अटल बिहारी वाजपेई आजाद शत्रु थे,हर समय इस देश की माटी की सेवा करते रहे, आज हमारा विश्वविद्यालय उनके नाम पर है।हमें इस इस बात का हमेशा गर्व होता है -कुलपति
बिलासपुर / अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कुलपति अचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेई ने उनके प्रतिमा पर माल्या अर्पण किया। साथ में उन्होंने अपने उद्बोधन मे कहा अटल बिहारी वाजपेई आजाद शत्रु थे,हर समय इस देश की माटी की सेवा करते रहे, आज हमारा विश्वविद्यालय उनके नाम पर है।हमें इस इस बात का हमेशा गर्व होता है।अटल बिहारी वाजपेई का पूरा जीवन हम सभी के लिए उत्कृष्ट उदाहरण हैं ,वाजपेई अपने कवि हृदय, सुशासन और संवेदनशीलता के लिए प्रसिद्ध थे, उनकी भाषण कला और विचारशीलता ने उन्हें देश के जनमानस में एक विशेष स्थान दिलाया,वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा लोकतंत्र और सांस्कृतिक विविधता की रक्षा की,भारत को एक परमाणु शक्ति बना दिया और वैश्विक राजनीति में देश की स्थिति को सुदृढ़ किया.अटल बिहारी वाजपेयी एक सम्मानजनक व्यक्ति और भारत के महानतम राजनेताओं में से एक थे. वे अपने राजनीतिक दृढ़ संकल्पों और राजनीतिक समझ के साथ-साथ अपने भाषण देने के अंदाज और कविता के कारण भी जाने जाते थे. अटल बिहारी बाजपेयी को भारतीय राजनीति का पितामह माना जाता है. इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्राप्त करने वाले और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में रहते हुए एक विशिष्ट और सराहनीय मुकाम को हासिल किया था,जिन्होंने देश को नई उचाईयों पर पहुंचाया और उनके काम को पूरी दुनिया सराहती है. इतना ही नहीं वे लोकप्रिय राजनेता, ओजस्वी कवि, सम्मानपूर्वक समाजसेवी और एक नरम हिंदूत्व के रूप में उनके व्यक्तित्व की कई छवियां हैं.
इस अवसर पर अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेंद्र दुबे,परीक्षा नियंत्रक डॉ. तरुण धर दीवान प्रो. एच एस होता,डॉ मनोज सिन्हा एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापक,अधिकारी एवं कर्मचारी सभी मौजूद थे।