करोड़ों की निविदा को मैनेज करने के लिए हुआ लाखों में सौदा…अधिकारी से लेकर लोकल ठेकेदारों की मिलीभगत, बाहरी ठेकेदार ने लगाया आरोप
ई-निविदा में फर्जीवाड़े की शिकायत
गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के RES विभाग में निविदा प्रक्रिया के दौरान अनियमितता का मामला सामने आया है, ठेकेदार ने अधिकारियो
के मार्फत कलेक्टर को शिकायत कर मामले में दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। बताया कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग मरवाही द्वारा दिनांक 16/02/24 को ऑनलाइन निविदा क्र.152338 के तहत् जिला पंचायत संसाधन केंद्र ( डी.पी.आर.सी) भवन निर्माण कार्य की निविदा निकाली गई थी, मेरे साथ कुल 15 ठेकेदारों के द्वारा निविदा में भाग लिया गया था,जिस निविदा में मेरे सहित 3 ठेकेदारों को फॉर्म 1 के अवलोकन में ऑडिट रिपोर्ट ना होने का हवाला देते हुए टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था,जबकि PWD के नियम अनुसार 5 करोड़ रुपए तक के टेंडर की प्रक्रिया में ऑडिट रिपोर्ट लगाना आवश्यक नहीं होता है,उसके बाद भी कार्यपालन अभियंता के द्वारा लोकल और अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए हम तीन ठेकेदारों के विरुद्ध द्वेष पूर्वक कार्यवाही करते हुए निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया,
महोदय गौर करने वाली बात यह है फॉर्म क्र.2 के अवलोकन में पुनः 8 ठेकेदारों को भी निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया,15 ठेकेदारों में कुल 4 ठेकेदारों का ही टेंडर फॉर्म खोला गया, और इसका अवलोकन करने में इस बात की पुष्टि भी हो जायेगी की जिन 4 ठेकदारों का टेंडर खोला गया है,वह क्रमश सबसे अधिक बोली वाले है,जिसके कारण यह टेंडर BELOW ना जाकर ABOVE में गया ,
महोदया अगर इस टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता से निविदा कराई जाती तो यह टेंडर कम से कम 7% BELOW जाता, लेकिन कुछ ठेकेदारों द्वारा अधिकारियो से साठगांठ करके यह टेंडर को अधिकतम राशि पर करवाया गया है,किस्से शासन को 20 से 25 लाख रुपए का नुकसान हुआ है,
अतः महोदया आपसे निवेदन है की इस टेंडर प्रक्रिया की समुचित जांच करवा कर उचित कार्यवाही करने की कृपा करे,