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अवैध फ्लाई एश डंपिंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेजों से जारी किए थे आदेश

बिलासपुर। सक्ती। सरकारी दस्तावेजों की कूटरचना कर अवैध रूप से फ्लाई एश डंपिंग की अनुमति देने वाले मास्टरमाइंड भूपेंद्र किशोर वैष्णव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने कलेक्टर और जिला खनिज अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर और सील का उपयोग कर अवैध आदेश जारी किए थे।पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ सिर्फ सक्ती जिले में नहीं बल्कि रायगढ़ जिले में भी कई अपराध दर्ज है।जिसके कारण वह पुलिस के निशाने पर भी है। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी लोगों से फर्जीवाड़ा और ब्लैकमेल करके पैसा कमाता है।जिसकी शिकायत कई बार रायगढ़ जिले के विभिन्न थाने में हो चुकी है।

फर्जी आदेश का हुआ खुलासा

खनिज अधिकारी किशोर कुमार बंजारे ने 23 जनवरी 2025 को थाना बाराद्वार में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कलेक्टर सक्ती को वॉट्सऐप के जरिए फर्जी आदेश की जानकारी मिली। जांच में सामने आया कि राजकुमार कुर्रे नामक व्यक्ति ने ग्राम पंचायत डूमरपारा, तहसील बाराद्वार की सरकारी भूमि (खसरा नंबर 2338, 2143/1, 2340) पर अवैध रूप से फ्लाई एश भराव के लिए फर्जी पत्र तैयार कर खनिज अधिकारी के जाली हस्ताक्षर किए।

12 मामलों में शामिल रहा है आरोपी

गिरफ्तार आरोपी भूपेंद्र किशोर वैष्णव (45 वर्ष) निवासी श्यामा प्रसाद रोड, वार्ड क्रमांक 06, खरसिया, जिला रायगढ़, पहले भी मारपीट, धोखाधड़ी, शासकीय कार्य में बाधा जैसे 12 मामलों में संलिप्त रहा है।

तेजी से हुई पुलिस कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सुश्री अंकिता शर्मा (भापुसे) के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश यादव एवं एसडीओपी मनीष कुंवर के मार्गदर्शन में विशेष टीम का गठन कर त्वरित कार्रवाई की गई।
फरार आरोपी भूपेंद्र किशोर वैष्णव पुलिस से बचने के लिए अपनी व्यवसायिक प्रतिष्ठा का दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपराध स्वीकार कर लिया। 1 फरवरी 2025 को उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।

पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका

इस कार्रवाई में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक अनवर अली, सहायक उपनिरीक्षक नजीर हुसैन, प्रधान आरक्षक अरुण कौशिक, आरक्षक वीरेंद्र सिदार, जितेंद्र सिदार, नंदगोपाल दिवाकर और रामकुमार यादव ने अहम भूमिका निभाई।

प्रशासन ने जनता से अपील की है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी की घटनाओं की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

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