“ऑपरेशन बर्ड आई” के तहत् वारंटियों के विरूद्ध जिला पुलिस जशपुर द्वारा अभियान चलाकर ताबड़तोड़ कार्यवाही
अभियान के तहत् मात्र 15 दिवस में विभिन्न न्यायालय से जारी कुल 60 स्थाई वारंटी एवं 79 गिरफ्तारी वारंटियों को पुलिस द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया
खासखबर जशपुर / आदर्श आचार संहिता लागू होने के उपरांत पुलिस अधीक्षक जिला जशपुर शशि मोहन सिंह (IPS) के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में वारंटियों की धरपकड़ हेतु दिनांक 21.03.2024 से 04.04.2024 तक विशेष अभियान *“ऑपरेशन बर्ड आई”* चलाया गया है। वारंटियों की पतासाजी एवं धरपकड़ हेतु थाना/चौकी स्तर पर पुलिस टीम का गठन कर विगत 15 दिवस के भीतर कुल 60 स्थाई वारंटी एवं 79 गिरफ्तारी वारंटियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। इस अभियान की माॅनिटरींग एवं तामीली हेतु जिले के समस्त राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को लगाया गया था।
उक्त अभियान के तहत् जशपुर अनुविभाग के थाना जशपुर द्वारा 09, थाना लोदाम 01, थाना आस्ता 02, थाना दुलदुला 01 कुल 13, कुनकुरी अनुविभाग के थाना कुनकुरी से 12, थाना कांसाबेल 02, थाना फरसाबहार 03 कुल 17, बगीचा अनुविभाग के थाना बगीचा से 12, थाना सन्ना 01, चौकी सोनक्यारी 01 कुल 14 एवं अनुविभाग पत्थलगांव के थाना पत्थलगांव से 12, थाना बागबहार 03, थाना तुमला 01 कुल 16 स्थाई वारंट तामील किया गया है।
गिरफ्तारी वारंट में जशपुर अनुविभाग के थाना जशपुर से 09, चौकी मनोरा 04, चौकी आरा 05, थाना लोदाम 05, थाना आस्ता 02, थाना दुलदुला 03 कुल 23, कुनकुरी अनुविभाग के थाना कुनकुरी से 13, थाना तपकरा-08, चौकी करडेगा-02, थाना कांसाबेल 02, चौकी दोकड़ा 02, थाना फरसाबहार 03 कुल 30, बगीचा अनुविभाग के थाना बगीचा से 01, चौकी सोनक्यारी 01, थाना नारायणपुर 04 कुल 06 एवं अनुविभाग पत्थलगांव के थाना पत्थलगांव से 14, थाना बागबहार 04, चौकी कोतबा 02 कुल 20 वारंट तामील कर संबंधित न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय द्वारा वारंटियों के जेल वारंट जारी करने पर वारंटियों को जेल दाखिल किया गया है। इन वारंटियों के विरूद्ध माननीय न्यायालय की ओर से वारंट निर्गत किया गया था। वारंट निर्गत होने के बाद से अभियुक्त फरार चल रहे थे, पुलिस द्वारा मुखबीर लगाकर एवं अभियान चलाकर इन्हें पकड़ा और कोर्ट में पेश किया गया है।
इनमें से कई शातिर आरोपियों के संबंध में लुकछिप कर रहने की जानकारी मिली थी, कई शातिर आरोपी जिले के अपराध में संलग्न होने से न्यायालय द्वारा वारंट जारी किये जाने पर पहचान छिपाकर सीमावर्ती राज्यों/जिलों में रहने लगे थे। पुलिस द्वारा पकड़े गये सभी वारंटियों को न्यायालय में पेश किया गया है।