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सेंट्रल यूनिवर्सिटी के VC के ख़िलाफ़ हो FIR…विजय केशरवानी के कहा…पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर कर दी खानापूर्ति…BJP कार्यालय घेरने किया ऐलान

बिलासपुर. गुरुघासीदास केंद्रीय विषविद्यालय के एनएसएस कैंप में योग के नाम पर नमाज पढ़ने के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि इस पुर मामले और विवाद के लिए कुलपति अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते. इस पूरे मामले में पहली एफआईआर कुलपति के ख़िलाफ़ होनी चाहिए. जिला अध्यक्ष केशरवानी ने चेतावनी देते हुए कहा है की इस मामले में कुलपति के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज नहीं करने के विरोध में भाजपा कार्यालय घेराव का ऐलान कर दिया है.

जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने उच्च शिक्षण संस्थान को आरएसएस के इशारे पर दूषित करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है.
गुरु घासीदास सेंटल यूनिवर्सिटी और अटल बिहारी बाजपेई यूनिवर्सिटी में जो कुछ चल रहा है, इसके पीछे आरएसएस का ही इशारा है. शिक्षण संस्थान जैसे पवित्र स्थल को आरएसएस के कुलपतियों ने ना केवल दूषित किया है साथ ही राजनीति का अड्डा बना दिया है कैम्पस के भीतर जो कुछ चल रहा हैं एह बेहद आपत्ति जंक है. जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने राष्ट्रपति और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है. विजय केशरवानी ने आरएसएस के इशारे पर कुलपतियों द्वारा द्वारा शहर का सौहार्द्र बिगाड़ने के आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है.
जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि देश को हिंदू मुस्लिम के विवाद में झोंक देने वाली केंद्र सरकार लगता है अब शिक्षण संस्थानों में भी इस राष्ट्रव्यापी साजिश को सुनियोजित ढंग से फैलाना चाहती है । बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने से हाथ पीछे खींचने वाली केंद्र की सरकार लगता है शिक्षण संस्थानों में अध्ययन रत छात्र छात्राओं के बीच सांप्रदायिकता का जहर घोलने की शुरुआत कर चुकी है अच्छे भविष्य की कल्पना को लेकर अध्याय रत छात्र छात्राओं को विवि में चल रहे सुनियोजित हथकंडों से बचना चाहिए ।
केशरवानी ने कहा कि बिलासपुर के कोनी में स्थापितकेंद्रीय विश्वविद्यालय में लगातार इस तरह राष्ट्रीय व्याख्यान और कार्यशाला आयोजित किए जाते है जिसका विषय ही राजनीति से प्रेरित होता है । ऐसे आयोजनों में करोड़ो खर्च किया जाता है और व्याख्यान को संबोधित करने संघ से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया जाता है लेकिन ऐसे व्याख्यानों से छात्र छात्राओं का कोई हित नहीं होता है । कश्मीर से लेकर मणिपुर, असम सहित कई राज्यों के हालात पर व्याख्यान तो होते है लेकिन छत्तीसगढ़ को लेकर कभी भी इस तरह के व्याख्या न नहीं होते ।
केशरवानी ने कहा कि आज के सेंटल यूनिवर्सिटी और मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह द्वारा प्रारंभ किए गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी में जमीन आसमान का अंतर है । आज का यूनिवर्सिटी स्व अर्जुन सिंह के सपनों का यूनिवर्सिटी कदापि नहीं है । आज अगर स्व अर्जुनसिंह जीवित होते तो आज के गुरु घासी दास यूनिवर्सिटी की गतिविधियों को देखकर पछता रहे होते ।

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