भूपेश बघेल के करीबी K.K.श्रीवास्तव की खोज में रायपुर पुलिस ने बिलासपुर में की छापेमारी….परिजनों से 30 मिनट तक की पूछताछ…कंस्ट्रक्शन कंपनी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने का दिया था झांसा….

बिलासपुर। करोड़ों की ठगी मामले में फरारी काट रहे भूपेश बघेल के करीबी K.K. श्रीवास्तव की खोज में रायपुर पुलिस ने बिलासपुर में छापेमारी की। टीम ने उनके घर पर छापा मारा,लेकिन KK श्रीवास्तव वहां मौजूद नहीं थे। जिसके बाद पुलिस ने लगभग 30 मिनट तक परिवार के सदस्यों से पूछताछ की और इसके बाद रायपुर लौट आई। बता दें कि, बीते दो महीनों में रायपुर पुलिस ने कई बार बिलासपुर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन अभी तक दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है….गुरुवार को भी DSP के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पुलिस दल ने बिलासपुर में छापेमारी की…..
करोड़ों की ठगी का है श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलाने का झांसा दिया था। इस वादे के बदले रावत एसोसिएट्स के मालिक अर्जुन रावत ने 10 से 17 जुलाई 2023 के बीच 15 करोड़ रुपये श्रीवास्तव को दिए थे।हालांकि कंपनी को कोई काम नहीं मिला, जिससे ठगी का मामला सामने आया। इसके बाद कंपनी की ओर से तेलीबांधा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया। तब से पुलिस श्रीवास्तव और उनकी पत्नी
कंचन श्रीवास्तव की तलाश कर रही है।
के.के श्रीवास्तव पूर्व CM भूपेश बघेल के माने जाते बेहद करीबी
बता दें कि, बिलासपुर रहने वाले के.के श्रीवास्तव पूर्व CM भूपेश बघेल के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसी संबंध का फायदा उठाकर धोखाधड़ी करने की बात सामने आई है।
पूर्व मुख्यमंत्री का श्रीवास्तव निवास में था आना जाना पिछली सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का लगातार बिलासपुर स्थित उसलापुर के श्रीवास्तव के निवास पर आना-जाना लगा रहता था। और इसी का फायदा उठाकर के के श्रीवास्तव ने दिल्ली के व्यापारी से लंबी रकम लेकर डील की थी।लेकिन उसे डील को पूरा नहीं करने पर अब उनकी शिकायत हुई है, मामले में इसकी शिकायत तेलीबांधा थाने में हुई है। के. के श्रीवास्तव पूर्व सीएम से आध्यात्म के चलते करीब आए। सरगांव में अनुरागी धाम का आश्रम है। अनुरागी धाम में पूजा अर्चना के दौरान ही पूर्व CM से उनकी पहचान हुई। आध्यात्म से जुड़े होने के कारण वे धीरे-धीरे करीब आते गए। नजदीकियां बढ़ती ही गई….सरकार रहते बिलासपुर आने पर् उसलापुर जरूर जाते थे भूपेश अनुरागीधाम में पूजा अर्चना के बाद उसलापुर स्थित श्रीवास्तव के घर में पूर्व CM पूजा के लिए आने लगे। महीने में पूर्व CM का उसलापुर एक चक्कर हो ही जाता था….श्रीवास्तव का रसूख ऐसा कि पूजा के दौरान पूर्व CM के अलावा किसी को एंट्री नहीं मिल पाती थी। बाउंसर खड़े रहते थे। करीबियों को मुलाकात करनी होती थी तो रास्ते में खड़े रहते थे। तब पूर्व CM रायपुर से सीधे बिना किसी तामझाम के कभी चकरभाठा एयरपोर्ट से उसलापुर या फिर कभी सीधे सीएम हाउस से सड़क मार्ग होते उसलापुर। उनकी तरफ से भी हिदायत रहती थी कि पूजा के दौरान उसलापुर कोई ना आए।
ब्लैक स्मिथ कंपनी बनाकर शुरु किया कारोबार पूर्व सीएम से नजदीकी का लाभ उठाते हुए श्रीवास्तव ने ब्लैक स्मिथ कंपनी बनाई। इसके जरिए फ्लाई एश के धंधे में उतरा। कोरबा से लेकर रायगढ़ और सीपत एनटीपीसी पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई एश के परिवहन में
एकाधिकार कर लिया। उस दौर में चर्चा भी इस बात की खूब रही कि कोरबा जिले में उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप भी खूब हुआ करती थी।
साडा के CEO से कंपनी के डॉयरेक्टर तक का सफर श्रीवास्तव मूलतः चिरमिरी के रहने वाले हैं। वर्ष 1994-95 में रतनपुर साडा के सीईओ के पद पर काम किया। नौकरी छोड़ने के बाद वे कोरबा के एक औद्योगिक घराने से जुड़े, आजतक उनके लिए काम करते आ रहे हैं। कांग्रेस शासनकाल में नहर निर्माण से लेकर सड़क तक का ठेका लेते थे…ठेका भी लेते रहे हैं। जल संसाधन विभाग ने उनके रिश्तेदार ऊंचे ओहदे पर काम कर रहे थे।