श्मशान घाट पर तांत्रिक क्रिया करने वाल तांत्रिक और पूर्व सरपंच की ग्रामीणों ने कर दी जमकर पिटाई
बिलासपुर। जिले के तखतपुर थाना क्षेत्र के पुरेना गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर तांत्रिक क्रिया करते हुए पूर्व सरपंच सहित चार लोगों को पकड़ा और उनकी पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। घटना बीती रात की है, जब ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर कुछ संदिग्ध गतिविधियों को देखा। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने पाया कि पूर्व सरपंच और तीन अन्य लोग तांत्रिक क्रिया में लिप्त थे। इनके पास मछली, अंडा, बकरे का भेजा और देसी शराब जैसी वस्तुएं थीं, जो तांत्रिक क्रियाओं में उपयोग की जाती हैं।
ग्रामीणों ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए चारों को घेर लिया। इस दौरान, एक महिला सहित दो लोग मौके से फरार होने में सफल रहे। गुस्साए ग्रामीणों ने तांत्रिक और पूर्व सरपंच की पिटाई की और बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
*अंधविश्वास से बचने की अपील :*
पुलिस का कहना है कि इस घटना ने एक बार फिर अंधविश्वास और तांत्रिक क्रियाओं के दुष्प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। समाज में व्याप्त ऐसे अंधविश्वास न केवल सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करते हैं, बल्कि कई बार हिंसा और अपराध को भी जन्म देते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि लोग वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं और अंधविश्वास से दूर रहें।पुरेना गांव की यह घटना समाज में अंधविश्वास के गहरे प्रभाव को दर्शाती है। इससे निपटने के लिए प्रशासन, समाज और नागरिकों को मिलकर प्रयास करने होंगे। पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
*जांच के बाद की जाएगी कड़ी कार्रवाई :*
सूचना मिलते ही तखतपुर थाना प्रभारी देवेश राठौर ने पेट्रोलिंग टीम को घटनास्थल पर भेजा। पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया और उनके पास से तांत्रिक क्रिया में उपयोग होने वाली सामग्री जब्त की। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
*ग्रामीणों ने कहा कड़ी कार्रवाई हो :*
यह घटना पुरेना गांव में चर्चा का विषय बन गई है। ग्रामीणों ने तांत्रिक क्रियाओं और अंधविश्वास के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उनका मानना है कि इस प्रकार की गतिविधियां समाज के लिए हानिकारक हैं और इन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।