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सीपत क्षेत्र के झलमला में 2 माह के भीतर सौ गायों की मौत, उठ रहे कई सवाल….

बिलासपुर। सीपत। ग्रामीण क्षेत्रों में गौ माता अब मात्र एक ही फायदे के लिए रह गई हैं। जब तक उससे दूध प्राप्त होता रहेगा तब तक ही लोग उन्हें अपने अपने घरों में बांध कर रखते है, चारा-पानी देते हैं और सेवा करते हैं। लेकिन जैसे ही उनका स्वार्थ खत्म हो जाता है वैसे ही गौ माता को सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। यह समस्या लगभग हर जगह देखी जाती है। सीपत क्षेत्र के झलमला गांव में गौमाता की समस्या गंभीर रूप से उभर कर सामने आ रही है। इन दिनों किसानों के खेतों में फसल लगी हुई है। सड़कों में भटकती गायें फसल पर चरने खेत मे चली जाती हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। गांव के किसानों ने लगभग तीन महीने पूर्व सरपंच से इस समस्या को हल करने की गुहार लगाई थी। उन किसानों के सरपंच से कहा था कि आवारा भटकती गायों को एक जगह पर एकत्रित किया जाए और उनके लिए उचित चारापानी की व्यवस्था की जाए। इस मांग के बाद सरपंच ने गायों को गांव के हिन्दू मुक्तिधाम में रखवाने का निर्णय लिया, ताकि एक स्थान पर उन्हें संभाला जा सके।

मवेशियों को वहां रखा ज़रूर गया हैं..मगर वहां उचित चारा और पानी की व्यवस्था का अभाव नजर आ रहा है, जिसके कारण गायों की हालत बिगड़ने लगी है। ग्रामीणों के अनुसार पिछले दो महीनों में लगभग 100 गायों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि जब किसी गाय की तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है, तो सरपंच अपने आदमियों को भेजकर उसे मुक्तिधाम से बाहर निकलवा देता है, जिससे कई गायें बाहर ही मर गई हैं। इस अमानवीय व्यवहार के कारण ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है और वे प्रशासन से इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन पर उठे सवाल: कौन है जिम्मेदार?

ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच द्वारा बिना उचित व्यवस्था के गौ माताओं को मुक्तिधाम में भेजना ही उनके लिए काल साबित हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की भी इस मामले में चुप्पी समझ से परे है। सवाल यह उठता है कि इन बेजुबानों की मृत्यु के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या प्रशासन का यह कर्तव्य नहीं है कि वह गौ माताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे?

गौ माता को सड़कों पर छोड़ देना और चारापानी के अभाव में मरने के लिए मजबूर करना न केवल अमानवीय है, बल्कि कानूनन भी गलत है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इन निर्दोष बेजुबानों की जानें बचाई जा सकें।

सरपंच मिथलेश सूर्यवंशी…..

इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए जब झलमला के सरपंच मिथलेश सूर्यवंशी से चर्चा की गई तब उन्होंने कहां कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई हैं।

एसडीएम मस्तूरी अमित सिन्हा…..

मस्तूरी एसडीएम अमित सिन्हा से इस मामले में जानकारी चाही गई तब उन्होंने कहां कि इसकी जांच कराएंगे।

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