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जेपी वर्मा कालेज स्थित विवादित जमीन पर डांडिया कैसे ? कौन दिया अनुमति

किसके अनुमति से हुआ डांडिया का कार्यक्रम,बिना अनुमति के कैसे हो गया पूरा कार्यक्रम

हाईकोर्ट में लंबित है प्रकरण,फिर भी किसने दी अनुमति

बिलासपुर। एसबीआर कालेज उर्फ जेपी वर्मा कालेज में दो दिनो तक हुए रास गरबा डांडिया की अनुमति किसने और कैसे दी,यह अत्यंत गंभीर विषय बना हुआ है। इधर जमीन मालिक का कहना है की मामला कोर्ट में लंबित है,जबकि प्राचार्य ने कहा कि कालेज की साफ सफाई के चक्कर में अनुमति दी गई है।

रायपुर बिलासपुर मुख्य सड़क मार्ग में आयोजित रास गरबा डांडिया का आयोजन किया जा रहा है को विवादो से घिरा हुआ है।

दरअसल यह पूरा मामला करुणा ग्रुप द्वारा आयोजित जलसा द डांडिया का आयोजन से जुड़ा हुआ है। जिसमे नियमों का उल्लंघन करके डांडिया का आयोजन किया गया है। इसमें पहले दिन ही मुस्लिम गायक मोहम्मद दानिश के आगमन पर हिंदू समाज ने कड़ा विरोध किया और अश्लील गाने बजने पर नाराजगी जाहिर की,इसके बाद हिंदू समाज ने यह भी आरोप लगाया की इस तरह का आयोजन सिर्फ हिंदू समाज के लिए होना चाहिए ताकि हिंदुओ की आस्था से खिलवाड़ न हो सके।
क्योंकि यह एक धार्मिक आयोजन है जिसमे लोग उत्साह उमंग से आकर हंसते खेलते और मस्ती करते है।

खैर आयोजन में ऊंच नीच तो होते रहता है क्योंकि आयोजन समिति वाले कोई न कोई गलती जरूर कर देते है।इस बार भी यही गलती इसमें हुई जब मालूम हुआ की बिना अनुमति के दो दिवसीय डांडिया का आयोजन किया जा रहा है।
बता दे की एसबीआर कालेज मतलब जेपी वर्मा कालेज में डांडिया के आयोजन के लिए अनुमति नहीं ली गई है। क्योंकि यह जमीन विवादित है और हाई कोर्ट में लंबित है तो फिर इसकी अनुमति देगा कौन,बताते है की विवादित जमीन पहले बजाज परिवार की थी उन्होंने जमीन सौरभ सोनछात्रा समेत चार लोगो को बेच दी थी,इसके बाद बजाज परिवार के ही अतुल बजाज ने कोर्ट में आपत्ति दर्ज की,जिसके कारण कोर्ट ने प्रकरण को यथावत रखने का आदेश दिया,मतलब यह जमीन जैसे जिसके नाम पर है वही रहे। लेकिन आयोजन समिति के लोगो ने पता नही कैसे और कहा से अनुमति लेकर आ गए। जो समझ से परे है।
और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए आंखों से काजल चुराकर डांडिया करा लिया। इसका मतलब साफ है की प्रशासन बिना अनुमति और रसूखदार होने के
नाम से बिना जांच के अनुमति दे देती है।

दो दिनो तक रहा ट्रैफिक जाम की स्थिति,हाई वे पर रहा असर

दो दिनो तक चलने वाले डांडिया को लेकर आसपास के लोगो ने आपत्ति जताई और बोले की देर रात तक चलने वाले डांडिया से न सिर्फ नींद हराम थी बल्कि आने जाने में भी काफी समस्या।होती थी,गली और मोहल्ले में गाड़ियों को रखकर डांडिया खेलने लोग जाते थे,जिसके कारण घर तक से निकलना मुश्किल हो गया है।

पुलिस भीड़ देखकर और अव्यवस्था देखकर भी बनी रही धृतराष्ट्र

आंखों में पट्टी बांधकर ड्यूटी करने वाले पुलिस विभाग इस आयोजन को लेकर अपनी आंख बंद कर ली थी,और कार्यक्रम में होने वाली अव्यवस्था को लेकर एकदम चुप और शांत खड़ी रही,लोग शिकायत भी किए लेकिन किसी की बातो का पुलिस पर कोई असर नहीं हुआ,जिसके कारण अपनी मनमर्जी से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हाई वे मार्ग भी ट्रैफिक जाम की से भरा रहा।

विवादित जमीन पर अनुमति किसने और कैसे दी,कौन है इसका जिम्मेदार

जानकारी के लिए आपको बता दिया जाए की जेपी वर्मा कालेज की जमीन भयंकर विवादित है और नेताओ को नजर में भी रहा,जिसके कारण प्रदेश भर में यह जमीन का मामला काफी तुल पकड़ा रहा,जिसे सब भुल चुके है।

अनुमति देने का अधिकारी प्राचार्य का कैसे

विवादित जमीन को डांडिया के लिए अनुमति देने का अधिकार प्राचार्य के पास भी नहीं है क्योंकि यह कालेज की जमीन नही है,इसके बाद भी प्राचार्य ने अनुमति दी ,को संदेह पैदा कर रहा है। प्राचार्य बोले की साफ सफाई की वजह से जमीन के लिए अनुमति दी गई थी ताकि इसी बहाने परिसर की सफाई हो जायेगी।

पूर्व जमीन मालिक ने कहा किसकी अनुमति से हुई यह जांच का विषय,होनी चाहिए कार्यवाही

मिडिया से बात करते हुए चिराग बजाज ने बताया की कालेज की को जमीन है वह निजी है जो कोर्ट मे लंबित है
जिसमे कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए है और यह जमीन सौरभ सोनछात्रा
के द्वारा रजिस्ट्री करा ली गई है।लेकिन इस निजी जमीन में अनुमति किसने दी यह जांच करने का विषय है।और आयोजन समिति वाले किसकी अनुमति से यह कार्यक्रम कर रहे है इसमें कार्यवाही होनी चाहिए।

कांग्रेस और भाजपा नेताओं को बनया अतिथि

आयोजन समिति के लोगो ने विवाद न हो और कोई आपत्ति न करे करके नेताओ को बुलाया,इसमें पहले दिन कांग्रेस नेता तो दुसरे दिन भाजपा के नेता शमिल हुए। ताकि कोई विरोध न करे बल्कि नेताओ को देखकर कोई आरोप भी न लगाए।

आयोजन समिति के अध्यक्ष ने नही उठाया फोन

करुणा ग्रुप द्वारा आयोजित दो दिवसीय डांडिया के आयोजन की जानकारी लेने के लिए अध्यक्ष आशीष उर्फ मोनू अवस्थी को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया,

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