कोनी में तालाब को मूल स्वरूप लाने बड़ी कार्रवाई,निगम ने शुरू की खुदाई
पहले दिन 80 डंपर निकाली गई मिट्टी,कल भी चलेगी कार्रवाई
कोनी में खसरा नं. 126 ,रकबा 0.74 एकड़ को मूल स्वरूप में लाया जा रहा
बिलासपुर। कोनी में तालाब को पाटकर समतल कर देने के मामले में आज नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। राजस्व भू अभिलेख में खसरा नंबर 126,रकबा 0.74 एकड़ तालाब के नाम पर दर्ज प्रविष्टी को मूल स्वरूप में लाने के लिए एसडीएम के पत्र के बाद निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर नगर निगम ने आज खुदाई शुरू की और पहले दिन 80 डंपर मिट्टी निकाला। इससे पहले 27 दिसंबर 2024 को एसडीएम द्वारा अनावेदको को उक्त भूमि को मूल स्वरूप में लाते हुए पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया था। परंतु समय अवधि बीत जाने और 9 जनवरी तक भी अनावेदकगण द्वारा आदेश का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। जिसके बाद एसडीएम ने निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर तालाब को मूल स्वरूप में लाने और मिट्टी हटाए जाने को लेकर पत्र लिखा।
कलेक्टर ने कराई थी तालाबों की जांच
कलेक्टर अवनीश शरण ने पिछले माह नगर निगम क्षेत्र के तालाबों की जांच एसडीएम पीयूष तिवारी के द्वारा कराई थी, जिसमें यह बात सामने आयी कि ग्राम कोनी खसरा नंबर 126 रकबा 0.74 एकड़ जो कि वर्तमान में हजारी प्रसाद पिता रामप्रसाद के नाम पर दर्ज है, यह जमीन मिसल के कालम 4 में ‘पानी के नीचे ‘ मद में दर्ज है और वाजिबुल अर्ज के कालम 2 में ‘तालाब ‘ दर्ज है. छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 के अनुसार तालाब और पानी के नीचे की जमीन का स्वरूप परिवर्तन नहीं किया जा सकता क्यूंकि यह सामूहिक निस्तार की जमीन होती है, इसका उल्लंघन लोकहित को बाधित करता है ।
एसडीएम ने जांच में पाया कि तालाब को पाट कर खेत बनाया गया
एसडीएम ने तहसीलदार से जाँच कर स्पष्ट प्रतिवेदन मंगाया, जांच में तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार यह सिद्ध हुआ था कि अनावेदक व्यासनारायण पाण्डेय पिता रामचरण तथा सुरेंद्र पाण्डेय पिता रामलाल के द्वारा तालाब को पाट कर खेत बनाया गया है, अनुविभागीय अधिकारी ने भू राजस्व संहिता की धारा 242 के तहत मामला दर्ज करते हुए अनावेदकों से जवाब लिया जवाब में अनावेदकों ने भी यह स्वीकार किया कि उन्होंने तालाब की जमीन को पाट कर खेत बनाया है, बाकी जवाब संतोषप्रद ना होने के कारण छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा 242, 253 के तहत अनावेदकों पर 25000रु का जुर्माना अधिरोपित किया गया था और तालाब को उसके मूल स्वरूप में लाने का आदेश पारित किया साथ ही अपने आदेश में उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि 7 दिवस के भीतर तालाब को उसके मूल स्वरूप में नहीं लाने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।
आदेश का पालन नहीं होने पर एसडीएम ने कार्यवाही की
समयावधि बीत जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं करने पर आज नगर निगम ने कार्रवाई किया। कार्रवाई में 4 जेसीबी,8 डंपर 2 हाईवा और 2 ट्रैक्टर वाहनों का इस्तेमाल किया गया है।
जिसकी सूचना कलेक्टर और खनिज विभाग को दी गई है।
दो अवैध दुकान और गोदाम जमींदोज
कोनी में गुड़ाखू फैक्ट्री के पास शासकीय जमीन में निर्मित दो अवैध दुकान और उसके पीछे बने गोदाम को भी नगर निगम के अतिक्रमण अमले ने तोड़कर कब्जा मुक्त किया है। उक्त दुकान और गोदाम को तोड़ने से मेन रोड से लगी जमीन अतिक्रमण से मुक्त हुआ है।
वर्जन
कलेक्टर के निर्देश पर तालाब को निकाला गया है और कार्यवाही की गई है।इसके अलावा कही भी ऐसी शिकायत आएगी तो कार्यवाही होगी
पीयूष तिवारी
एसडीएम बिलासपुर