नक्सलियों से शांति वार्ता का स्वागत: सुभाष परते
खासखबर बिलासपुर / छत्तीसगढ़ का बस्तर विगत 4 दशकों से नक्सली समस्या का दंश झेल रहा है । बस्तर हर दिन कहीं न कहीं लहूलुहान हो रहा है । हिंसा से किसी भी चीज का हल नहीं निकाला जा सकता छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद नक्सली समस्या पर अंकुश लगाने हेतु शासन प्रशासन ने कई कार्य किए पर यह समस्या बढ़ती गई बस्तर कभी शांति का टापू कहा जाता था जहां आदिवासियों के लोग संस्कृति को देखने पूरे विश्व से लोग आते थे पर 4 दशकों से नक्सलगढ़ के रूप में जाना जाता है
जिसके फल स्वरुप लगभग 6सौ गांव वीरान हो गए सलवाजुड़ुम आंदोलन में आपस में आदिवासी मारे गए विकास सिर्फ कागजों में रहा बस्तर की आम जनता पुलिस कैंप, फर्जी पुलिस मुठभेड़, कई बेगुनाह आदिवासियों के जेल में बंद अपने परिजनों को लेकर आज भी कई जगह आंदोलन रथ है ऐसे समय में पूर्ववर्ती शासन के प्रयास को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता क्योंकि इस समस्या में दोनों तरफ से आदिवासी ही अधिक मारे गए कई बेघर हो गए कई बच्चे अनाथ हो गए छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने से गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से बात करने का ऑफर दिया नक्सली जैसा चाहे सरकार बात करने को तैयार है गृह मंत्री ने कहा इस ऐलान के बाद नक्सलियों की ओर से जवाब आया जिसमें नक्सली भी कुछ शर्तों के साथ वार्ता के लिए तैयार हो रहे हैं
वहीं नक्सली संगठन के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की शांति वार्ता की पहल का स्वागत एवं समर्थन करते हुए सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते ने कहा कि हम इस वार्ता का स्वागत करते हैं इस समस्या के हल हेतु हर संभव मदद हेतु संगठन तैयार है। क्योंकि इस समस्या से आदिवासियों को बहुत क्षति हुई है। यह वार्ता सिर्फ बातों में नहीं रहना चाहिए यह काम जल्द होना चाहिए।