अब भी 51 उपार्जन केंद्रों में नहीं हुई धान खरीदी की बोहनी
कई धान खरीदी केंद्रो में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा
500 किसानों से 25 हजार क्विंटल धान की खरीदी
बिलासपुर/ दो दिनों में 89 खरीदी केंद्रो में 25 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। लेकिन अब भी 51 धान खरीदी केंद्रो ऐसे है जिसमें अब तक बोहनी नहीं हुई है।
दरअसल विभिन्न उपार्जन केंद्रों में लगभग 500 किसानों ने धान बेचे हैं। कलेक्टर ने टीएल की बैठक में भी खरीदी अभियान की समीक्षा की।बिलासपुर जिले में शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी कार्य 14 नवम्बर से शुरू हो गया। जो कि 31 जनवरी तक जारी रहेगा। इस वर्ष कुल 138964 किसान पंजीकृत है । गत वर्ष कुल 133655 किसान पंजीकृत थे। इस वर्ष 5309 किसान अधिक पंजीकृत हुए है। जिससे उम्मीद की जा रही है कि इस साल धान खरीदी बढ़ेगी और किसानों से धान की आवक ज्यादा होगी।
लेकिन मस्तूरी,बिल्हा, सीपत,कोटा और बेलतरा क्षेत्र के कई धान खरीदी केंद्र ऐसे जहां पर धान खरीदी की बोहनी तक नहीं हुई है मतलब न टोकन कटा है और न ही खाता खुला है। खरीदी केंद्र वालो का कहना है कि
25 नवंबर के आसपास लगभग सभी धान खरीदी केंद्रों में धान आ जायेगा।
सीसीटीवी कैमरा अभी भी नहीं लगा
कई धान खरीदी केंद्रो में सीसीटीवी नहीं लगाए गए है। इसके लिए सहकारी बैंक और खाद्य विभाग गोलमोल जवाब दे रहे है।ज्यादातर खरीदी केंद्रो में सीसीटीवी नहीं लगा है। इसका मतलब साफ है कि जिम्मेदार अधिकारी अभी भी धान खरीदी केंद्रो में रुचि नहीं ले रहे है।
इसी कारण अब तक पूरी तरह से व्यवस्था नहीं हो सका है।
धान खरीदी केंद्रो में अव्यवस्था का आलम
धान खरीदी केंद्रो में महमंद,पुरैना सरकंडा के अलावा छुटकू और भरारी धान खरीदी केंद्रो में अव्यवस्था का आलम बना हुआ है।यहां पर शिकायत मिली है कि धान खरीदी केंद्रो में चबूतरा नहीं बना है। कई जगहों पर बना है तो पुराना होने से जर्जर हो चुका है। जिसके कारण धान रखने में दिक्कत होती है और लाखों का धान बर्बाद हो जाता है।
धान खरीदी केंद्रो के प्रबंधक नहीं उठा रहे है किसानों का फोन
धान खरीदी से संबंधित किसान जब किसी प्रबंधक को फोन करते है तो प्रबंधक फोन उठाना उचित नहीं समझते है। किसानों का आरोप है कि बारदाना,टोकन और अन्य चीजों के लिए जब फोन करते है तो प्रबंधक फोन नहीं उठाते है। इसी तरह अगर कोई प्रबंधक फोन उठा भी लिया तो बाजार,अस्पताल और निजी काम का बहाना बनाकर फोन काट देते है।
संवेदनशील धान खरीदी केंद्रों में खास नजर
धान खरीदी केंद्रो में सबसे ज्यादा उन जगहों पर नजर रखा जा रहा है जो संवेदनशील है। जिसमे धान की शिकायत मिलती है और धान खरीदी को लेकर हमेशा सवाल उठता है। इसमें पचपेड़ी
गोडाडीह और अन्य खरीदी केंद्र है जो बहुत ज्यादा बदनाम है। जिसमें एफआईआर तक हो चुका है।
नोडल अधिकारियों का पता नहीं
धान खरीदी केंद्रो में नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिनको केंद्रो में तैनात रहता है और मॉनिटरिंग करते रहना है। इसके बाद भी नोडल अधिकारी मौके से गायब रहते है। प्रबंधकों से पूछने पर यही बोलते है कि अभी किसी काम से निकले है इसके पहले यही थे। जबकि हकीकत यह है कि नोडल यह सोचकर नहीं आ रहे की जब धान खरीदी शुरू होगा तब आयेंगे।
वर्जन
अभी 89 खरीदी केंद्रो में धान की खरीदी हुई है। 51खरीदी केंद्रो में अभी शुरुआत नहीं हुआ है।उम्मीद है कि जल्द शुरुआत होगा टोकन कटना शुरू हो चुका है। सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए गए है। जिसके लिए मॉनिटरिंग की जा रही है।
आशीष दुबे
नोडल अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक
वर्जन
कई धान खरीदी केंद्रो
में धान की आवक नहीं हुई है। कई जगहों पर फसल देरी से कटता है । जिसके कारण विलम्ब से धान खरीदी होता है। 2 से 4 दिनों में लगभग सभी खरीदी केंद्रो में आवक शुरू हो जायेगा।
कमल पाटनवार
अध्यक्ष धान खरीदी समिति