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रंगमंच से जुड़ी शख्सियत कार्यशाला में थियेटर की सिखाएंगे बारीकियां…

40 दिनो तक चार अलग अलग स्थानों पर दी जाएगी ट्रेनिंग

बिलासपुर। अग्रज दल के संस्थापक और नाट्य निदेशक सुनील चिपड़े ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि स्कुल कालेज के विद्यार्थियों को रंगमंच से जोड़ने वे 20 सालों से लगातार अभिनय आधारित कार्यशाला लगा रहे हैं। 20 मई से नेहरू नगर के महाराष्ट्र मंडल और 30 मई से रेलवे इंस्टिट्यूट मे कार्यशाला शुरू होगी, जिसमें उन्होंने बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ते हुए उनकी प्रतिभा मे निखार लाया जाएगा।उन्होंने कहाकि एक्टिंग को लेकर युवाओं में काफी क्रेज है। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा मध्यप्रदेश,(NSDM)और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली (NSDD)या दूसरे प्रोफेशन एक्टिंग इंस्टिट्यूट मे दाखिला पाने के लिए रंगमंच की बेसिक जानकारी ही काफी नहीं है। श्री चिपड़े ने बताया फिल्म,टीवी सीरियल मे कैरियर बनाने युवाओं को लगातार थिएटर करने की जरूरत है। 19 मई से इंदिरा विहार में शुरू कर रहे वर्क शाप में पुराने कलाकार भी भाग ले सकते हैं। इस तरह 40 दिनों में शहर के अलग अलग जगहों मे 4 कार्यशालाएं संचालित की जाएंगी। खास बात है कि खैरागढ़ संगीत कला विश्वविद्यालय मे रंगमंच के hod और NSD पास आउट योगेश चौबे , NSD मे अंतिम वर्ष के स्टूडेंट शहर के कुनाल भागे समेत इस क्षेत्र के मंझे हुए लोग पूरा एक दिन रहकर प्रतिभागियों को थियेटर के विभिन्न पहलुओं की व्यवहारिक जानकारी देंगे।
अग्रज नाट्य दल की अध्यक्ष अनीश श्रीवास और संयोजक चंपा भट्टाचार्य ने बताया कि वर्कशॉप में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा इसके लिए अग्रज नाट्य दल के ऑफिशियल पेज और कार्यशाला स्थल में संपर्क किया जा सकता है।

थियेटर वर्कआउट वर्कशॉप

  1. युवाओं व वरिष्ठों के लिए- 19 मई से , 40 दिवसीय। इंदिरा कला मंदिर के साथ मिलकर , इंदिरा विहार , सरकंडा में।
  2. बाल रंगमंच की कार्यशाला 20 मई से, 15 दिवसीय । महाराष्ट्र मंडल के साथ मिलकर पारिजात कालोनी, नेहरू नगर में।
  3. नार्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट क्लब के साथ बच्चों की नाट्य कार्यशाला, 30 मई से , रेलवे इंस्टिट्यूट में।

वर्कशॉप उद्देश्य

  1. अभिनय, फ़िल्म, टीवी अब एक बड़ा सेक्टर है। लोगों की रुचि अब बतौर प्रोफेशन अपनाने में बढ़ रही है। पर ट्रेनिंग और बेसिक की कमी है। रंगमंच आज अभिनय की स्कूलिंग की तरह समझा जाने लगा है। अभिनय, लेखन, निर्देशन, आर्ट डायरेक्शन में दुनिया भर के प्रोफेशनल्स में थियेटर के लोगो का दखल है। हमारे आस पास के लोगो को बेसिक ट्रेनिंग सुविधा प्रदान करना अग्रज का फोकस है।
  2. लोग थियेटर से जुड़ने के लिए अक्सर संपर्क करते है या संस्थाएं खोजते है। अग्रज उन रुचिकर लोगो को कनेक्ट करने चाहता है।
  3. बच्चों में रचनात्मकता, पर्सनालिटी डवलपमेन्ट, फिज़िकली एक्टिव रखने के उद्देश्य से नाट्य गतिविधि को प्रमोट करना।
  4. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अलावा बहोत से विश्वविद्यालय में अब रंगमंच का पूरा डिग्री और डिप्लोमा कोर्स है। इन कोर्स में एडमिशन के लिए युवाओं को बेहतर तैयारी दे सके।

