प्रमुख मांगों पर प्रशासन की अनदेखी से नाराज कर्मचारियों ने किया हड़ताल

शासन से नाराज़ समिति कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर
बिलासपुर में संभाग स्तर पर आंदोलन हुआ शुरू
बिलासपुर। आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारी लंबे समय से लंबित तीन प्रमुख मांगों पर शासन की चुप्पी से निराश होकर अब अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले गए। सोमवार को बृहस्पति बाजार के पास बीआर यादव ग्राउंड पर धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने बिलासपुर संभागायुक्त महादेव कावरे व कलेक्टर अवनीश शरण को आवेदन सौंप अपनी मांगो को जल्द पूरा करने की मांग की है। कर्मचारी संघ का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों पर ठोस समाधान नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कर्मचारियों का कहना है कि यह आंदोलन उनके हितों के लिए कई वर्षों से लंबित प्रमुख मांगों के कारण हो रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि इन मांगों को लेकर बार-बार ज्ञापन सौंपने के बाद शासन से बात करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन शासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लंबे समय तक प्रशासन की ओर से आश्वासन ही मिलता रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों ने अब अनिश्चितकालीन आंदोलन का निर्णय लिया है। बीआर यादव गार्डन में बैठे कर्मचारियों ने कहा कि उनके आंदोलन से किसानों को हो रही परेशानियों की जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी। उन्होंने अपनी मांगों पर शासन से तत्काल कदम उठाने की मांग की है।

वह मांगे जिन्हें लेकर अनिश्चित कालिन धरने पर बैठे कर्मचारी
प्रबंधकीय अनुदान.. मध्यप्रदेश शासन की तरह छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी 5-5 लाख रुपए का प्रबंधकीय अनुदान प्रदान किया जाए।
सेवा नियमों में सुधार और पदोन्नति.. सेवा नियमों में सुधार किया जाए और जिला सहकारी बैंकों में पदोन्नति की प्रक्रिया को नियमित किया जाए।
धान खरीद में नुकसान से बचाव.. धान उपार्जन प्रक्रिया में होने वाले नुकसान से बचाव के लिए ‘सुखत’ का प्रावधान किया जाए।