पोर्न वीडियो देखकर 5 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म की कोशिश,नाकाम रहने पर कर दी थी हत्या

सरकंडा पुलिस ने किया 3 घंटे में खुलासा
स्वर्णिम ईरा कालोनी में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं
सरकंडा पुलिस नोटिस जारी करके बिल्डर से करेगी पूछताछ
काम करने वाले मजदूरों का वेरिफिकेशन और सुरक्षा को लेकर एसपी ने दिया थाना प्रभारी को कड़े निर्देश
बिलासपुर। पांच वर्षीय नाबालिक के हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। कॉलोनी में ही रहने वाले 12 वर्षीय नाबालिक ने बच्ची से दुष्कर्म का प्रयास किया। जिसमें असफल रहने पर लकड़ी के बत्ते से बच्ची के सिर में वार करके हत्या कर दी। नाबालिग बालक के मोबाइल का अवलोकन करने से पता चला कि बच्चा अश्लील वीडियो देखने का आदि है।
सरकंडा थाना क्षेत्र के सरकंडा थाना के पीछे बन रही पॉश स्वर्णिम ईरा कॉलोनी में मजदूरी करने के लिए कोनी थाना क्षेत्र के सेमरताल से एक मजदूर परिवार आकर रह रहा है। परिवार में पति-पत्नी दोनों मजदूरी करते हैं। उनकी तीन बेटियां है। सोमवार की शाम 6 बजे जब दोनों पति-पत्नी मजदूरी करके घर लौटे तब उनकी सबसे छोटी पांच साल की बेटी खेल रही थी। मजदूर दंपत्ति हाथ– मुंह धोने लगे। उनकी बेटी उनसे पैसे लेकर चॉकलेट खाने गई।लेकिन काफी देर तक वापस नहीं आई। इसके बाद उसके माता-पिता काफी खोजबीन करने के बाद सरकंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस और परिजन बच्ची के तलाश में जुटे ही थे कि स्वर्णिम ईरा कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान क्रमांक–80 में छत पर बच्ची की लाश मिली। बच्ची के सिर में चोट के निशान थे। सूचना मिलने पर एसपी रजनेश सिंह एडिशनल एसपी एसीसीयू अनुज कुमार,डीएसपी सिद्धार्थ बघेल, मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही एसएफएल यूनिट,फिंगरप्रिंट और डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया। घटना स्थल के निरीक्षण पर पाया गया कि स्वर्णिम ईरा कॉलोनी बिलासपुर में जिस स्थान पर घटना घटित हुई है वहां पर एक हजार से अधिक महिला एवं पुरुष मजदूर अपने बच्चों के साथ रहकर काम करते हैं।जिस नाबालिक बालिका की हत्या हुई उसके माता-पिता की मजदूरी करते हैं तथा कॉलोनी में ही बने मजदूरों के क्वार्टर में रहते हैं। घटनास्थल के निरीक्षण और घटना के तरीका के अवलोकन से यह स्पष्ट हो गया था की घटना कॉलोनी में रहने वाले किसी ने घटित की है। इस आधार पर एसपी रजनेश सिंह ने घटना के खुलासा करने के लिए पांच टीमों का गठन किया। इनमें तीन टीमों को कॉलोनी में रहने वाले मजदूरों एवं उनके बच्चों से पूछताछ करने के लिए,एक टीम को कॉलोनी में लगे सीसीटीवी के अवलोकन के लिए, और एक टीम को कॉलोनी में पूछताछ कर सूचना संकलन की जिम्मेदारी दी गई।
पुलिस टीम घटना के संबंध में पूछताछ एवं तस्वीर के दौरान कॉलोनी में काम करने वाले मजदूर एवं अन्य व्यक्तियों के गोपनीय तरीके से शारीरिक जांच एवं गतिविधियों पर निगाह रख रही थी। जांच टीम के द्वारा ऐसे 9 संदिग्ध प्रतीत हो रहे व्यक्तियों की शिनाख्त की। उनके शरीर में चोट– खरोंच के निशान थे। उन संदिग्धों से कड़ाई एवं बारीकी से पूछताछ किया गया। इसी दौरान कॉलोनी के सीसीटीवी के अवलोकन में एक नाबालिक बालक मृतिका को हाथ पकड़ कर घटना स्थल की ओर ले जाता हुआ दिखाई दिया। उक्त नाबालिक पूर्व से ही पहचान किए गए 9 संदिग्धों में से एक था। इस आधार पर नाबालिक से पूछताछ किया गया। जिसने अपराध करना स्वीकार कर लिया।
मृतिका की मां के रिश्तेदारी भी थी हत्या के आरोपी के परिजनों की