अग्रज नाट्य दल का परिचय
संस्था की स्थापना के विगत 30 वर्षों से लगातार सक्रिय नाट्य संस्था के रूप में स्थापित है। आधुनिक रंगमंच परिपाटी पर काम कर रही संस्था नाट्य प्रशिक्षण का अघोषित केंद्र है। देश विदेश के नाट्य रचनाकारों पर काम किया है। जिनमें सेक्शपियर, ब्रेख्श, लुशुन, निकोलाई गोगोल, भानु भारती, धर्मवीर भारती, सतीश आलेकर, नाग बोडस, मुक्तिबोध, असगर वजाहत,भीष्म साहनी, हरिशंकर परसाई, राधाकृष्ण सहाय, एंटन चेखोव, आतमजीत, लक्ष्मीनारायण लाल जैसे प्रतिष्ठित लेखकों के नाटकों का मंचन किया है। अब तक शहर में लगभग 500 युवाओं व वरिष्ठों के साथ काम कर चुकी है। विगत 30 वर्षों में 1000 से ऊपर बच्चों के साथ काम किया है। वर्ष 2001 से 2005 के बीच 5 वर्ष तक केंद्रीय जेल के बंदियों के साथ अग्रज ने कार्यशाला की है। अनेक सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के साथ जागरूकता व मनोरंजन मूलक प्रस्तुतियां की है। अग्रज छत्तीसगढ़ में लाइट साउंड सेट्स की आधुनिक तकनीक के साथ नाटक करने वाले दल के रूप में जाना जाता है।

इस वर्ष आयोजित कार्यशालाओं में क्या क्या होगा
युवाओं व वरिष्ठों की वर्कशॉप में – अभिनय की पाठशाला की तरह होगा साथ ही तकनीकी समझ बढ़ाने के लिए नाट्य प्रस्तुति के साथ साथ । बॉडी लेंग्वेज, वाइस मॉड्यूलेशन एंड प्रोजेक्शन, एक्टिंग, कैरेक्टर बिल्डिंग, स्वर अभ्यास, मूमेंट, थियेट्रिकल गेम्स, स्टेज जौग्रफी, लाइट डिजाइनिंग, मेकअप विषयो पर ट्रेनिंग के साथ नाट्य प्रस्तुति तैयार की जाएगी । जिसके लगातार 5 से 6 मंचन करने का प्लान है।

कार्यशाला निर्देशक
सुनील चिपड़े – रंगमंच व अभिनय ट्रेनिंग प्रोग्राम्स में विगत 30 सालों से सक्रिय ।100 से अधिक नाटकों का निर्देशन। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से लोक संगीत डिप्लोमा। नाट्य कार्यशालाओ का वृहत अनुभव। थियेटर इन एजुकेशन पर बी एड कॉलेज व शिक्षण संस्थानों के साथ सक्रिय काम। कहानी व कविताओं के रंगमंच पर दखल। अग्रज नाट्य दल के संस्थापक सदस्य। फ़िल्म में भी अभिनय पुणे फ़िल्म इंस्टीटूट के स्नातकों की फ़िल्म कोसा में अभिनय जिसका अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन, हाल में प्रदर्शित छत्तीसगढ़ी फ़िल्म बी ए फाइनल ईयर में अभिनय, आने वाली कमर्शियल फिल्म यादव जी की मधु जी में प्रमुखता से अभिनय। डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म व शार्ट फ़िल्म का निर्माण व निर्देशन।

गेस्ट फेकल्टी
40 दिवसीय कार्यशाला में अलग अलग विषयो पर क्लास लेने गेस्ट फेकल्टी भी होंगी जो रंगमंच की शिक्षा से जुड़े डॉ योगेंद्र चौबे (राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक, खैरागढ़ विश्वविद्यालय के ड्रामा विभाग प्रमुख) डॉ सुप्रिया भारतियन (प्रोग्राम एग्जेक्युटिव, वॉइस कल्चर पर पी एच डी) गरिमा दिवाकर (राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्नातक और ख्यातिलब्ध लोक गायिका) डॉ धीरज सोनी (खैरागढ़ विश्वविद्यालय के रंगमंच में स्नातक व रंगमंच पर पी एच डी) कुणाल भांगे (राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र व अग्रज के सक्रिय सदस्य) चम्पा भट्टाचार्यजी (संगीत शिक्षक, स्वर अभ्यास ट्रेनर) अरुण भांगे (लाइट डिज़ाइन व मेकअप)शामिल रहेंगे।

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