छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र ATS ने संयुक्त ऑपरेशन में बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया…5 साल से रायपुर में रहकर फर्जी दस्तावेज से इराक जाने की फिराक में थे…ISIS से जुड़े हुए है तार

2017 में इराक भेजे गए व्यक्तियों में से कुछ ISIS से जुड़े थे, इस नेटवर्क का ऑपरेशन अब रायपुर और नागपुर तक फैल चुका है।
तीनों आरोपी जिनमें से सभी रायपुर में पांच साल से रह रहे थे, इराक जाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिनमें भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड और वोटर आईडी शामिल हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ एंटी टेररिज़म स्क्वाड (ATS) और महाराष्ट्र ATS ने एक गुप्त ऑपरेशन के तहत तीन संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो पिछले पांच वर्षों से रायपुर में रह रहे थे। यह ऑपरेशन एक महीने भर की गुप्त जांच के परिणामस्वरूप हुआ, जिसमें मोहम्मद इस्माईल (27), शेख अकबर (23), और शेख साजन (22) को रायपुर से मुंबई जाते हुए गिरफ्तार किया गया। ये तीनों आरोपी इराक जाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे।
“तीनों आरोपी भाई हैं, जिनमें मोहम्मद इस्माईल सबसे बड़े हैं, फिर शेख अकबर और शेख साजन हैं,” छत्तीसगढ़ पुलिस इंटेलिजेंस विंग के एक सूत्र ने बताया। ये तीनों मूल रूप से बांग्लादेश के जेसोर जिले के नाभरन गांव के निवासी हैं और पिछले पांच सालों से रायपुर के ताजनगर टिकरापारा क्षेत्र में रह रहे थे।
इन आरोपियों ने भारतीय नागरिकता के दस्तावेज, जैसे भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, और वोटर आईडी फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से प्राप्त किए। “ये दस्तावेज स्थानीय ऑपरेटर मोहम्मद अरिफ की मदद से तैयार किए गए थे, जो फर्जी दस्तावेजों का रैकेट चला रहा था,” छत्तीसगढ़ पुलिस इंटेलिजेंस विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
गिरफ्तारी के दौरान, इन आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि वे इराक जाने का इरादा रखते थे, जहां वे धार्मिक यात्रा (जियारत) के बहाने छिपकर रहना चाहते थे और फिर वापस भारत नहीं लौटने वाले थे। उनके पास इराक का वीजा भी था। यह खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क इराक में अवैध रूप से यात्रा करने वाले लोगों को भेजने में संलिप्त था, जिसमें 2017 में कई लोग भेजे गए थे, और कुछ के ISIS से जुड़ने के संकेत भी मिले हैं।
“हमारी जांच अब रायपुर से आगे बढ़ चुकी है और हम नागपुर में भी इस नेटवर्क के लिंक की जांच कर रहे हैं,” सूत्र ने बताया। यह संयुक्त ऑपरेशन छत्तीसगढ़ एटीएस के एसपी राजश्री मिश्रा और महाराष्ट्र एटीएस के इंस्पेक्टर रामकांत साहू के नेतृत्व में किया गया था, जिन्हें एडीजी (इंटेलिजेंस) अमित कुमार ने मार्गदर्शन प्रदान किया।
“हमारे द्वारा किए जा रहे इस ऑपरेशन का दायरा बहुत बड़ा है और हम इसे विभिन्न क्षेत्रों में फैला रहे हैं,” एक अधिकारी ने बताया। इस मामले में आगे की जांच चल रही है और नेटवर्क के अन्य लिंक का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धारा 318(4), 338, 340, और 111B शामिल हैं, साथ ही भारतीय पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(b) के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।
- मोहम्मद इस्माईल पिता शेख शमसुद्दीन 27वर्ष, मूलनिवासी नाभरन,जिला जैसोर,प्रांत खुलना, बांग्लादेश , वर्तमान पता मिश्रा बाड़ा, ताजनगर टिकरापारा, रायपुर
- शेख अकबर पिता शेख शमसुद्दीन 23वर्ष मूलनिवासी नाभरन,जिला जैसोर,प्रांत खुलना, बांग्लादेश , वर्तमान पता मिश्रा बाड़ा, ताजनगर टिकरापारा, रायपुर
- शेख साजन पिता शेख शमसुद्दीन 22 वर्ष मूलनिवासी नाभरन,जिला जैसोर,प्रांत खुलना, बांग्लादेश , वर्तमान पता मिश्रा बाड़ा, ताजनगर टिकरापारा, रायपुर
उपरोक्त तीनों संदिग्ध बांग्लाभाषी सगे भाई है टिकरापारा रायपुर में मिश्रा बाड़ा निवासी इन तीनों व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेज बनवाकर अचानक 26-1-25 बगदाद (इराक) जाने के लिए हावड़ा मुंबई मेल ट्रेन से मुंबई पहुँचने की सूचना प्राप्त होने पर इन्हें एटीएस छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा एटीएस मुंबई नागपाड़ा यूनिट के सहयोग से पायधुनी इलाके से पकड़ा गया है। इनके पास से भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर id कार्ड के साथ ही बगदाद का वीजा बरामद किया गया संदिग्धों से पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वे तीनों जियारत के बहाने बगदाद जाकर छिपकर रुकने वाले थे, वापस भारत नहीं आने वाले थे।
उपरोक्त तीनों व्यक्तियों द्वारा रायपुर में रहने के दौरान भारतीय दस्तावेज आधार, पैनकार्ड और वोटर id कार्ड बनवाया गया है । यूसीसी लागू होने और भारत में पकड़े जाने के डर से जन्मतिथि के प्रमाण पत्र के लिए फर्जी मार्कशीट , सत्कार कम्प्यूटर के संचालक मोहम्मद आरिफ के माध्यम से बनवाया था। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि पूर्व में भी कई व्यक्ति इसी तरह सत्कार कंप्यूटर के संचालक मोहम्मद आरिफ़ की मदद से फर्जी दस्तावेज बनवाकर इराक़ जा चुके हैं और वापस नहीं आए हैं ।
मोहम्मद आरिफ और शेख अली एवं अन्य के द्वारा संगठित रैकेट बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों देश के बाहर भेजा जा रहा है।
संदिग्धों की अन्य अवैधानिक गतिविधियों के संबंध में जाँच की जा रही है
आरोपियों के पिता शमसुद्दीन , माता रशीदा, भाई अजगर, बहन सुरैया, इस्माईल की पत्नी यास्मीन और 2बेटियां वर्तमान में बांग्लादेश में रह रहे हैं।आरोपियों के विरुद्ध थाना टिकरापारा में धारा 318(4),338,340, 111B N S, भारतीय पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(b) का अपराध दर्ज किया गया है।