पुलिस ने बताया कि मृतिका के रिश्तेदारी में होने कारण कालोनी के झोपडी में रहकर मजदूरी का काम करते थे। और इसी कारण जान पहचान भी थी।जिसके कारण घर आना जान रहता था।
पोर्न वीडियो देखकर नाबालिग उत्तेजित हो गया और नाबालिग बालिका के साथ अनाचार करने की नियत से हाथ पकड़ा और जब कामयाब नहीं हुआ तो उसकी हत्या कर दी।
नाबालिग पोर्न वीडियो देखने का है आदि
पुलिस ने जब आरोपी बालक के बैकग्राउंड और हिस्ट्री को चेक किया तो पता चला कि नाबालिक पोर्न देखने का आदि है। उसके माता-पिता भी कॉलोनी में बने मजदूरों के क्वार्टर में रहकर निर्माणाधीन कॉलोनी में काम करते हैं। आरोपी मोबाइल में पोर्न देखने का आदी है। उसने बालिका से दुष्कर्म की कोशिश की। नाकाम रहने पर निर्माणाधीन मकान में पड़े लकड़ी के बत्ते से सर में वारकर हत्या कर दी।
कॉलोनी में सुरक्षा के नहीं है समुचित प्रबंध
स्वर्णिम ईरा नाम से बनाई जा रही पॉश कॉलोनी में सुरक्षा के समुचित इंतजाम नहीं है। यहां 1 हजार मजदूर परिवार रहते हैं। इसके अलावा मकान बनने के बाद लोगों को हैंडओवर भी किए गए हैं। पर सुरक्षा के लिहाज से कॉलोनी के मुख्य इंट्रेंस गेट में ही गार्ड रहते हैं। कॉलोनी के अंदर और अलग-अलग जगह से कोई घुसकर कुछ वारदात कर दे तो इसे रोकने के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि कॉलोनी के लोगों ने बिल्डर के खिलाफ शिकायत करते हुए बताया कि कॉलोनी में समुचित सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड आदि सुरक्षा की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। कॉलोनी में 75% घर पूर्ण हो चुके हैं और केवल 25% घर बाकी है। फिर भी कॉलोनी चारों तरफ से खुली हुई है, बाउंड्री नहीं है कोई कहीं से भी आ–जा सकता है। ऐसे में कोई भी वारदात हो सकती है।
1 हजार से अधिक मजदूर करते है काम
एसपी ने बताया कि कॉलोनी के निर्माण में 1 हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं,इनमें कई बाहर से आकर काम कर रहे हैं पर इनकी कोई सूची पुलिस के पास बिल्डर ने उपलब्ध नहीं करवाई है। इसलिए सरकंडा थाने को निर्देशित किया गया है कि बिल्डर को भी थाना तलब किया जाए। इसके अलावा अन्य बिल्डरों और कॉलोनाइजरों को भी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने हेतु निर्देशित किया जाएगा। उन्हें हिदायत दी जाएगी कि केवल कॉलोनी बनाकर हैंडओवर कर देने से काम नहीं चलेगा बल्कि सुरक्षा हेतु समुचित प्रबंध करने होंगे।
एसपी ने टीआई से कहा,नोटिस जारी करे और वेरिफिकेशन नहीं कराने वालों पर कड़ी कार्यवाही करे
इस हत्या के मामले में जब सरकंडा टीआई नीलेश पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कालोनी में सुरक्षा के एक भी इंतजाम नहीं है।चारो तरफ से खुला हुआ है चौकीदार तक नहीं है।
जिसके कारण कोई भी कालोनी में आ जाता है।इसके लिए एसपी ने निर्देश किया है कि कालोनी के बिल्डर को नोटिस जारी किया जाए और पूछा जाए कि आखिर क्यों सुरक्षा व्यवस्था और बाउंड्रीवाल नहीं कराया गया है। सुरक्षा के जब इंतजाम नहीं है फिर कालोनी को पूरा डेवलप करने और झूठा प्रचार प्रसार करके क्यों बेचा जाता है।
एसपी बोले,बच्चों का रखना चाहिए ध्यान
एसपी रजनेश सिंह ने घटना के खुलासे के दौरान कहा कि हमें अपने सामाजिक परिवेश में आस-पड़ोस और बच्चों का ध्यान रखना चाहिए। माता-पिता अपनी व्यस्तता के चलते बच्चों को मोबाइल देकर उन्हें इंगेज करना चाहते हैं। जबकि उल्टा यदि बच्चे ज्यादा समय तक मोबाइल चलाएं तो अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए कि उनके बच्चे मोबाइल में क्या देख रहे हैं, क्या कर रहे हैं। उन्हें उचित मार्गदर्शन व नैतिक शिक्षा देनी चाहिए।