमे साफ पता चलता है कि कालेज प्रबंधन कितना लापरवाह है।

विकास सिंह
स्थानीय निवासी

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